बहन का नग्नतावाद से परिचय-13
प्रेषक : आसज़
सम्पादक : प्रेमगुरू
मियाको तम्बू की ओर भागी और एक डिजिटल कैमरे के साथ वापस आई।
जल्द ही मैं उनकी तस्वीरें ले रहा था। हाथ में हाथ लिये खड़े, एक दूसरे को सामने से गले लगाये हुये और अंत में पानी के किनारे एक बड़े तौलिए पर करीब पर एक साथ बैठे हुए।
“मेरी इच्छा थी कि मेरे स्तन बड़े होते !” मियाको ने हाथों से अपने छोटे स्तन छुपाते हुए कहा,”आपकी बहन की तरह, टिम !”
“वे उस पर अच्छे लगते हैं प्रिय !” माइक ने कहा,”लेकिन तुम्हारे तो मैं बस जैसे हैं, वैसे ही पसंद करता हूँ।”
वह उसको चुम्बन देने के लिये मुड़ी और इसके साथ ही अपने दाहिने हाथ को उसके बाएं स्तन पर ले गया और उसकी उंगलियों के बीच चुचूक को दबाने लगा। उसने उसकी गर्दन और माथे को चूमा और सहज ही मियाको के हाथ में अब उसका उत्तेजित लिंग आ गया।
“ओह !” वह खिलखिलाई और उसे दूर धकेलने की कोशिश की,” बेहतर है कि हम इसे बंद करें !”
“क्यों?” उसने मेरी तरफ देखते हुये पूछा,”टिम, बुरा मत मानना, तुमने तो हमें पहले देखा है ना?”
“नहीं !” मैंने बात टालने के लिए कहा,” मैंने पहले कुछ नहीं देखा।”
माइक ने कहा,” तुम झूठ बोल रहे हो टिम ! मुझे कोई संदेह नहीं कि नहीं तुमने हमें मुझमैथुन करते कल देखा था, अब कुछ और शॉट ले लो।”
जैसे ही वे चुंबन लेने के लिए पास आए, उसका लिंग उसकी छोटी योनि से टकराने लगा, साथ ही माइक अपनी उंगली से उसकी भगनासा को दबाने लगा।
जैसे वे चूम रहे थे और एक दूसरे में मग्न थे। उन्हें देख कर मैं अब पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था !
मियाको ने थोड़ा शरमा कर मेरे लिंग पर नजर डाली।
मुझे उसकी आँखों में उत्साह और घबराहट का एक मिश्रण दिखा और मैं जान बूझ कर थोड़ा उनसे दूर चला गया, उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिये कि मैं उनके यौन-कलाप में बाधक नहीं बन रहा।
माइक ने मुझे देखा, मेरे उत्थित लिंग को देखा और फुसफुसाया,”बेचारा टिम ! मुझे लगता है कि हम दोनों एक ही समस्या है ! बेबी तुम उसकी मदद क्यों नहीं करती?”
मैं सुन नहीं पाया कि मियाको ने जवाब में क्या कहा, लेकिन मैं उसके सिर के हिलाने से जान गया कि वह वह इस सुझाव के लिए तैयार नहीं थी।
“माफ करना, दोस्त !” माइक ने मुझे निराशा से कहा।
“अरे, मुझे कोई समस्या है ही नहीं !” मैंने कहा,” बेहतर है कि मैं तुम दोनों को अकेले छोड़ दूँ !”
“नहीं,” उसने सांस ली, मुझे उसने मियाको के लंबे-काले अस्त-व्यस्त बालों के बीच से देखते कहा,”और अधिक तस्वीरें खींचो !”
इसके साथ मियाको ने धीरे से माइक को उसकी पीठ पर नीचे लिटा दिया और वे दोनों 69 की स्थिति में आ गए। मैं अपने घुटनों पर आ गया और उसके बाद धीरे धीरे लिंग को चाटने की काफ़ी तस्वीरें ली, मियाको लेंस में सीधे देख कर चाटती गई और मुस्कुराती रही। एक बार उसने लिंग को अपने गाल से लगा कर पकड़ा और खिलखिलाई। माइक उसके चूतड़ पकड़े था और अपनी जीभ से उसकी चिकनी योनि को खोल रहा था।
मैं करीब गया और उस तंग छोटी योनि की तस्वीरें ली और साथ ही उसकी भगनासा के आसपास जीभ के घूमने से दिखते उसकी काले रंग के भीतरी होंठ की तस्वीर लीं।
मैं तो उनकी तस्वीरें लेने के लिए इतना इच्छुक था कि मैं कुछ समय के लिए अपने तड़फड़ाते लिंग की उपेक्षा करने में कामयाब रहा।
उन्होंने कुछ मिनट के लिए उसी तरह से जारी रखा।
मियाको उसके लिंग को जितना ज्यादा हो सकता था, मुँह में ले रही थी और जकि माईक एक तड़प से उसकी भगनासा और योनि को सभी तरह से चूम और चाट रहा था।
सुबह की धूप खिलती जा रही थी और मुझे अब डर लगने लगा था कि चहल-पहल बढ़ने के कारण हम ऐसा करते देखे जा सकते हैं, लेकिन वे उस आनन्द में खो गए थे।
अचानक मियाको तेजी से घूम गई और अपनी योनि को माइक के लिंग पर टिका दिया। माइक अपने लिंग के अग्रभाग को उसकी योनि के आसपास धीमी चक्राकार गति से रगड़ने लगा। मैं इस दृश्य को ज़ूम करके खींचने के लिये उनके पास चला गया।
माइक का उत्थित लिंग लगभग सात इंच लंबा था और उसने तीन-चार बार उसके अंदर-बाहर किया जब तक मियाको ने उसे अपने अंदर पूरी तरह से समा न लिया।
एक बार उसने यह कर लिया फिर सपनों भरी आँखों से उसके कूल्हों पर हाथ के साथ कैमरे की ओर देखा और वह अपने चुचूक मरोड़ने लगी और झटके मारने शुरू किए।
मैंने तस्वीरें लेना जारी रखा, लेकिन बार-बार अपने उत्थान को दबाने के लिये लिंग को सहलाने उनसे दूर एक तरफ होना पड़ता था।
मियाको की नज़र बार बार नजर मेरे लिंग पर जा रही थी उअर उसे देख कर वो अपने होंठों पर जीभ फ़िरा रही थी।
माइक का गीला लिंग योनि में अंदर-बाहर हो रहा था और तभी मियाको एक हाथ से पूरे जोश से अपनी भगनासा रगड़ने लगी और कहने लगी- और अधिक ! और अधिक ! हाँ हाँ !
मेरा लिंग भी अब सेक्स उन्माद के रिसाव से सन गया था और सेक्स मादक गंध हमारे आसपास फैल गई थी।
मियाको ने अपने होंठ दबाये और चिल्लाई कि वह आ रही है। वह माइक के घुटने पर एक हाथ रख कर आगे झुकी और अपने कूल्हों को तीन-चार बार हिंसक ढंग से हिलाया और एक चिल्लाहट के साथ जब उसने हिलना बंद कर दिया तो माइक ने उसे धीरे से आगे धक्का दिया और उसके पीछे घुटनों पर बैठ कर धीमी गति से एक झटके में पूरी तरह लिंग प्रवेश कराया।
माइक अब हांफ रहा था मियाको दांत भींच कर कराह रही थी और दोनों लगता था अपने कैमरामैन के बारे में भूल गए थे।
मैंने एक हाथ से तस्वीरें ली जबकि दूसरे से हस्तमैथुन जारी रखा और अनजाने में मेरे झटकों की लय माइक के लंबे पतले लिंग के तेजी से अंदर-बाहर होने की लय से मिल गई।
“और यह मैं भी गया, बेबी !”उसने कहा और उसकी योनि से अपने लिंग को खींच लिया और उसके नितंबो और पीठ पर अपना वीर्य छोड़ दिया।
एक सेकंड के बाद में मैं भी आ गया, यद्यपि और मेरा स्खलन कम था पर मेरी उम्मीद से ज्यादा दूर जाकर मियाको की पीठ पर गिरा।
माइक ने मेरी तरफ देखा और आँख मारी और जल्दी से उसकी त्वचा पर इसे अपने वीर्य के साथ मिला कर मल दिया। मियाको आगे अपनी कोहनियों पर झुकी थी, उसकी आँखें बंद थी और मैंने महसूस किया कि उसने मेरे स्खलन को नहीं देखा था।
माइक और मियाको तौलिए पर बैठ गये और एक दूसरे के प्रगाढ़ आलिंगन में खो गये। मैंने अपनी तौलिए के एक कोने अपने लिंग पर लगे बाकी वीर्य को पौंछ दिया, लेकिन वो युगल अपनी चिपचिपाहट से उदासीन लग रहा था।
“उफ़्फ़ !” थोड़ी देर बाद मियाको ने कहा,”यह सब कुछ बहुत शरारत भरा था लेकिन हम हमेशा इस तरह की तस्वीरें बनवाना चाहते थे। धन्यवाद टिम !”
मैंने उसे कैमरा सौंप दिया और वे कैमरे में तस्वीरों को ऊपर-नीचे करके देखते हुये ठहाका मारते हुए हंस रहे थे।
“मैं प्रभावित हूँ दोस्त !” माइक ने कहा,”बहुत साफ फोटो हैं, आपने अपने हाथ कैसे इतना स्थिर रखा था?”
“फोटोग्राफ़ी मैंने सीखी है !” मैंने कहा।
“क्या हम एक तस्वीर तुम्हारे साथ ले सकते है?” मियाको ने पूछा।
मुझे खुशी हुई कि एक सुंदर महिला को आलिंगन करते हुए हमारी तस्वीर माइक ने ली। माइक के कहने से मियाको ने साहस करके मेरे लिंग को पकड़ कर एक फोटो खिंचाई।
सूरज अब तक उपर आ गया था और उन दोनों ने बहादुरी से नदी में एक डुबकी लगाने का फैसला किया पर मैंने मना कर दिया और बताया कि मुझे अपनी बहन के पास वापस जाना है और नाश्ते का प्रबन्ध देखना है।
मैं वापस चला गया पर उन्हें सावधानी से देख रहा था, वे हाथ में हाथ डाले नदी में उतरे और वे पानी में पूरे डूबने से पहले मुझे अभिवादन करने के लिये मुड़े। उनकी छप्प की आवाज से कई पक्षी ऊपर उड़ गए।
मैं खुशी खुशी मुख्य शिविर में वापस आ गया। मैंने नए दोस्त बना लिए थे। कुछ कामुक पलों को देखा था और गर्मियों का एक शानदार दिन शायद अभी तक ठीक से शुरू भी नहीं हुआ था।
कहानी अभी जारी रहेगी !
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