प्यारी बहनिया चुद गई-3 – Antarvasna
वो अपने बदन पर क्रीम लगा रही थी, अपने चूचों को बड़े प्यार से मसल रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी- आहह आहह..!
इधर मेरी हालत पतली होती जा रही थी।
तब उसने वो सीडी प्ले की और अपना गाउन डाल लिया।
उसे अभी अपने कपड़े पहने ही थे कि वो ब्लू मूवी देख कर हैरान हो गई और ध्यान से देखती रही। शायद वो ऐसी मूवी पहली बार देख रही थी।
मैं नहा कर आने की एक्टिंग करने लगा और अंडरवियर में ही बाहर आ गया।
तभी वो उठी और टीवी बँद करने लगी थी, तभी मैंने पूछ लिया- क्या बात हुई..?
वो शरमा कर एक साइड में बैठ गई। मैं बिना कुछ बोले बाथरूम से तेल लेकर आया और अपने अंडरवियर के अन्दर से ही अपने लण्ड पर लगाना शुरु कर दिया।
वो मुझे देख रही थी, मुझसे थोड़ी देर में पूछने लगी- यह तुम क्या कर रहे हो?
तो मैंने उसे बताया- जैसे तुम्हारे चूचों की मालिश करनी पड़ती है, वैसे ही इसकी भी करनी पड़ती है।
मैंने उससे पूछा- तुम्हारी भी मालिश कर दूँ?
तो वो पहले तो मना कर रही थी, फिर बोली- चल कर दे..!
मैंने कहा- गाउन तो उतार दे..!
तो वो बोली- मैंने नीचे भी कुछ नहीं पहना हुआ है।
तो मैंने उसे समझाया- सिर्फ़ ऊपर-ऊपर से ही करूँगा।
तो वो राज़ी हो गई, वो बेड पर लेट गई, टीवी की तरफ मुँह करके। वो मूवी को देख रही थी और मैं उसकी कमर की मालिश कर रहा था।
रीना को मज़ा आने लगा था, उसने मुझसे पूछा- यह मूवी तुम कहाँ से लेकर आए?
तो मैंने उसे बताया- अंकित देकर गया है।
‘उसने क्या करना है इस मूवी का?’
तो मैंने बताया- अरे कपल हैं यार, सेक्स करने आए हैं और क्या..!
तो रीना ने मुझसे पूछा- क्या तुमने कभी किसी के साथ किया है?
तो मैंने ना बोल दिया, क्योंकि मैंने इससे पहले कभी किसी के साथ चुदाई नहीं की थी।
मुझे तो पता ही था कि आज मुझे कुँवारी चूत मिलने वाली है।
वो मुझसे पूछती- क्या तुमने ऐसी मूवी पहले कभी देखी है?
तो मैंने बता दिया- देखी है तीन चार-बार..!
तो वो बोली- हट गंदे..!
तो मैंने उसे समझाया- यार तुम 18+ हो गई हो, यू आर एन अडल्ट..तुम ये सब कुछ कर सकती हो, कोई प्राब्लम नहीं है..!
‘और अगर कुछ उल्टा सीधा हो गया तो..?’
उसे बहुत बहुत छोटी-छोटी बातें बतानी पड़ रही थीं- कुछ नहीं होता, सेफ्टी प्रयोग करो तो कोई ख़तरा नहीं है।
तो मैंने उसे कंडोम खोल कर दिखाए जो अंकित दे कर गया था।
उसने पूछा- इसका क्या करना है?
तो मैंने अपना अंडरवियर नीचे करता हुआ उसे बोला- इसे इसके ऊपर चढ़ाते हैं।
तो मेरा 9″ लंबा लण्ड देख कर बोली- इतना बड़ा…!
तभी रीना ने मूवी में देखा और बोली- ये तो मूवी में जैसे उस लड़के का है, ये तो उससे भी बड़ा है।
तब मैंने उसे समझाया- यही तो मर्दों की शान होती है।
उसके लिए सब कुछ अजीब सा था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है, उसे क्या करना है।
वो कंडोम को हाथ में लेकर बैठी थी और सोच रही थी, इसे लण्ड के ऊपर कैसे चढ़ाते हैं? तब मैंने उसका हाथ पकड़ा और कन्डोम को चढ़ाने में उसकी मदद की।
उसके हाथ का स्पर्श मैंने अपने लण्ड पर पाते ही जैसे निहाल हो गया, मेरे सारे पाप धुल गए, मुझे भगवान से कुछ और नहीं चाहिए था।
पर कहते हैं ना देने वाला, जब भी देता है छप्पर फाड़ कर देता है। वही मेरे साथ भी हुआ।
वो मचल उठी और उसने मेरा लण्ड दबा दिया। मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रहा था और मैंने उसके चुचूकों को अपने मुँह में भर लिया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। मैंने अपना कन्डोम उतार दिया, फिर मैं उसके पूरे जिस्म को चाटने लगा।
उसकी चूचियों को चूसते वक़्त मुझे ऐसा लगा कि मानो मैं स्वर्ग में हूँ…!
एकदम गोरी चूचियाँ, भूरे और कड़क चुचूक..!
फिर मैंने उसकी नाभि पर चूमा।
रीना मुझे बोलने लगी- ये जो हम कर रहे हैं, शायद ठीक नहीं है।
तब मुझे गुस्सा आ गया, मुझे ऐसा लगा, जैसे कोई खड़े लण्ड पे डंडा मार रहा हो, मैं बोला- क्या साली नखरे कर रही है, मेरा लण्ड खड़ा करके…!
वो भी थोड़ा तुनक कर बोली- अच्छा, तो अब मैं आपकी साली हो गई?
फ़िर मुस्कुराने लगी।
मैंने हँसते हुए कहा- तो क्या तुम मुझे बहनचोद बनाना चाहती हो?
इस बार वह सेक्सी अंदाज़ में बोली- आप मुझे रंडी बना रहे हो, तो कोई बात नहीं और मैं आपको बहनचोद भी ना बनाऊँ?
और वो मेरे से सट गई।
मैंने उससे नज़र मिला कर कहा- मैं तो तुम्हें अपनी रानी बना रहा हूँ जान, रन्डी नहीं, पर तुम्हारे लिए बहनचोद, क्या तू जो बोल वही बन जाऊँगा मेरी प्यारी रीना।
मैं फ़िर उसके होंठ, गाल चूमने लगा, वो साथ देते हुए बोली- थैंक्स नितिन भैया।
रीना थोड़ा गर्म होने लगी थी, बोली- अब छोड़ो ये सब बात और चलो शुरु करो नितिन भैया, जैसा सीडी में चल रहा है, मुझे वैसे ही करना है।
मुझे यह सुनकर मजा आया- क्या शुरु करे तुम्हारा नितिन भैया… जरा ठीक से तो कहो मेरी बहना..!
मेरा हाथ अब उसकी दाहिनी चूची को मसल रहा था, एक बार फ़िर मैंने पूछा- बोल न.. मेरी बहना, क्या शुरु करे तुम्हारा भैया…! बात करते हुए ज्यादा मजा आएगा मेरी जान..! इसलिए बात करती रहो, जितना गंदा बोलोगी, तुम्हारी चूत उतना ज्यादा पानी छोड़ेगी। अब जल्दी बोलो बहन, क्या शुरु करूँ मैं?
उसकी आँखें बन्द थी, बोली- मेरी चुदाई…
‘चुदाई या तेरी चूत की चुदाई?’
‘मेरी चूत की चुदाई…!’ वह बोली।
वो मेरे सामने गाउन में थी, मैंने उसे निकाल फेंका, अब वो जन्मजात नंगी थी, मेरे सामने उसका बदन देख कर मेरा लण्ड उसकी चूत में जाने के लिए बेताब हो रहा था।
मैंने किसी तरह खुद पर काबू रखा और उसकी चूत पर अपना मुँह सटा दिया।
एक भी बाल नहीं था चूत पर…! गुलाबी चूत के ऊपर लाल रंग का भगनासा को देख कर मैंने उसे अपने मुँह में ले लिया और उसका रसपान करने लगा।
क्या चिकनी बुर है। इसे तो मैं जी भर कर चूसूंगा उसके बाद चोदूंगा।
क्या मस्त कसैला स्वाद था। मेरा मुँह पूरा कसैला स्वाद से भर चुका था, पर मुझे बहुत मजा आ रहा था।
उसकी हालत मुझसे भी ज्यादा पतली थी और वो ‘आह उह’ करके सिसकारियाँ भर रही थी।
अचानक ही उसने मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत से मेरे मुँह को सटा लिया और जोर-जोर से कमर उछालने लगी। वो स्खलित हो रही थी और मेरे मुँह पर अपना सारा माल निकाल रही थी।
मुझे थोड़ा अजीब लगा, पर उसकी गंध मुझे बहुत अच्छी लगी और मैंने उसे चाट लिया।
मैंने थोड़ी सी क्रीम लेकर उसकी चूत पर लगा दी, उंगली अन्दर-बाहर करके क्रीम उसकी चूत के अन्दर भी लगा दी।
उंगली बड़ी दिक्कत से अन्दर जा रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने दो उंगलियाँ अंदर करनी शुरु कीं और मुझे कामयाबी मिल गई। जब मैंने अपनी दो ऊँगली जाने के लिए पर्याप्त रास्ता बना लिया तो मैं चुदाई के लिए तैयार था।
अब मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर जैसे ही रखा, उसके मुँह से सिसकारी छूट पड़ी और वो कहने लगी- हाय राम…! इतना बड़ा मेरी में नहीं जाएगा…!
मैंने कहा- ठण्ड रखो डार्लिंग… आराम से जायेगा.. बस हल्का सा सब्र रखो…!
फिर मैंने अपने लण्ड का सुपारा उसके चूत के दरवाजे पर सटा कर हल्का सा धक्का दिया। चूत चिकनी होने के कारण मेरा सुपारा ‘गप्प’ करके उसकी चूत के अन्दर चला गया और वो चिहुंक उठी, उसने कहा- निकाल लो..!
पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसके चुचूक को अपने मुँह में लेकर एक और धक्का लगा दिया और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया। उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे और वो कहने लगी- मुझे छोड़ दो..!
मैं नहीं माना और मैंने और एक धक्का जड़ दिया, वो और जोर से रोने लगी।
और मैंने उसकी परवाह न करते हुए एक जोरदार झटका मारा और पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। उसकी चूत से खून निकलने लगा और मैं उसी मुद्रा में उसके चुचूक चूस रहा था।
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने अपना पूरा लण्ड बाहर निकाल लिया और फिर से सैट करके एक धक्के में आधा लण्ड पेल दिया। दूसरे धक्के में लण्ड पूरा अन्दर था और वो चिल्ला रही थी- आह उह..!
पर वहाँ उसकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं था, मैं इत्मीनान से धक्के मार रहा था।
इस बार मैंने अपना लण्ड फिर से बाहर निकाला और एक ही धक्के में पूरा पेल दिया, अब लण्ड के जाने का रास्ता बन चुका था। फिर मैंने धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ा दी। अब मेरा लण्ड आराम से अन्दर-बाहर हो रहा था और वो वह गांड उछाल-उछाल कर साथ दे रही थी। पूरा कमरा फ़च्छ-गच्च्छ की आवाजों से गूंज रहा था।
वो मजे ले रही थी और बोल रही थी- वाह नितिन वाह… क्या लण्ड पाया है… बहुत मजा आ रहा है… चोदो और चोदो… फाड़ डालो मेरी चूत को आह्ह्ह… येआ आह्ह आआस्स्श… ऊउह्ह…!
फिर करीब 30 मिनट के बाद मेरा लण्ड अकड़ने लगा और उसकी चूत भी अकड़ने लगी और हम दोनों ने अचानक ही एक-दूसरे को जोर से जकड़ लिया।
हम दोनों एक साथ स्खलित हुए और मैंने अपना सारा माल उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया और वो अपनी गांड को गोल-गोल घुमा कर मेरा रस अपनी चूत में लेने लगी।
हम दोनों इसी अवस्था में लेटे रहे और जब हम उठे तो देखा कि चादर पर बहुत सारे खून के धब्बे हैं।
तब रीना बोली- रूम सर्विस से दूसरी मंगवा लेते हैं।
तो मैंने उसे समझाया- ये तो अभी दो दिनों तक ऐसे ही चलना है।
हम दोनों उसके बाद खुल कर बेहिचक और बेझिझक एक दूसरे के साथ मस्ती करने लगे।
पिछले चार महीने में हम दोनों ने सैकड़ों बार चुदाई का खेल खेला।
कुछ नया ऐसा न हुआ कि आप सब को बताया जाए।
तो दोस्तों, यह था मेरा पहला यौन-अनुभव !
आप लोग बताना कि कैसा लगा !
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