प्यासा लंड तपाक से खड़ा हो जाता
दोस्तों ये मेरी पहली कहानी हे. और शायद कुछ इधर उधर भी होगा इसके अन्दर. पर ट्राय की हे की आप को सेक्स की स्टोरी पढने का पूरा मजा आये. मेरा नाम आलेख हे और मैं कुंवारा हूँ और अभी बोकारो में रहता हु. मैं सेल्स का काम करता हूँ. अब चलिए मेरे बारे में इतना इंट्रो काफी था. अब सीधे सेक्स के ऊपर आते हे.
ये बात आज से कुछ एक 8 महीने पहले की, मैं सेल्समेन हूँ और अक्सर लोगों के घर अपर डोर टू डोर सेलिंग के लिए जाता हूँ. बोकारो बहतु छोटा शहर हे इसलिए मैं कुछ सिलेक्टेड कस्टमर के घर ज्यादा जाता हूँ. उनमे एक इम्रे कस्टमर हे जिनका नाम अमरेन्द्र था. उनकी उम्र करीब 40 साल के जितनी हे. मैं उन्के घर अक्सर जाता हूँ. घर में उन्के सिवा उनकी वाईफ अंजू जो की 36 साल की हे. और उन्के 2 बच्चे हे. अंजू इतनी उम्र में बड़ी मादक लगती हे. उनकी गांद बड़ी ही मस्त हे जिसे देख के किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. जब वो चलती हे तो देखते ही बनती हे.
फिर अमरेन्द्र ने अपना बिजनेश बैंकॉक में मूव कर लिया. वो मुझे पता नहीं था. मैं तो नयी प्रोडक्ट आई तो उसे ले के अमरेन्द्र के घर चला गया. मैंने अंजू भाभी से पूछा की भैया कहा गए? तो उसने मुहं बना कर कहा की वो तो हम सब को छोड़ के बैंकॉक कमाने गए हे. मैंने पूछा आप नहीं गई साथ में भाभी?
वो बोली बच्चो की पढाई यहाँ सेट हे तो ये सब छोड़ मैं बैंकॉक कैसे जाऊ.
फिर अंजू भाभी ने कहा आप बैठी मैं आप के लिए चाय लेकर आती हूँ. और वो चाय बनाने के लिए चली गई. मैं तो उनको देखकर दंग ही रह गया. वो ब्लेक कलर की नाइटी पहने हुए थी और उसकी गांद के बिच का छेद बिलकुल पता चल रहा था. मेरा दिल जोर जोर से धडक रहा था. पर मैंने खुद को कंट्रोल किया. थोड़ी देर बाद अंजू भाभी ने चाय दी और मेरे काम के बारे में पूछा. मैंने कहा काम ठीक ही चल रहा हे भाभी जी.
फिर भाभी ने कहा की तुम से एक काम था. मैंने कहा बताइए न भाभी. तो उसने कहा की उन्के बड़े बेटे के प्लस 2 में एडमिशन करना था. तो मैंने कहा ठीक हे मैं आप को साथ में ले के जाऊँगा.
दुसरे दिन उन्होंने मुझे फोन किया और बुला लिया. उस दिन अंजू भाभी एकदम मस्त लग रही थी. वो रेड कलर की सारी पहन के आई थी. उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. और सोचा की अंजू को ज़रूर चोदुंगा मैं.
मैं बाइक ले के गया था और वो अपने बेटे के साथ ऑटो पर आई थी. मैंने भाभी को कहा की आप लोग भी अब बाइक पर ही बैठ जाओ ऑटो के पैसे फिजूल में क्यूँ देने. मैंने कहा जो पीछे बैठे वो मेरा बेग पकड़ लेना. अंजू भाभी मेरे ठीक पीछे बैठ गई और उसका बेटा लास्ट में मेरी बेग को पकड़ के बैठ गया. भाभी का बदन मेरे से टच होंते ही मेरे बदन के अंदर करंट सादौड़ उठा. मेरा प्यासा लंड एकदम से तपाक कर के खड़ा हो गया. भाभी की चूची बार बार मेरी पीठ के ऊपर लग रही थी और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
मैं जानबूझ के ब्रेक लगता था ताकि भाभी मेरे से और टकराए. और वो भी मुस्कुरा के जैसे मेरे करीब आने का मौका ढूंढती थी. एडमिशन का काम निपटा के मैं अपने ऑफिस चला गया भाभी और उसके बेटे को घर पर छोड़ के. लेकिन साला अंजू भाभी जैसे दिमाग के ऊपर चढ़ सी गई थी.
दुसरे दिन भाभी ने मुझे फिर से कॉल किया और बोली कुच काम था. मैं बहुत खुश था और कहा मैं अभी आया. मन ही मन में मैं सोच रहा था की अंजू भाभी के पास जाने का मौका मिला! घर पर जाते ही मैंने बेल बजाई तो भाभी ने ही दरवाजा खोला. वैसे उनकी कामवाली ही गेट खोलती थी लेकिन आज भाभी खुद आई थी. मैंने कहा कामवाली कहा गई भाभी तो वो बोली उसे एक दिन की छुट्टी दे दी और ये कहते हुए उसके चहरे पर सेक्सी स्माइल थी. मेरा दिल जोर जोर से धडक रहा था. मैंने पूछा घर में बच्चे भी नहीं दिख रहे हे. भाभी ने कहा उन्हें मैंने इंग्लिश कार्टून वाली मूवी की टिकट दे के सिनेमा देखने भेजा हे! मैंने मन ही मन खुद को कहा बेटा आज ही मौका हे भाभी की चूत में अपना चौका मारने का! वो बोली मैं आप के लिए चाय बना के आती हूँ ऐसा कह के वो किचन की तरफ गई.
मैंने हिम्मत की और कुर्सी से उठ कर किचन में चला गया. वहां पर अंजू भाभी चाय बना रही थी. और उनकी बड़ी गांद मेरी तरफ ही थी. भाभी जब हिलती थी तो लटक मटक सी होती थी. अब मेरे से रहा नहीं जा रहा था लंड ने पागल कर रखा था मुझे. मैंने अंजाम की परवाह किये बिना ही अंजू भाभी को पीछे से पकड़ लिया. भाभी ने चौंक के कहा, ये क्या कर रहे हो तुम?
और वो खुद को छुडाने की कोशिश करने लगी. लेकिन मैंने उनको पकड़ कर उन्के मुहं में अपने मुहं को डाल के चूमना चालू कर दिया. मैं भाभी के होंठो को चूस रहा था और वो छुडाने की कोशिश में ही लगी हुई थी. फिर भाभी ने भी सपोर्ट करना चालू कर दिया और वो मेरे होंठो को चूसने लगी. मैंने अपने हाथ को भाभी के बूब्स के ऊपर ले गया और उन्हें मसलने लगा. भाभी के निपल्स अकड चुके थे और उनकी साँसे उखड़ रही थी. मेरा लंड एकदम दानव के जैसा तन गया था और भाभी की गांद के ऊपर चिभने लगा था.
भाभी के किस करने के अंदाज से ही पता लगता था की वो भी बहुत प्यासी थी सेक्स के लिए. मैंने उन्के होंठो के बाद गर्दन, गले और कान के निचे भी किस दिया. और मेरे हाथ भाभी के निपल्स को और बूब्स को मसल के लाल कर रहे थे. भाभी की सिसकियाँ और आहें निकल रही थी. और फिर उसने अपने हाथ को मेरे लंड के ऊपर रख के जोर से दबा दिया. और लंड का साइज़ का अंदाजा होते ही वो बोली, वाऊ!
मैंने कहा क्या हुआ?
वो बोली, बहुत बड़ा हे आप का तो!
अब मैंने अंजू भाभी की नाइटी उतार दी. अब भाभी मेरे सामने सिर्फ अपनी ब्रा और पेंटी के अन्दर थी. वो ब्लेक ब्रा पेंटी में एकदम सेक्सी लग रही थी. मैं ब्रा के ऊपर से ही भाभी की बड़ी चुचियों को मसलने लगा और वो जोर जोर से अह्ह्हह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह करती गई. मैंने ब्रा के हुक को खोला और निपल को मुहं में ले लिया और चूसने लगा. वो मजा ले रही थी अह्ह्ह अह्ह्ह करते हुए. और फिर मैंने भाभी की पेंटी के ऊपर हाथ रखा और उसे भी निचे सरका दिया. भाभी की चूत एकदम पिंक यानी की गुलाबी थी और एकदम बिना बाल की क्लीन शेव्ड थी.
भाभी किस सेक्सी चूत को देख के मेरे मुह में पानी आ गया था. मैंने उनकी टाँगे खोली और मुहं से उनकी चूत को चाटने लगा. अंजू भाभी एकदम गरम हो गई थी. फिर उसने भी लंड चूसने की इच्छा जताई तो हम दोनों 69 पोज में आ गए.
वो मेरे लंड का लोलीपोप अपने गले तक भर के चूसने लगी थी. वो किसी कुतिया के जैसे मेरे लंड को चूस रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने अपने लंड का पानी भाभी के मुहं में ही निकाल दिया. और वो सब का सब पानी पी गई. वो भी मेरे मुहं में 2 बार झड़ गई थी.
वो बोली, अब जल्दी से अपना डंडा मुझे दे दो बहुत महीनो से प्यासी हे मेरी चूत.
मैंने कहा, अमरेन्द्र भाई चोद के नहीं गए?
वो बोली, अब उन्के लंड को जंग लग चूका हे, खड़ा होता हे तो भी मेरे सहारे से और पानी फेंक देता हे दो मिनिट के अन्दर ही.
मैंने भाभी की टांगो को खोला और अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर लगा दिया. भाभी ने लंड को पकड़ा और मैंने झटका दिया.
वो बोली, फाड़ डालो मेरी चूत को और उसका कबाब बना के खा जाओ साले हरामी.
मैंने एक तमाचा मारा भाभी को और कहा, रंडी साली लंड ले सीधे सीधे गाली दिया तो गांद पेल दूंगा कुतिया बना के!
वो हंस पड़ी, वो तो मैं वैसे भी मरवाउंगी बहनचोद, भोसड़ी के!
और सच में इस हॉट भाभी ने मेरे लंड से बड़ा काम लिया उस दिन. भाभी ने कस कस के अपनी चूत की चुदाई करवाई. और मेरे पानी निकलने के एन मौके पर चूत से लंड निकलवा लिया. फिर वो घोड़ी बनी और बोली, अब धीरे धीरे से गांद मारो.
उसकी गांद चूत के मुकाबले बहुत सख्त थी. दो बार तो पेलने गया तो लंड फिसल गया. फिर भाभी ने गांद के छेद पर थूंक लगा के उसे गाइड किया अपने अंदर. गांद को 5 मिनिट चोद के मैंने पानी फेंक दिया.
अंजू भाभी आज भी प्यासी हे और मैं उसे हर हफ्ते दो बार चोदने के लिए जाता हूँ. अब मेरी नजर उसकी बेटी के ऊपर हे जो अगले महीने 18 की हो जायेगी. सोचता ही अंजू भाभी से ही कहूँ की अपनी बेटी की चूत दिलवा दो मुझे!
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