दामाद ने कर दिया प्रेग्नेंट मुझे अब मैं क्या करूं
Mother in law and son in law sex story in Hindi : nonveg story.com के सभी पाठकों का मेरा नमस्कार मैं 41 साल की औरत हूं मेरा नाम सुरभि है। आज मैं आपको अपने सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूं यह मेरी कहानी सच्ची कहानी है आज मैं इस कहानी में आपको यह बता रही हूँ कि मेरा दामाद कैसे मुझे प्रेग्नेंट कर दिया मेरी बेटी तो प्रेग्नेंट है ही मैं भी 2 महीने की प्रेग्नेंट हूं। यह सब कब कैसे और क्यों हो गया वह मैं आपको सिलसिलेवार तरीके से कहानी के माध्यम से इस वेबसाइट पर लिख रही हूं ताकि मैं अपना मन हल्का कर सकूं।
मेरी बेटी आकांक्षा की शादी दिल्ली के एक अच्छे खानदान मैं हो गई। मेरे दामाद जी एक आईटी कंपनी में काम करते हैं और बहुत बड़े पद पर हैं पैसे भी खूब है उनके पास उनके माता-पिता उनके साथ नहीं रहते मेरे दामाद जी नोएडा में रहते हैं और उनके मम्मी-पापा दोनों दिल्ली में रहते हैं । उनकी एक बहन है वह विदेश में रहते हैं जो शादीशुदा है। वह अपने मम्मी पापा को 6 महीने के लिए अपने यहां बुला ली तो दामाद जी का मन नहीं लगने लगा था शादी पिछले साल ही हुई थी और मेरी बिटिया आकांक्षा को भी मन था कि मैं कुछ दिन के लिए उसके पास जाकर रहूं मेरी बेटी भी एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है ।
तो मैं उन दोनों के आग्रह पर मैं बेटी दामाद के पास ही चली गई। लखनऊ में सिर्फ आकांक्षा के पापा और मेरी छोटी बेटी नेहा रहने लगे मेरे पति भी बोले कि जाओ थोड़े दिन तक अपनी बेटी के साथ रहकर आओ तुम्हें अच्छा लगेगा मैं और नेहा दोनों यहां पर रह लेंगे कोई दिक्कत नहीं होगा। और मैं दिल्ली के लिए रवाना हो गई . दामाद जी मुझे स्टेशन पर लेने के लिए आए हैं बेटी भी साथ आए वह दोनों बहुत खुश हुए और फिर मैं नोएडा के लिए निकल गई जहां पर वह लोग रहते थे ।
समय बीतता गया हम तीनों ही एक-दूसरे से काफी घुलमिल गए थे दामाद जी बहुत अच्छे स्वभाव के थे तो हंसी मजाक करते थे। उसके बाद मैं मेरी बेटी और मेरा दामाद ऐसे रहने लगे, जैसे कि दोस्त हो, मुझे अपने दामाद का आदत बहुत अच्छा लगा। कुछ दिनों के बाद मेरी बेटी आकांक्षा को ऑफिस काम के लिए बेंगलुरु जाना हुआ। और जाना भी जरूरी था इसलिए मैं और दामाद जी उसको रुक भी नहीं पाए क्योंकि वह भी एक अच्छी कंपनी में काम करते हैं। जब आकांक्षा चली गई तो हम दोनों को भी मन नहीं लगने लगा था मेरे दामाद जी भी काफी उदास रहने लगे थे और मैं भी उदास रहने लगी।
दोस्तों एक बात तो सही है रिश्ते चाहे कोई भी हो अगर दिल मिल रहा हूं दोस्तों के बीच कोई दीवार नहीं होता वही हाल हुआ मैं और दामाद जी ऐसे रहने लगे जैसे कि एक दूसरे का हमसफर हो दोस्त हो। धीरे-धीरे हम दोनों करीब आ गए 1 दिन में जब खाना बना रही थी तो पीछे से आकर मेरे कंधे पर हाथ रख। वहां से शुरू हो गया हम दोनों की जिंदगी का पहला अध्याय।
मैं किचन में रोटियां बना रहे थे वह पीछे से आकर मेरे कंधे पर हाथ रखकर बात करने लगे मैं भी कुछ नहीं बोली मुझे उनका हाथ रखना अच्छा लगने लगा इससे मुझे लगा अपनेपन का एहसास तो मैं मना भी नहीं करी। धीरे धीरे उन्होंने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखते हुए मेरे सिर पर भी रख दिया फिर वह साइड से मुझे पकड़ दिए और रोटी में जो बेल रही थी उसको वह देखने लगे।
मैं सर झुका के रोटियां बेल रही थी। तभी दामाद जी बोले कि मम्मी जी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो आप लगती ही नहीं हो कि मेरी मम्मी नहीं आप मेरी दोस्त की तरह लगती हो। तो मैं भी बोल दे कि हां मैं दोस्त ही हूं तुम्हारी। उसके बाद में बोली की चलो खाना खा लेते हैं। और हम दोनों खाना खाने के लिए बैठ गए।
इतना सब होने के बाद वह मुझे बार-बार घूर कर देख रहे थे कभी वह मेरी चूचियों की तरफ देखते तो कभी मेरी गांड की तरफ देखते कभी मेरे होंठ की तरफ देखते तो कभी मेरे पूरे बदन को निहारते , मैं सब समझ रही थी मैं समझ रही थी कि इनका मन कहीं और डोल रहा है।
पर उनका देखना मुझे भी अच्छा लगने लगा था मुझे लग रहा था आज कुछ होने वाला है क्योंकि मेरे मन में भी कुछ कुछ होने लगा था।
खाना खाकर मैं अपना कपड़े चेंज कि मैं नाइटी पहनी पर उस दिन ऐसा हुआ दोस्तों कि मैं अंदर कुछ नहीं पहनी थी मैं ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि गर्मी ज्यादा थी इसलिए मुझे लगा कि आराम मिलेगा इसलिए मैं अंदर कुछ भी नहीं पहनी ना ब्रा न पेंटी।
मैं बेड पर लेट कर नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सेक्स कहानियां पढ़ने लगी थी। एक हॉट कहानी जो सास और दामाद की थी। कहानी पढ़ते-पढ़ते लगा आज मेरे पास मौका है और अगर मुझे यह सुख मिल जाता है तो भी कोई बात नहीं।
असल में मेरे पति का उम्र भी हो गया था तो मेरी चुत ** कर नहीं पा रहे थे। और मैं भी जवान थी तुम मुझे अभी लंड चाहिए था। पर मैं कहती कैसे कहानियां जैसे ही खत्म हुई थी मेरे कमरे में आ गए। मैं जल्दी से अपने मोबाइल बंद की तुम मुझे देखकर कहने लगे कि मम्मी जी आज आप थकी लग रही हो।
तो मैं बोली हां सुबह से आज मैं काम कर रही थी इस वजह से थकान हो गया है। तो मेरे दामाद से बेड पर बैठ गए और मेरे पैर को अपनी गोद में देखकर दबाने लगे मैं बोले नहीं नहीं ऐसा मत कीजिए आप मेरे पैर मत छुइए। तो उन्होंने कहा ऐसी कोई बात नहीं आपको तुम्हें पहले ही बोल चुका हूं कि आप मेरी दोस्त की तरह हो तो आप भी बोले कि हां दोस्त मान सकते हो तो एक दोस्त दूसरे दोस्त की मदद क्यों नहीं करेगा।
और वह मेरे पैर को दबाने लगे 10:15 मिनट हो दोनों पैर को मेरी दबाये और फिर नाइटी को ऊपर कर दिया। जब जांघ तक नहीं थी पहुंच गई तो मैं हाथ पकड़ कर रख दी उनको। फिर उन्होंने मुझे कहा कि आप उलट जाओ मैं आपके पीठ दबा देता हूँ। और मैं उलट गई। वह मेरे पीछे दबाने लगे धीरे-धीरे चूतड़ दबाने लगे। उसके बाद तो दोस्तों उनका हाथ मेरे जिस्म को टटोल रहा था।
मेरे चुत से पानी निकलना शुरू हो गया था। क्योंकि जब एक मर्द का हाथ लगा तो मैं खुद को रोक नहीं पाए और मैं खुद काम होने लगे। मैं सीधा हो गई और मैं उनको देखने लगे मेरी चूचियों को निहार रहे थे। और धीरे-धीरे उनके कांपते हुए हाथ मेरी चूचियों को मसलने लगे।
मैं कुछ बोल नहीं पाई मैं उनको नशीली निगाहों से देखने लगी। उसके बाद तो दोस्तों में अपने बाहें फैला दी और वह मेरे बाहों में सिमट गए। अपना होठ मेरे होंठ पर रख दिया और चूसने लगे। वह अपने हाथों से मेरे चूचियां दबा रहे थे और मेरे सोच को चोद रहे थे हम दोनों ही कामों को गए थे धीरे-धीरे उन्होंने अपने सारे कपड़े खोल दिए और मेरे जिस्म को सहलाते हुए मेरे नाइटी उतार दी।
मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां को देखकर वह पागल हो गए वह मेरे निप्पल को चूसने लगे एक हाथ से वह मेरे शरीर को टटोल रहे थे उन्होंने मेरे पैरों को अलग अलग किया मेरे होंठ को चूसते हुए मेरी एक हाथ से चूची को दबाते हुए और एक हाथ से मेरी चुत पर हाथ फेरने लगे।
दोस्तों अब मेरे तन बदन में आग लग चुकी थी मैं पागल हो गई थी मैं सिसकारियां ले रही थी मैं अंगड़ाइयां ले रही थी। उसके बाद मैंने तुरंत ही उनका लंबा मोटा सा लंड पकड़ लिया। पहले खूब हिलाई उसके बाद अपने मुंह में ले ली। आइसक्रीम की तरह उनके लंड को चूसने लगी।
अब मेरे चुत से गर्म पानी निकलने लगा था। मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई मैंने दोनों पैरों को फैला दिया और उनको नशीली आंखों से देखा और बोली थी आज मुझे चोद दो. वह तुरंत ही मेरे दोनों पैरों के बीच आकर बैठ गए पहले तो उन्होंने खूब मेरी चुत को चाहता। फिर उन्होंने उंगली डाली। गरम रस वह पी रहे थे उंगलियों में लगा लगा कर। उसके बाद उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा। अपना लंड मेरी चुत पर सेट किया। और जोर से धक्का दे दिया दोस्तों पूरा का पूरा लंड मेरी चुत के अंदर चला गया।
मैं धन्य हो गई मोटे लंबे लंड को अपने अंदर पाकर। उसके बाद तो मैं हिला हिला कर अपने गांड को उनके लंड को चुत के अंदर लेने लगे। साथ में मैं उनके बदन को टटोल रही थी वह मेरी चूचियों को दबा रहे थे मुझे चूम रहे थे मुझे किस कर रहे थे। मैं भी वही सब कर रही थी जो वह कर रहे थे।
जोर जोर से धक्के देने लगे मैं भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। उसके बाद तो कभी उलट कर कभी पलटकर कभी ऊपर से कभी नीचे से कभी बैठाकर कभी झुका कर कभी घोड़ी बनाकर कभी कुत्तिया बना कर।
कहीं खड़ा करके कभी लिटा कर कभी टेढ़ा करके कभी साइड से। वह मुझे करीब 2 घंटे तक चोदते रहे। मैं बहुत ज्यादा थक गई थी और वह भी थक गए थे अब मेरे से सहा नहीं जा रहा था। मुझे दर्द होने लगा था। मेरी चूचियों को उन्होंने इतनी जोर जोर से दबाया कर उनकी उंगली का निशान मेरी चूचियों पर साफ साफ दिखाई दे रहा था।
मैं बोली थी दामाद जी आज बस करो मेरी चुत फट गई है। आज के लिए इतना ही काफी है। अब तो मैं आपकी हूं आप मुझे जैसे चोदो जो करूं अब मैं आपकी हूं। फिर उन्होंने जल्दी-जल्दी धक्के देने लगे जोर-जोर से मुझे चोदने लगे मैं भी नीचे गांड घुमा घुमा कर चुदवाने लगी।
और फिर दोनों एक साथ चीखने लगे चिल्लाने लगे और एकदम से हम दोनों एक साथ ही एक दूसरे को अपनी बांहों में पकड़ कर अपनी पूरी ताकत लगा दी वह ऊपर से धक्के दे रहे थे मैं नीचे से धक्के देने लगी।
उसके बाद उनका सारा बढ़िया मेरी चुत के अंदर चला गया उसके बाद हम दोनों शाम तो हो गए।
उस दिन के बाद से हम दोनों ही एक पति पत्नी की तरह रहने लगे साथ नहाते थे साथ खाते थे साथ सोते थे। उसके बाद 1 महीने मेरा मेंस नहीं आया। मैं भूल गई थी कि मेरा मेंस कब आया था। उसके बाद में प्रेगनेंसी टेस्ट की तो पता चला मैं प्रेग्नेंट हूं। दोस्तों उधर मेरी बेटी भी 3 महीने की प्रेग्नेंट है। और मेरा भी दूसरा महीना चल रहा है।
जाने कि मैं भी अपने दामाद के बच्चे की मां बनने वाली हूं। शायद मेरे लिए कैसा रहेगा क्या बुरा रहेगा वह तो मुझे नहीं पता पर मैं क्या करूं समझ नहीं आ रहा है अब देखिए जो होगा देखा जाएगा।
शांत मन से में सोचूंगी कि क्या करना है मुझे।
मैं अपनी दूसरी कहानी जल्द ही इस वेबसाइट पर जाने की नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने जा रही हूं आप जरूर मेरी सेक्स कहानी का पढियेगा।
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