पड़ोस की आंटी से चुदाई करना सिखा

पड़ोस की आंटी से चुदाई करना सिखा

हैल्लो दोस्तों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आज में आपको अपनी एक बहुत ही सुंदर कहानी सुनाना चाहता हूँ, इसको पढ़ने के बाद आप बहुत प्रसन्न होंगे। मेरा नाम हेमंत है और मेरी उम्र 24 साल है, मेरे घर के पास एक फेमिली रहती थी, उस फेमिली में पति, पत्नी और उनके तीन बच्चे थे, उनके बच्चे छोटे ही थे।

उन्होंने दो रूम सेट सेकेंड फ्लोर पर किराए पर ले रखा था, उनकी खिड़की मेरे घर के ठीक सामने ही थी। मेरा उनके घर में आना जाना था, मुझे आंटी बहुत अच्छी लगती थी, उनके बूब्स देखकर में पागल हो जाता था और उनकी मटकती हुई गांड देखकर तो मेरा मन मूठ मारने का होता था।

में जब भी उनके घर जाता था तो उस समय वो सिर्फ़ नाइटी ही पहने मिलती थी और घर का काम कर रही होती थी। वो मुझे अक्सर अकेली ही मिलती थी और में रोज उनके बूब्स देखता था और घर आकर मूठ मारता था।

फिर एक दिन रात को 10 बजे का समय था, सभी लोग सो रहे थे। फिर में अपनी छत पर गया तो मैंने देखा कि सामने वाली खिड़की खुली है और आंटी चुद रही है, अंकल उनको घोड़ी बनाकर चोद रहे है, आंटी बिल्कुल नंगी थी और अंकल भी नंगे थे। अब वो सीन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था।

अब में आंटी के खुले हुए बूब्स और चूतड़ देखकर दंग रह गया था और उनकी चुदाई को देखता रहा और मूठ मारकर अपने आपको शांत किया। फिर सुबह जब में आंटी के घर गया तो उस समय आंटी नहाने जा रही थी। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या में आपको नहाते हुए देख सकता हूँ?

तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं? और फिर वो मेरे सामने नहाने लगी। अब वो सिर्फ ब्रा और पेटीकोट पहनकर नहा रही थी। अब पानी से भीगने के कारण उनके बूब्स साफ-साफ़ दिख रहे थे। अब मेरा लंड तंबू की तरह खड़ा था और अब मेरा मन हो रहा था कि अभी आंटी को चोद दूँ, लेकिन में ऐसा नहीं कर सका और चुपचाप उनको देखता रहा।

फिर नहाने के बाद आंटी पूजा करने बैठ गई और मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारा और फिर आकर बैठ गया। फिर पूजा करने के बाद आंटी चाय बनाकर लाई और बैठकर बोली क्या हो रहा है? तो मैंने कहा कि आंटी आप खिड़की खोलकर क्यों रखती है? तो उन्होंने कहा कि गर्मी ज़्यादा लगती है।

फिर मैंने कहा कि कल रात को क्या हो रहा था? तो आंटी ने कहा कि वही जो रोज होता है, तो मैंने कहा कि रोज होता है, तो उन्होंने कहा कि हाँ। फिर मैंने झट से कहा कि आपके बूब्स बहुत अच्छे है तो उन्होंने कहा कि पीओंगे? तो में बोला कि क्यों नहीं? और फिर में उनके बूब्स खोलकर पीने लगा।

फिर मैंने कहा कि आंटी अंकल आपके ऊपर थे और आप नीचे थे, क्या ऐसे ही चुदाई होती है? तो वो बोली कि क्या तुम चुदाई करना नहीं जानते हो? तो मैंने कहा नहीं। फिर वो बोली कि में तुमको चोदना सिखाऊँगी, लेकिन तुम्हें मुझे रोज चोदना होगा, तो मैंने कहा ठीक है। आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

फिर उसने अपने सारे कपड़े उतारकर मुझे भी नंगा कर दिया और बोली कि पहले मेरे बूब्स पीओ और दबाओ, तो मैंने ऐसा ही किया। फिर वो मेरा लंड अपने हाथ से पकड़कर अपने मुँह में डालकर चूसने लगी और मुझसे कहा कि अब तुम भी मेरी चूत को चूसो, तो में भी उसकी चूत को चूसने लगा।

अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में थे। फिर मेरे लंड ने मेरा साथ छोड़ दिया और में उसके मुँह में ही झड़ गया। फिर कुछ देर के बाद वो भी मेरे मुँह में ही झड़ गई। फिर भी हम दोनों चालू रहे और कुछ ही देर में उसने मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया और बोली कि अब अपने लंड को मेरी चूत में डालो, तो मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया।

फिर उसने एक ही झटके में मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर ले लिया और मुझसे कहा कि अब अपनी कमर को आगे पीछे करो, तो में अपनी कमर चलाने लगा। कसम से बड़ा मज़ा आ रहा था और लगभग 20 मिनट में मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में गिरा दिया।

अब वो भी झड़ चुकी थी और फिर उसने मुझसे कहा कि अब चोदना सीख गये हो तो कल फिर से मेरी चूत मारना और फिर में अपने घर आ गया। फिर मैंने रात को फिर से देखा कि अंकल आंटी की गांड मार रहे है।

फिर दूसरे दिन जब में आंटी के घर गया तो वो मेरा ही इंतजार कर रही थी और मुझे देखकर बोली कि जल्दी आओ मुझे नहाना है। फिर मैंने कहा कि आज में आपकी गांड लूँगा, तो उन्होंने कहा कि में भी समझ गई थी कि तुम आज मेरी गांड ही लोगे क्योंकि रात को तुमने मुझे गांड मरवाते हुए देखा था।

फिर हम दोनों नंगे हो गये और आंटी की गांड देखकर मेरा मन हुआ कि इसकी गांड को बस चोदता रहूँ। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड के अंदर डाला, तो वो गांड मरवाने की आदि थी, इसलिए मेरा लंड उसकी गांड में आसानी से चला गया।

फिर मैंने उसकी गांड का खूब मज़ा लिया और फिर उसको सीधा लेटाकर उसकी चूत में अपना वीर्य गिरा दिया। फिर में उसके बूब्स से खेलता रहा और उसके बूब्स और होंठो को चूस-चूसकर लाल कर दिया। फिर उसके बाद से लगभग 1 महीने तक मैंने उसको रोज चोदा। फिर उसके पति का ट्रान्सफर हो गया और वो चली गई। आज भी में उनके घर कभी-कभी जाता हूँ तो उनको ज़रूर चोदता हूँ ।

पड़ोस की आंटी से चुदाई करना सिखा

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