पहले और सच्चे प्यार में तन का मिलन
नमस्कार दोस्तो.. मेरा नाम राहुल है, मैं काफ़ी समय से अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ रहा हूँ।
कई बार मैंने सोचा कि अपनी कहानी भी सबको बता सकूँ.. पर कभी हिम्मत नहीं हुई.. पर इस बार मैं आप सबको अपनी पहली सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूँ।
मेरी उम्र 27 साल है.. बात उस वक़्त की है.. जब मैं कम्प्यूटर इंस्टिट्यूट में जाने लगा.. तब मैं 21 साल का था.. उस वक़्त वहाँ पर कोई भी मुझे नहीं जानता था।
धीरे-धीरे वहाँ मेरी दोस्ती होने लगी.. मेरे दोस्तों में एक लड़की थी अर्चना.. उसकी उम्र 20 साल थी। वो बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक थी।
उसका कद 5 फुट 5 इन्च था.. मम्मों का साइज़ भी बहुत बड़ा था और उसके चूतड़ों की गोलाई तो किसी को भी पागल कर सकती थी।
मैं उसे पसंद करने लगा था.. पर मैंने कभी उसे बताया नहीं। धीरे-धीरे हम दोनों में नज़दीकियां बढ़ने लगी।
एक दिन ग़लती से मेरी कोहनी उसके मम्मों पर ज़ोर से लगी.. उसके मुँह से हल्की सी ‘आहह..’ की आवाज़ निकल गई।
मुझे महसूस हो गया था कि ज़ोर से लगा है.. पर उसने इस बात का किसी को भी अहसास नहीं होने दिया.. पर मुझे पहली बार में ऐसा होने से बहुत मज़ा आया।
मैंने सोचा क्यों ना दुबारा ऐसा किया जाए।
फिर मैंने एक दिन मौका देख कर ऐसा ही किया और इस बार और ज़ोर से कोहनी मारी और फिर उसे ‘सॉरी’ कहा।
ऐसा मैंने कई बार किया।
एक दिन परेशान होकर उसने मुझे अकेले में कहा- तुम ऐसा जान बूझकर करते हो ना?
मैंने मना कर दिया.. पर उस दिन मैंने उससे अपने दिल की बात कह दी और उसने ‘हाँ’ भी कर दिया।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि वो मान गई है।
फिर क्या था.. हम फोन पर बातें करने लगे। फिर हमारे बीच में सेक्सी बातें होने लगी। मुझे महसूस होता था कि वो फोन पर ही गरम हो रही है.. मेरी हिम्मत नहीं होती थी कि मैं उससे सेक्स करने की बात कहूँ.. पर मन ही मन वो भी यही चाहती थी।
एक दिन मौका मिल ही गया.. मैंने हिम्मत करके उससे कहा- मैं तुम्हें चुम्बन करना चाहता हूँ..
वो तुरंत मान गई.. मैंने उसे चूम लिया।
फिर मैंने उसे अपने कमरे पर बुलाया.. उस दिन वो गजब की सुन्दर लग रही थी.. उसके बाल खुले थे।
मैं उसे देखकर पागल हो रहा था। मैंने उसे बैठने को कहा। शायद उस वक़्त वो घबरा रही थी.. क्योंकि मैं कमरे में अकेला रहता था।
वो सोफे पर बैठी थी.. मैं उसके पीछे आया और उसके कन्धों पर हाथ रखा।
वो सहम गई.. फिर मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और धीरे-धीरे अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए।
हम इस पोजीशन में कम से कम 10 मिनट तक एक-दूसरे के होंठों को चूमते रहे।
फिर अचानक वो खड़ी हो गई और मुझसे लिपट गई।
जब मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी आँख में आँसू थे।
मुझे कुछ समझ नहीं आया।
तभी उसने कहा- राहुल.. तुम मुझे कभी छोड़ोगे तो नहीं ना जान?
मैंने कहा- कभी नहीं मेरी जान..
और फिर हम एक-दूसरे को चुम्बन करने लगे। उसे किस करते वक़्त मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर चला गया.. पर उसने इसका कोई विरोध नहीं किया।
फिर मैं उसके मम्मों को दबाने लगा अब उसके मुँह से मादक आवाज़ निकलनी शुरू हो गई थी।
वो ‘आहह आहह.. उम्म्म्म..’ की आवाज़ निकाल रही थी, उसकी आवाज़ मुझे और ज़्यादा मदहोश कर रही थी।
मैं और ज़ोर से उसके मम्मों को दबाने लगा, उसके मम्मे अब टाइट हो रहे थे।
फिर किस करते हुए मैं अपना एक हाथ उसकी कमर पर ले गया और उसके सूट के अन्दर डाल कर उसकी कमर को सहलाने लगा।
मैंने उसे गोद में उठाया और उसे बेड पर लिटा दिया.. धीरे-धीरे मैंने उसके कपड़े निकाल दिए और अपने भी।
अब वो मेरे सामने पैन्टी और ब्रा में थी गजब की खूबसूरत लग रही थी।
मैं उसके गोरे बदन को देखता ही रह गया।
फिर उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी।
मैंने उसकी ब्रा खोल दी.. क्या प्यारे निप्पल थे उसके.. एकदम गुलाबी..
जैसे ही मैंने अपनी उंगली से उसके निप्पल को दबाया.. उसके मुँह से ‘आहह..’ की आवाज़ निकल गई।
फिर मैं उसके निप्पल को चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चिकनी जाँघों को सहलाने लगा। उसकी जाँघों को सहलाते-सहलाते मैं अपना हाथ उसकी पैन्टी के ऊपर ले गया, उसने अपनी टाँगें खोल दीं।
मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत से पानी निकल रहा है।
मेरी उंगलियाँ उसकी पैन्टी के ऊपर से ही गीली हो गईं।
मैंने उसकी पैन्टी निकाल दी.. हाय क्या चिकनी और गोरी चूत थी उसकी.. शायद आज ही सफाई की थी उसने..
मैं अपना हाथ उसकी चूत पर फिराने लगा और उसके निप्पल को चूसने लगा।
उसके मुँह से ‘आहह.. आअहह.. आहह.. आअहह.. उउंम्म.. आअहह.. उउंम्म..’ की आवाज़ निकल रही थी।
उसने हिम्मत करके मेरे लण्ड को पकड़ लिया.. जो बहुत टाइट हो चुका था और 7 इंच लंबा भी हो गया था।
अर्चना ने मदहोशी में अभी तक मेरा लण्ड देखा नहीं था.. उसकी आँखें अभी भी बंद थीं।
मैंने उससे कहा- इसे चूसो..
तब उसने अपनी आँखें खोलीं और लण्ड देखते ही घबरा गई।
उसने कहा- ये तो बहुत मोटा है.. मेरी उसमें कैसे जाएगा.. मैं नहीं करवा सकती जान..
मुझे लगा सारा खेल बिगड़ गया.. पर मैंने उसे प्यार से समझाया और वो मान गई।
फिर वो मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। करीब 10 मिनट बाद उसने लण्ड को मुँह से निकाल दिया।
अब मैं तैयार था.. मैंने उसे लेटाया और उसकी चूत पर जीभ से किस किया।
वो फिर मदहोश होने लगी और कहने लगी- अब मत तड़पाओ जान.. डाल दो उसे.. मेरी चूत में.. आज मैं दर्द सहने को तैयार हूँ मेरी जान..
मैं उसके ऊपर आ गया.. उसकी चूत फूल चुकी थी।
मैंने अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया.. पर लण्ड फिसल कर बाहर निकल गया।
उसे हल्का दर्द भी हुआ.. पर उसने कुछ नहीं कहा।
मैंने फिर से सुपारा उसकी चूत के छेद पर रखा और इस बार थोड़ा ज़ोर से धक्का लगाया मेरे लण्ड का सुपारा अन्दर चला गया.. लेकिन अर्चना की चीख निकल गई।
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मैंने हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया.. पर उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे। एक मिनट के बाद मैंने अपना हाथ उसके मुँह से हटाया.. उसने ज़ोर की सांस ली।
अब उसका दर्द थोड़ा हल्का हो गया था।
मैंने उससे पूछा- और करूँ.. या रहने दूँ?
तो उसने कहा- नहीं जान.. ये दर्द तो होना ही था.. तुम पूरा लण्ड डाल दो।
मैंने फिर एक और जोरदार धक्का मारा.. अब मेरा लण्ड आधा घुस गया उसकी चूत में.. वो फिर से चिल्ला उठी।
फिर मैंने उसके होंठों पर होंठ रखे और उसके कंधों को कस कर पकड़ लिया ताकि अब वो हिल ना पाए और मैंने एक और ज़ोर का धक्का मार कर लण्ड पूरा उसकी चूत में घुसा दिया।
मैं थोड़ी देर उसी पोजीशन में रहा.. फिर मैंने धीरे-धीरे धक्कों की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी।
अब उसे भी मज़ा आ रहा था.. वो भी अपने चूतड़ उठाने लगी थी।
करीब 15 मिनट बाद एक पल ऐसा आया.. जब उसका बदन टाइट हो गया और वो ज़ोर-ज़ोर से सांस लेने लगी और फिर अचानक उसने अपना बदन ढीला छोड़ दिया।
उस वक़्त उसकी चूत से गरम पानी निकल रहा था।
मैं समझ गया कि वो झड़ गई है.. पर मैं अभी नहीं झड़ा था, मैंने अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी।
करीब 5 मिनट बाद मैं भी झड़ गया। मैंने अपना पानी बाहर निकाला और मैं उसके ऊपर ऐसे ही लेट गया।
हम दोनों बहुत थक चुके थे.. पर हमारा प्यार और बढ़ गया था।
आज भी मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ।
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