कुंवारी देसी लड़की की चूत चोदने का असली मजा
हैलो.. यह मेरे दोस्त की छोटी बहन की चुदाई की कहानी है.. आज से 2-3 महीने पहले जब मैं 2 साल बाद अपने गाँव गया हुआ था.. तो सुबह मैं गाँव के चौंक पर अपने फ्रेंड से मिलने गया हुआ था.. उसी वक्त गाँव के हैण्डपंप पर मुझे एक खूबसूरत सी लड़की पानी भरते नज़र आई। उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि इस यहीं पकड़ कर चोद दूँ..
लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था.. मैंने उसकी तरफ देखा और एक स्माइल दी। वो तिरछी नज़रों से मुझे घूरने लगी। वो मुँह बना कर वहां से चली गई।
उसके जाने के बाद जब मैं अपने फ्रेंड से मिला, उससे बातें होने लगीं। इन्हीं बातों में मेरे बचपन के एक बेस्ट फ्रेंड की बात चलने लगी। उसको हम लोग बहुत सताते थे.. मुझे उसकी याद आई और मैं अपने एक फ्रेंड को साथ लेकर उसके घर जाने लगा।
उसके घर में उसके मॉम डैड और एक बहन रहती है। जब वहाँ पहुँचा.. तो वही लड़की.. जो मैंने सुबह देखी थी.. कपड़े धो रही थी।
मैंने उसे देख कर स्माइल दी और घर में चला गया। अन्दर जाने के बाद पता चला कि यही उसकी बहन है। थोड़ी देर बात करने के बाद वो अन्दर आई।
दोस्त से बात करते-करते उसकी बहन से भी मेरी पहचान हो गई, उसने अपना नाम रिया बताया और मेरा भी पूछ लिया।
अब क्या था.. मैं रोज उसके घर जाता और उसको देखता रहता।
वो दिखने में बहुत सुंदर है। उसकी हाइट 5.4” है.. रंग गोरा.. फिगर 34-28-32 की है, जब वो सामने से चलती.. तो अच्छे-अच्छों के लण्ड खड़े हो जाते।
जब वो पानी भरने आती.. तो जब झुकती तो उसके दूध साफ नज़र आते। उनको देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो जाता।
एक दिन ऐसा हुआ मेरे मॉम-डैड शादी में 3-4 दिन के लिए गए थे। मॉम ने रिया को मेरे लिए खाना आदि देने के कह दिया। दो दिन यूं ही गुजर गए.. एक दिन जब रिया खाना लेकर आई।
जैसे ही मैंने दरवाजा खोला मैं उसे देखता ही रह गया।
उसने पूछा- ऐसे क्या देख रहे हो?
तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी बांहों में पकड़ कर ‘आई लव यू’ बोल दिया।
वो गुस्से में आकर मुझे धक्का मार के घर में खाना रखने अन्दर चली गई।
जब मैं अन्दर गया.. तो मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैंने फिर से जाकर उसे पकड़ लिया और उसके होंठों पर चुम्बन करने लगा।
इस बार वो कुछ नहीं बोली।
ऐसे ही 5-10 मिनट स्मूच करने के बाद एक स्माइल दे कर ‘शाम को मिलते हैं..’ बोल कर वो अपने घर चली गई।
बाद में मैंने बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ्ठ मारी और शाम का वेट करने लगा।
शाम को 7 बजे वो नाइट सूट में आई.. उसने दरवाजा खड़काया।
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मैं समझ गया कि यह वो ही आई है।
मैं तौलिया और बनियान में था और मैंने तौलिया के अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था। मैंने दरवाजा खोला.. वो टिफिन रखने को अन्दर आई।
मैंने दोस्त की बहन को पीछे से पकड़ लिया और उसकी 34 साइज़ के दूध दबाने लगा।
वो कहने लगी- छोड़ो प्लीज़.. कोई देख लेगा।
मैंने उसे छोड़ दिया और दरवाजे खिड़कियाँ सब बंद कर दिए।
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मैं उसे फिर से बांहों में लेकर चूमाचाटी करने लगा। अब उसकी दिल की धड़कन भी तेज होने लगी थी। मैंने उसे उठाया और अपने बेडरूम में ले गया। उसे बिस्तर पर लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। मैंने पहले उसके माथे पर चुम्बन किया। फिर होंठों पर किस करते-करते मैंने नाईटी के ऊपर से ही अपने दोस्त की बहन की चूचियों को दबाने लगा।
अब वो छटपटाने लगी।
फिर मैंने उसकी नाईटी की ज़िप थोड़ी नीचे की.. उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी। मैंने ब्रा के अन्दर हाथ डाला.. और दोस्त की बहन के चूचुकों को सहलाने लगा।
वो आँखें बंद करके लेटी थी। मैंने उसकी ब्रा को जैसे ही ऊपर किया.. वाउ.. मैं उसके दूध देखते ही रह गया.. एकदम गोल.. 34 इंच के और एकदम गोरे.. उन पर पिंक निप्पल.. उनको देखकर मैं पागल सा हो गया। मैं उसके एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसकी साँसें तेज होने लगी थीं और वो मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुँह को ब्रेस्ट पर दबाने लगी। लगभग 5 मिनट दूध चूसने के बाद मैंने उसकी नाभि को किस किया और नीचे सरका।
नीचे उसने लाल रंग की पैन्टी पहनी थी उसको थोड़ी नीचे की.. तो देखा मेरे दोस्त की बहन की रसीली चूत मेरी आँखों के सामने है। उस पर थोड़े-थोड़े बाल थे। मैं उसकी चूत पर उंगली घुमाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत पर किस किया.. तो वो सिहर उठी ‘उउउ.. उउउ उफ्फ.. मर गई..’
अब मैंने उसे पूरी तरह नंगी कर दिया, वो मेरे सामने नंगी पड़ी थी.. उसका नंगा जिस्म बहुत मस्त था।
मैं समझ गया कि अब ये चुदने को राजी है।
मैं उसकी चूत में अपनी जीभ घुमाने लगा.. वो मचल उठी।
बोलने लगी- प्लीज़ छोड़ो मुझे.. मुझे कुछ हो रहा है..
मैं तब भी नहीं माना और चूत को चूसने में लगा रहा। वो मचल रही थी उसको मचलता देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
इधर मेरा लण्ड पूरा 7 इंच का हो गया था। मैंने तौलिया हटाया और लण्ड एकदम आज़ाद हो गया था।
लण्ड देख कर रिया डर गई और बोली- मुझे जाने दो..
पर मैं नहीं माना.. मैंने कहा- रिया कुछ नहीं होगा.. बस थोड़ा सा सहन कर लेना फिर सब ठीक हो जाएगा।
मैंने लण्ड को रिया की चूत पर रखा और अन्दर डालने लगा.. लेकिन चूत टाइट थी तो लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था। उसे दर्द भी होने लगा..
तो मैंने लण्ड पर तेल लगाया और उसकी चूत में भी तेल लगा दिया, अब मैंने उसके हाथों को पकड़ा और उसे स्मूच करता रहा। इसी के साथ मैंने लण्ड को चूत पर रख कर एक ही ज़ोर से झटका मारा.. तो मेरा आधा लण्ड चूत के अन्दर था।
उसकी चूत से खून निकलने लगा और रिया ने भी मुझे ज़ोर से धकेलना चाहा.. पर मैं पीछे नहीं हटा।
वो बोली- मैं मर जाऊँगी.. उउउइईई मॉमआअ.. मुझे नहीं करवानी चुदाई.. प्लीज़ आहिह.. छोड़ दो प्लीज़्ज़्ज़्ज़..
मैं रुक गया और उसके होंठों को मुँह में लेकर चूसने लगा.. साथ ही उसके दूध दबाने लगा। लगभग 5 मिनट तक यूं ही चला.. उसके बाद एक झटका और मारा और मेरा पूरा 7 इंच का लण्ड रिया की चूत में अपनी जगह बना चुका था।
रिया की आँख से लगातार आँसू निकल रहे थे.. फिर मैंने धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरू किया। वो दर्द से कराह रही थी और मैं उसे चोदता जा रहा था।
वो धीरे धीरे कराह रही थी- आह्ह.. मैं मर जाऊँगी प्लीज़ निकाल लो..
थोड़ी देर चुदाई करने के बाद चूत में थोड़ा गीलापन हो गया और अब उसे भी मज़ा आने लगा।
अब वो भी साथ देने लगी और बोलने लगी- आह्ह.. और करो.. ज़ोर से करो प्लीज़.. और जोर से करो..
मैं उसे चोदता ही जा रहा था। कुछ देर की चुदाई के बाद मुझे लगा अब मैं झड़ने वाला हूँ।
इस बीच रिया 3 बार झड़ चुकी थी।
मैंने लण्ड बाहर निकाला और उसके मुँह में लण्ड दे दिया और उसे खूब लौड़ा चुसवाया। बाद में उसके मुँह में ही मेरा पानी निकल गया।
फिर वो फ्रेश होने बाथरूम गई.. उससे चला भी नहीं जा रहा था। मैं उसे पकड़ कर ले गया.. बाद में वो फ्रेश होकर घर चली गई।
फिर जब भी टाइम मिलता.. तो वो और मैं खूब चुदाई करते।
उसके कुछ एक महीने बाद ही उसकी शादी हो गई.. वो अब भी मुझसे फ़ोन पर बात कर लेती है। वो मुझसे चुदवाने के लिए बेताब है.. क्योंकि मैंने उसको जितनी खुशी दी है.. उतनी ख़ुशी उसका पति भी नहीं देता।
मुझे मेल कीजिएगा।
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