खिलाड़िन गर्लफ़्रेंड सिनेमा हॉल में चुद गई
मेरा नाम कमल है.. मैं आपको अपनी पहली मस्त करने वाली स्टोरी सुना रहा हूँ।
मैं अपनी पढ़ाई के लिए इन्दौर के कालेज में गया.. वहाँ मेरी दोस्ती एक सुन्दर सी लड़की से हुई.. उसका नाम हिना था और वो एक स्पोर्ट की खिलाड़ी थी। हम दोनों अक्सर बातें करते रहते थे, मैं उसे चाहने लगा था.. पर कुछ कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
एक दिन किसी बात पर हमने शर्त लगाई कि जो हारेगा उसे पिक्चर दिखाना पड़ेगी। मैं उसे पिक्चर दिखाना चाहता था.. सो मैं जानबूझ कर शर्त हार गया।
अब एक दिन प्रोग्राम तय करके मैं उसे एक सेक्सी पिक्चर दिखाने ले गया। वह भी सेक्सी कपड़े पहनकर और अच्छा मेकअप करके आई थी, उसे देख कर ही मेरा दिल मचलने लगा था।
हम दोनों कुछ नाश्ता लेकर पिक्चर हाल में बैठ गए। मैंने एक केबिन पहले से बुक कर लिया था.. ताकि कोई हमें देख ना सके, केबिन में एक सोफा लगा था।
पिक्चर शुरू हो गई और कुछ देर बाद सेक्सी सीन आने लगे। हीरो अपनी महबूबा को चूमता.. हुआ बाँहों में लेकर प्यार करने लगा।
मैंने उसका एक हाथ अपने हाथ में लिया और सहलाने लगा.. उसने अपना सिर मेरे कंधे पर टिका दिया।
मैं कोहनी से उसका एक चूचा दबाने लगा।
वह धीरे-धीरे गर्म हो रही थी, मैं उसे पूर्ण उत्तेजित कर देना चाहता था।
एक हाथ उसकी जाँघों पर फिराने लगा, उसने लैगी और एक कमीज पहनी हुई थी।
फिर मैंने उसका मुँह अपनी तरफ करके उसके होंठों पर एक गहरा चुम्बन ले लिया। मैं बोला- आई लव यू हिना..
वह कुछ नहीं बोली और उसने भी मेरे होंठों पर चुम्बन की बौछार कर दी।
अब मेरी हिम्मत खुल गई थी और आगे बढ़ने के लिए हरी झण्डी मिल गई थी।
मैं धीरे-धीरे उसके चूचों पर हाथ रखकर दबाने लगा.. मेरा लण्ड कड़क हो गया था।
मैंने उसकी कमीज के बटन एक-एक करके खोल दिए। उसने एक छोटी और सुन्दर सी ब्रा पहन रखी थी.. जिसमें उसके बड़े-बड़े मम्मे आधे दिख रहे थे।
मैं पागल सा हो गया था और उसके चूचों को दबाने लगा।
मैंने उसका एक हाथ अपने कड़क लण्ड पर रख दिया। वो उसे पैन्ट के ऊपर से ही धीरे-धीरे सहलाने लगी।
वो बोली- लगता है तुम्हारे ये बहुत बड़ा है..
मैंने कहा- तुम्हारे चूचे भी तो बड़े-बड़े हैं।
हम दोनों को एक-दूसरे के सामान दबाने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसकी ब्रा को ऊपर करके उसके मम्मों को बाहर निकाल लिया।
वाह.. क्या मस्त मम्मे थे..
मैं अपने आपको रोक नहीं सका.. और मैं उसके एक मम्मे को मुँह में लेकर मस्ती से चूसने लगा और दूसरे को जोर-जोर से दबाने और मसलने लगा।
वह ‘सी सीई..’ करने लगी- कमल, जोऱ-जोर से चूसो.. मुझे बहुत मजा आ रहा है.. आह़.. आह.. आ़ह.. ओह..
उसने मेरा बेल्ट खोलकर पैन्ट के बटन और चैन खोल कर मेरा मस्त सात इंची लण्ड बाहर निकाल लिया और जोर-जोर से हिलाने लगी।
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मेरा एक हाथ उसकी मस्त चूत पर कब जा लगा.. पता ही नहीं चला।
मैं उसकी चूत को लैगी के ऊपर से ही मसलने लगा।
कभी मैं उसके होंठों का रस पीता तो कभी दूध पीने लगता.. सच कहूँ तो इतना मजा जीवन में पहली बार आ रहा था। मैंने उसकी लैगी के अन्दर एक हाथ डाल दिया और उसकी प्यारी चूत पर फिराने लगा।
एक उंगली उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा.. उसकी चूत गीली हो गई थी।
मेरा लण्ड उसकी चूत में जाने के लिए बेताब हो रहा था। मैंने उसे सोफे पर अधलेटा कर दिया और लैगी और पैन्टी को नीचे खिसका दिया और उसकी चूत पर एक गहरा चुम्मा ले डाला।
वो ‘हाय..’ कर उठी.. मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ जोर-जोर से घुमाने लगा।
वो मेरा लण्ड पकड़ कर बोली- कमल इसे मेरे मुँह में डाल दो.. ये मेंगो डाली में भी चूसूँगी।
मैंने अपना लण्ड उसके मुँह की तरफ कर दिया और चूत चूसने लगा.. वो मेरे लण्ड के ऊपर के सुपारे को प्यार से चूमने लगी और जीभ फिराने लगी।
फिर वो लौड़े को धीरे-धीरे मुँह के अन्दर-बाहर करने लगी, मैं तो मानो स्वर्ग की सैर करने लगा।
कुछ देर 69 करने के बाद हम उठ गए और एक-दूसरे को बाँहों में भींचकर होंठों का रसपाने करने लगे।
कुछ देर बाद वो बोली- कमाल तुमने कमाल कर दिया.. अब चूत फाड़कर धमाल क्यों नहीं करते।
मैंने कहा- मेरी रानी, मेरा लण्ड भी तुम्हारी प्यारी चूत का चुम्मा लेने को तड़फ रहा है.. ऐसा करो तुम मेरे लण्ड के ऊपर अपनी चूत चिपका कर बैठ जाओ।
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मैं नीचे बैठ गया.. मेरा लण्ड नब्बे डिग्री के कोण में खड़ा हो गया था। वह मेरी ओर मुँह करके मेरे लण्ड के ऊपर चूत रख कर धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगी.. पर लण्ड अन्दर नहीं जा पा रहा था।
मैंने अपना थूक उसकी चूत और अपने लण्ड पर लगाया और कहा- अब डालो थोड़ी कोशिश के बाद थोड़ा अन्दर चला गया.. उसकी चूत बहुत टाईट थी।
मैं उसके मम्मों को चूसने लगा और उसकी कमर पकड़ कर दबाव देकर ऊपर-नीचे करने लगा। फिर एक जोर का झटका देकर उसकी कमर को नीचे दबाया और अपना लण्ड जोर से ऊपर उचकाया.. तो आधा लण्ड अन्दर घुस गया।
वो ‘उई माँ.. मर गई..’ कह कर चिल्लाई..
मैंने उसके होंठों को अपने मुँह से भींच लिया और थोड़ा रूककर अन्दर-बाहर करने लगा..
वो बोली- आह्ह दर्द हो रहा है.. जरा धीरे करो।
लेकिन मुझसे सब्र नहीं हो रहा था.. मैंने उसे नीचे सोफे पर लिटा दिया और उसकी चूत के ऊपर लण्ड को घिसने लगा.. अब उसे मजा आने लगा।
थोड़ी देर बाद वो बोली- राजा अब अपना पूरा लण्ड जल्दी से मेरी चूत के अन्दर करो.. मुझे जोर की कुलकुलाहट हो रही है।
मुझे लगा ये गर्म हो गई है.. अब देर करना ठीक नहीं है और मैंने एक जोर का झटका लगा दिया.. मेरा आधा लण्ड अन्दर हो गया। फिर एक जोर का झटका मारा और पूरा लण्ड अन्दर कर दिया।
वो तड़फ गई लेकिन मैं उसके होंठों और मम्मों को जोर-जोर से चूसने.. मसलने लगा..
स्पोर्ट गर्ल होने के कारण उसकी चूत की झिल्ली शायद पहले ही फट चुकी थी.. अतः खून नहीं निकला।
धीरे-धीरे उसे मजा आने लगा- हाय राजा.. बहुत मजा आ रहा है.. जोर-जोर से मुझे चोदो.. और चोदो.. मेरी चूत फाड़ दो.. आह्ह्ह.. बहुत मजा आ रहा है.. ऐसी चुदाई जीवन भर चलती रहे.. आह्ह.. मैं तुम्हारे लण्ड की दीवानी हो गई हूँ.. औह्ह.. अब रोज इससे चुदवाऊँगी.. हाय उई.. आह.. अन्दर तक जाने दो.. जोर-जोर से चोदो हाय..
मैंने उसकी कमर के नीचे हाथ डालकर उसके दोनों चूतड़ों को कसकर पकड़ लिया और अपना लण्ड उसकी चूत के अन्दर-बाहर जोर-जोर से करने लगा।
मैं बोला- ले सम्हाल.. मेरी रानी मेरा लण्ड भी अब कहाँ मान रहा है.. ये तेरी चूत का भोसड़ा बनाकर ही मानेगा..
मेरा लण्ड भी फूल कर मोटा और लम्बा हो गया था और ‘घपाघप.. लपालप..’ की आवाज के साथ अन्दर-बाहर हो रहा था।
वो भी नीचे से उछल रही थी और अब उसने मुझे कसकर अपने सीने से चिपका लिया और कहने लगी- हाय मैं गई.. मेरी चूत में से कुछ निकल रहा है..
मैंने भी जोर-जोर से धक्के लगाए और अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और कुछ देर तक एक-दूसरे से चिपक कर पड़े रहे.. फिर उठकर सिनेमा हॉल से बाहर आकर अगली बार मिलने का वादा करके विदा ली।
यह मेरी सच्ची कहानी है।
कुछ भाभी-आंटी के साथ भी मेरी चुदाई की घटनाएं हुई हैं.. जिन्हें मैं जल्द ही अगली कहानी में लिख कर भेज रहा हूँ।
आपको यह कहानी कैसी लगी.. अपने सुझाव मेल करके जरूर बताएं।
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