बहन की ननद का चुदाई का वायदा

बहन की ननद का चुदाई का वायदा

मैं निर्मल.. अन्तर्वासना का नया पाठक हूँ। मैं अपनी पहली कहानी भेज रहा हूँ। मैं एक किसान परिवार से हूँ।

मैं 5 फिट 7 इन्च का गोरा स्मार्ट लड़का हूँ.. पढ़ाई के साथ-साथ मुझे दौड़ने और व्यायाम करने का शौक भी है.. इसलिए मेरी बॉडी अच्छी है.. मतलब किसी भी लड़की को आकर्षित करने के लिए काफी है। मेरा देसी लण्ड काफी लम्बा और मोटा है।

बात तब की है.. जब मैं पढ़ाई करता था.. एवं 11वीं पास कर चुका था। मैं अपने एक दूर के रिश्तेदार के पास छुट्टी में गया हुआ था.. वहाँ मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई उसका नाम नीलू था, वो वहाँ एक शादी में आई हुई थी।
उसकी उम्र 20 साल थी वह मुझसे 2 साल बड़ी थी.. पर दिखने में नहीं लगती थी। हमारे बीच हँसी-मजाक होता रहता था.. पर मैं उसके बारे में कभी गलत नहीं सोचता था।

वह बहुत सुंदर थी.. मैं उसे अक्सर देखा करता था।

एक दिन की बात है.. शाम का समय था.. चाची खाना बना रही थीं। पास ही में एक खाट पर हम दोनों बैठे आपस में मजाक कर रहे थे।

उसके गांव में मेरे चाचा की लड़की की शादी हुई थी.. वह उसकी ननद लगती थी, इस रिश्ते से वह मुझसे ज्यादा मजाक करती थी।
चाची की शादी को भी एक साल ही हुआ था, हम उम्र होने के कारण हम खुलकर बात करते थे।

चाचाजी लखनऊ में नौकरी करते थे.. इसलिए घर में वो और उनकी सास ही रहती थीं।

बातचीत करते-करते रात हो गई.. फिर हम तीनों ने खाना खाया। उसके बाद चाची दूसरी खाट डाल कर लेट गईं।
फिर से हँसी-मजाक शुरू हुआ, इस बीच वो कभी-कभी मुझे चुटकी काट लेती थी.. पहले तो मुझे गुस्सा आ रहा था.. पर अब मुझे भी मजा आने लगा था।

मैं इस हंसी-मजाक में गर्म होने लगा था, मैंने भी उसे चुटकी काटना शुरू कर दिया।
मेरे छेड़छाड़ से उसे भी मजा आ रहा था.. पर उससे कुछ कहने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।

फिर मैं बोला- तुम्हें नींद आ रही होगी.. जाकर सो जाओ।
वो बोली- मुझे नींद नहीं आ रही है।
नींद तो मुझे भी नहीं आ रही थी.. पर मैं जानबूझ कर बोला- मुझे नींद आ रही है।
वह बोली- ठीक है सो जाओ।

मैं उसकी जांघ पर सिर रखकर सो गया। वो मेरे बालों में अपने हाथों से सहलाने लगी। मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था मैंने अपना पीछे को किया और उसे पकड़ लिया। जब उसने कोई आपत्ति नहीं की तो मैंने एक हाथ उसके मम्मे पर रख दिया.. उसने अब भी कोई विरोध नहीं किया.. तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।

मैं उसका चेहरा नीचे कर उसे चूमने लगा.. वो भी मेरा साथ देने लगी।
मेरा हाथ उसकी जांघों के बीच पहुँच चुका था। मैं उसकी चूत को सहलाने लगा।
वो गर्म होने लगी थी..

पर तभी वो झटके से उठ खड़ी हुई… मैं कुछ समझ पाता.. इसके पहले वो वहाँ से जाने लगी।
मैंने उठ कर उसे पकड़ लिया और उसे चूमने लगा।
वो अपने आपको मुझसे छुड़ाने लगी.. पर मैं उसे छोड़ने को तैयार नहीं था।

वो मेरी बाँहों में कसमसा रही थी। फिर बोली- मुझे आज छोड़ दो.. मैं फिर कभी आऊँगी।
मैं बोला- क्या भरोसा कि तुम आओगी?
वो बोली- मैं तुमसे ही प्यार करती हूँ.. मेरा भरोसा करो।

पता नहीं मेरे दिमाग में क्या आया.. मैंने उसे छोड़ दिया।

इसके पहले मैंने कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था.. मैंने अपने आपको मना लिया और आकर सो गया।

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