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रहस्य_(0) by sbksbk

रहस्य_(0) by sbksbk मैंने बिस्तर के सामने लगी पुरानी दादाजी की घड़ी की ओर देखा और पाया कि लगभग आधी रात हो चुकी थी। धिक्कार है! मैं बेहोश हो …