डॉक्टरनी की कच्ची चूत का स्वाद
आप सभी लोगो को मेरा सलाम, मेरी ये पहेली सेक्स stories हे, आज तक में कभी भी कोई साइट्स पर अपनी कहानी नही लिखा हु, अगर कोई गलती होगी तो माफ़ करना. मेरा नाम अल्मास खान, पुणे का रहने वाला हु, मेरी ऐज ३५ की हे, मुझे सेक्स बहुत पसंद हे, खाना नही मिलेगा पर सेक्स मुझे रोज चाहिए, ये दिसम्बर का वाकिया हे में अपने गाँव गया था..
एक दिन ऐसे ही सवेरे गाँव से चाय की दुकान पर जा रहा था, रस्ते में एक डॉक्टर का घर पड़ता था. मेरी नजर अचानक उस घर में पड़ी. मेने देखा एक लड़की पेट के बल लेटी हे, और अपने दोनों पैर उठाई हे, मेरी नजर वही पर रुक गई. उसकी गोरो गोरी दूध जैसे टाँगे देखकर मे एकदम से हेरान हो गया. और वही फैसला किया की इसको जरुर पटाकर चोदुंगा.
मेने उसका पता लगाया, वो अपने घर से बहार नही निकलती थी, अब मुझे नींद में भी उसकी गोरी गोरी टांगे नजर आने लगी, जब मेने मेरे एक करीबी दोस्त से पता लगाया, तो पता चला की वो एक १८ साल की लड़की है.
मेने अपने दोस्त से कहा की तेरी आइटम से बोलकर मेरी बात उससे करवा, वो बहार नही निकलती, इससे बहुत परेशान हु. मेने एक मोबाईल ख़रीदा और मेरे दोस्त को दिया, बोला उसको दे. अपना नम्बर उसमें डायल कर के दे दिया.
पर उसका फोन नही आ रहा था, मेने दोस्त पर बहुत गुस्सा किया, दिया के नही दिया? दोस्त बोला आज बोलता हूँ उसको, मेने कहा की नही करना तो बोल फोन वापस दे दे. में किसी दुसरे को दे दूंगा.
फिर ३ दिन बाद उसका मिस कोल आया, हेलो, बोली और कट किया, फिर मेने लगाया, बोली के फोन क्यों दिया और किस लिए कॉल करने बोले, में आपके बारे में कभी सपने में भी नही सोच सकती.
मेने कहा, मेने जबसे आपको देखा मुझे दिन रात तुम्ही नजर आती हो, बोली बीवी हे इनती सुन्दर आपकी, मेने कहा आपसे सुंदर नही है.
ये सिलसिला रोज चलता रहा, जैसे ही में कुछ सेक्स वगैरा की बातें करता वह फोन कट कर देती थी, जिस दिन मुझे पुणे आना रात को उसने कहा मिलती हु, पर नही आई, फिर में पुणे में गुस्से में वापस आ गया. जब में पुणे आगया उसे बहुत बुरा लगा, मुझसे माफ़ी मांगी. और रोने लगी. बोली मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी हे, आप आ जाओ, ठंडी का दिन हे, और कोई नही देखेगा, सब जल्दी सो जाते हे, में नही गया, बहुत बुलाया उसने रोज मुझे कहती थी, आ जाओ मुझे नींद नही आती हे.
फिर हमारी धीरे धीरे सेक्स चेट चालू हो गयी. मेने बोला क्या क्या करोंगी आऊंगा तो, बोली पहले आओ तो सही फिर देखो में क्या करूंगी. फिर भी मेने बोला बताओ तो शर्मा गयी.
फिर मे मार्च में गाँव गया. रात को ११ बजे उसको कॉल किया. वो बोली घर आ जाओ. मेने पूछा कैसे आऊ. मुझे कुछ पता नही था. फिर बोली घर के पीछे से मेरे छत पर आ जाओ. मेने लुंगी और बनियान पहना और अंडरवेर सब निकाल के गया. उसके छत से उसके घर में गया. इनती गोरी थी की अँधेरे में भी नजर आती थी.
में उसके पास गया. और खीच कर अपने सिने से लगा लिया. और लिप्स लॉक करने लगा. वो भी साथ देने लगी. में शॉक हो गया. इतनी छोटी और ये सब इसको आता हे. घर से भी बहार नही निकलती, बोली बिपि देखि हे. मेने उसकी सलवार का नाडा खीचने लगा.
वो बोली नही इसे मत खोलो. मेरा लंड अस्मान छु रहा था. मुझे कुछ दिखाइ नही दे रहा था.
मेने तुरंत खोल दिया. वो कहने लगी नही मानोगे, उसको गोद में उठाकर उसकी पलंग पर पटक दिया. उसके बूब्स को दबाने लगा, वो सिसकिया भरने लगी. उसकी ड्रेस उपर उठाया और ब्रा हुक वाला नही था उपर किया मुह में भर लिया. और वो मेरा सर जोर से दबाने लगी. इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम मेने उसके निप्पल अपने मुह में भर लिए. और चूसने लगा. वो सिसकिया लेने लगी. खूब चुसना चालू किया. मेरी समज में नही आ रहा था. कभी बूब्स तो कभी लिप्स चूसने लगा. वो साथ देने लगी. मुझसे बर्दास्त नही हो रहा था.
मेने अपनी लुंगी खोल कर अगल कर दी. और उसकी छोटी चिकनी चूत पर अपना लंड रखा. पर बहोत कोशिश किया जा ही नही रहा था. बहुत परेसान हो गया. पसीने से भीग गया. २०-२५ मिनट परेसान हो गया. थूक लगा लगा कर थक गया अंदर जा ही नही रहा था. और वो चिला रही थी.
फिर मैने खूब थूक जमा किया उसकी चूत पर उसको चाट चाट कर फिर आपने लंड पर लगाया और जोर से धक्का मारा. मेरा लंड थोडा घुस गया और वह जोर से चिल्ला उठी उसकी आवाज से उसकी माँ उठ गयी वह चिल्ला उठी मर गई आह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह में डर गया और उसके दुसरे रम में जाकर छुप गया.
उसकी माँ आई और बोली की बिल्ली थी उसे देख कर डर गई थी. फिर में आया तो उसने सलवार पहन ली और कहा नहीं अब नहीं मैने कहा की में बहोत धीरे धीरे करूँगा. तो बोली के नहीं में मर जाउंगी. तो मैने गुस्से में कहा की मुझे इसीलिए बुलाया था? में जा रहा हु उसने मुझे पकड कर किस करने लगी और कहने लगी के बहोत दर्द होता हे तो मैने कहा की में धीरे धीरे करता हु तो बोली के ठीक हे.
फिर मेने उसकी सलवार खोली और अपना लंड धीरे से डाला. फिर वो चिलाने लगी. मेने उसके मुह पर अपना मुह रख दिया. वो छटपटाने लगी. मुझ पर तो शैतान सवार था. मेने थोडा डाला और रुक गया. किस करने लगा.
फिर थोड़ी वो ठीक हुई तो फिर एक जटका मारा, फिर चीलाई, तीसरी बार में गया अंदर बोली हिलाओ मत नही तो में मर जाउंगी. फिर में उसके उपर लेट गया. और किस करने लगा. में डरा हुआ था. उसकी सील टूट गयी थी. और खून निकलने लगा था. और वो बोलना बंद कर दी थी.
फिर थोड़ी देर बाद वो खुद अपनी गांड थोड़ी हिलाई तो मेने पूछा क्या हुआ, बोली अभी थोडा दर्द कम हुआ. फिर में अपना लंड हिलाने लगा. आइस्ता आइस्ता, बोलने लगी अब मेरे राजा चोदो जितना चोदना चाहते हो.
ये सुनकर में दंग रह गया. बोलने लगी मुझे लड़की से औरत बना दो. में आज से तुम्हारी औरत हु. फिर में उसको गोद में उठाकर करने लगा. वो छिपकली की तरह चिपकी हुई थी. मुझे आज तक ऐसी टाइट चिकनी चूत नही मिली थी. वो मेरे गले में हाथ दालकर खूब उछल उछल कर चुदवाने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उसके बाद वो चार से पांच बार जड चुकी थी. क्युकी उसकी चूत एकदम गीली हो गयी थी. पर मेरा एकबार भी नही गिरा, और सवेरा हो गया था. फिर में जाने लगा. पर वो मुझे जाने नही दे रही थी. मेने बोला सब उठ गये हे, गाँव में ४:१५ बजे दिन निकल जाता था.
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