आंटी और उसकी बहु के साथ थ्रीसम सेक्स
मैं 18 साल का था तब की ये बात हैं. मेरी फेमली में मैं, पापा, मम्मी और मेरी बहन हैं. हमारे नेटिव प्लेस में मेरी एक आंटी हैं जो विधवा हैं. उसका अपना बिजनेश हैं. आंटी का चेन्नई में एक घर हे जिसे उसने किराए पर रखा हुआ हैं. लेकिन फिर मैंने सुना की आंटी और उसकी बहु हमेशा के लिए चेन्नई मूव हो गई हैं. ये सुन के मैं बहुत खुश हो गया. आंटी का नाम लता हैं जिसकी उम्र 45 साल और फिगर 34-38-44 हैं. आंटी की गांड साइज़ में एकदम ह्यूज हैं और जब वो चलती हैं तो उसे हिलती देखने में मज़ा आता हैं. आंटी की बहु का नाम देवी हैं जो 33 साल की हैं. उसके बूब्स और क्लीवेज एकदम बड़ा हैं.
आंटी और देवी एक दिन हमसे मिलने के लिए हमारे घर पर आये. हमने एक दुसरे को हग कर के विध किया. और जब मेरे बदन से उनके बूब्स टच हुए तो जैसे पुरे बदन के अन्दर करंट लगा मेरे. बूब्स से टच होने के बाद मैं उनके बूब्स और गांड के बारे में ही सोच रहा था. देवी का हसबंड यानि की मेरा कजिन यूके में सेटल हुआ हैं और वो बहुत कम ही इंडिया आता हैं. इसलिए मैं जानता था की आंटी के जैसे उसकी बहु भी प्यासी ही थी सेक्स के लिए.
फिर मैंने आंटी और उसकी बहु के पीछे जासूसी लगा दी. मैंने जानता था की वो सती सावित्री नहीं थी और लंड के लिए कुछ न कुछ जुगाड़ कर रखा होगा. और मुझे पता चला की आंटी का अफेयर हैं किसी आदमी के साथ. एक दिन मैं आंटी के घर पर गया तो वो टीवी देख रही थी और उसका फेस डल सा था. और उसकी बॉडी में पेन हो रहा था.
लता: हेलो बेटा, आओ कैसे हो तुम?
मैं: ठीक हूँ आंटी लेकिन आप ठीक नहीं लग रही हो. क्या हुआ?
लता: अरे कुछ नहीं, थोडा बुखार था उसकी वजह से बॉडी में पेन हो रहा था.
मैं: ओह, आंटी आप कहो तो मैं मेडिसिन ले आता हूँ.
और फिर मैं उसके बिना कुछ कहे फार्मसी पर चला गया मेडिसिन लाने के लिए. मैं आंटी के लिए मूव ऑइंटमेंट और बुखार की दवाई ले आया.
मैं: आंटी मैं आप के लिए मूव और बुखार की दवाई ले के आया हूँ. मैं आप को मूव लगा देता हूँ. बताइए कहाँ पर दर्द हैं.
लता: नहीं, तुम मुझे दे दो. मैं खुद ही लगा लुंगी.
मैं: नहीं आंटी मैं लगा देता हूँ.
लता: ठीक हैं, कमर, पीठ और कंधे पर लगा दो.
मैं: ओके आप मेरी तरफ घूम जाओ.
और फिर मैंने आंटी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसे कहा की आप अपने ब्लाउज को खोल दो. आंटी ने ब्लाउज को खोल दिया. आंटी नॉर्मली पेटीकोट नहीं पहनती हैं. मैंने कंधे और पीठ के ऊपर मूव लगाईं. जब मेरा हाथ उसकी गांड को जरा सा टच हुआ तो मेरा लंड जैसे करंट के झटके सा महसूस कर उठा और मैंने एकदम से खुश हो गया. मैं खड़े लंड के साथ आंटी को मूव लगा रहा था.
अब मैंने आंटी को कहा की आगे को हो जाओ तो आप के हाथ और पैर में भी मूव लगा दूँ. वो मेरी तरफ घूम गई और मैंने उसकी क्लीवेज की खाई को देखा. मैं वहां से अपनी आँखे नहीं दूर कर पा रहा था. उसने वो देखा और स्माइल कर दी. उसने अपने ब्लाउज को एडजस्ट किया और वो अब और भी निचे था. मैंने अब आंटी को हाथ और पैर के ऊपर मूव लगा दी. और फिर मैंने धीरे से उसकी जांघो के अन्दर के भाग को टच किया. और मैं अन्दर हाथ कर के पुरे 20 मिनिट तक मूव लगाता रहा और हलके से मसाज करता गया.
फिर मैंने आंटी को कहा आप के गले के ऊपर भी लगा देता हु ताकि बुखार कम हो जाए. उसने मेरी बात मान ली. मैंने अब थोड़ी विक्स की क्रीम ली जो उनके घर में थी और उनके गले के ऊपर लगाने लगा. और फिर मेरे हाथ धीरे धीरे से आंटी की चुचियों की तरफ बढ़ने लगे. मैंने बूब्स के ऊपर के हिस्से को थोडा सा दबा दिया.
फिर मैं निचे बैठ गया और उसकी लेफ्ट साइड में आ गया. और मेरे हाथ अभी भी उसके बूब्स को ही टच कर रहे थे. और फिर मैंने हिम्मत कर के आंटी की चूची को पूरी हाथ में ले ली. वो जोर से साने लेने लगी और उसका हाथ मेरे लंड के पास आ गया. मैंने आंटी से पूछा, आंटी आप की चेस्ट इतनी सॉफ्ट क्यूँ हैं मर्दों की तो एकदम हार्ड होती हैं.
वो हंस पड़ी और बोली इसलिए क्यूंकि औरते बच्चो को जन्म देती हैं और उन्हें दूध पिलाती हैं. मैंने कहा आप मुझे वो दिखा सकती हैं. आंटी मान गई और उसने अपने बूब्स बहार निकाले. पहली बार मैंने बूब्स देखे थे. मैंने बिना कुछ कहे उन्हें दबा दिए और वो भी नाखुश नहीं थी. उसने मेरे को एक पप्पी दे दी और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी. मैं बूब्स को एकदम जोर से चूसने लगा. मेरी फिलिंग थी उसे मैं शब्दों में नहीं लिख सकता हूँ. वो इतने सॉफ्ट और मिल्की थे की बड़ा ही मज़ा आ रहा था मुझे.
आंटी ने पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को दबा दिया और उसे हिलाने लगी. और फिर आंटी ने मेरे पेंट को खोला जिस से वो लंड को सीधे सीधे टच कर सके. मेरा लंड फुल के 5.5 इंच का हो चूका था. आंटी ने लंड को अब मुहं में ले लिया और चूसने लगी. मैंने आंटी के बूब्स को दबा रहा था. और फिर मैं निचे उसकी नाभि के ऊपर चला गया और उसे जोर से सक करने लगा.
और फिर मैं आंटी की महकती हुई चूत के ऊपर आ गया. मैंने उसे अपने हाथ से खोला और उसके लिप्स को फिंगर से हिलाने लगा. मैंने ऊँगली को चूत में डाला और उसे चोदने लगा. पांच मिनिट आंटी की चूत को फिंगर किया और उसकी चूत का पानी छुट पड़ा. और आंटी ने बोला मुझे ऐसा मजा पहले कभी नहीं आया.
मैंने आंटी को अपना लंड पकड़ा के कहा अब इसे गिला कर दो. आंटी ने लंड को थोडा चूस के गिला कर दिया. फिर उसकी आगे की चमड़ी को पीछे कर दी उसने. आंटी ने अपने लेग्स खोल दिए और मेरे लंड को छेद पर लगा दिया. मैंने एक धक्का तो दिया लेकिन मेरे लिए यह पहला अनुभव था और मेरा लंड चूत में घुसा नहीं. आंटी ने मुझे सही जगह पर फिर से लंड रख के धीरे से पुश करने को कहा. और आखिरकार मेरे लिए गर्व की बात आ गई क्यूंकि मैंने लंड अंदर घुसा जो दिया था.
मैंने आंटी को 10 मिनिट चोदा और फिर मेरा माल उसकी चूत में ही छुट गया. वर्जिन था इसलिए बहुत ज्यादा कर नहीं पाया मैं. मेरा लंड एक बार और उसकी चूत दो बार झड़ी थी.
और फिर आंटी ने मुझे लंड मुहं में देने को कहा. मैंने लंड मुहं में दिया जिसे उसने खूबसूरती से चूसा. और अब मैं सेकंड राउंड के लिए रेडी था. हमने उस दिन चार बार चुदाई की. और मैंने अपनी माँ को कॉल कर के बोला की मैं अब 3 दिन आंटी के घर ही रहूँगा. फिर शाम को मैंने आंटी की चूत चोदते हुए आंटी को कहा की मैं देवी को चोदना चाहता हूँ क्यूंकि वो भी आकर्षक और हॉट हैं.
आंटी ने पहले तो कह दिया की वो नहीं मानेगी. लेकिन फिर आंटी ने अपने राज खोलते हुए कहा की वो अपनी बहु के साथ काफी बार लेस्बियन कर चुकी हैं. मैंने कहा आप आज भी उसके साथ लेस्बो करो और जानबूझ के दरवाजे को खुला रखना. मैं बिच में आ जाऊँगा और आप ऐसे रिएक्ट करना की जैसे आप पकड़ी गई हो!
और जैसे हमने प्लान किया था. देवी के ऑफिस से आने के बाद वो और उसकी सास यानि की मेरी आंटी लेस्बो करने चली गई. आंटी ने उसके आने के पहले अपने कपडे उतार के सिर्फ ब्रा और पेंटी पहनी थी. उसके आते ही आंटी ने उसे गले से लगा लिया.
देवी: क्या बात हैं सासू माँ, चूत तवे पर चढ़ाई थी क्या?
लता आंटी: अरे नहीं आज पोर्न देख लिया दोपहर में तो चूत तप गई थी, अब तू ऊँगली करेगी तो शांति होगी ये.
देवी: ओके.
आंटी ने देवी के दोनों बूब्स को हाथ में जकड़ लिया और दबाने लगी. फिर आंटी ने और देवी ने फ्रेंच किस स्टार्ट कर दिया. मैं दरवाजे की फांक से दोनों को देख रहा था. और वो दोनों एक दुसरे की चूत में ऊँगली कर रही थी. वो दोनों जोर जोर से मोअन कर रही थी. और वो दोनों मेरा नाम ले के जोर जोर से मोअन कर रही थी. मैं खुश था की मेरी भाभी देवी भी मेरे लंड के लिए रेडी थी.
मैं तभी एन मौके के ऊपर दरवाजा खोल के अन्दर आ गया. और आंटी ने ऐसे एक्ट किया जैसे उसे कुछ पता ही ना हो. आंटी ने मुझे कहा क्यूँ आया हैं तू यहाँ, चल निकल यहाँ से. देवी भी मुझे देख के शोक हो चुकी थी और उसने मेरे खड़े लंड को देख लिया था.
मैं: आप दोनों चूत में ऊँगली कर के मेरा नाम ले रही थी तो मैंने सोचा की मैं ही आ जाता हूँ.
और फिर आंटी से रहा नहीं गया. उसने हंस के अपनी बहु को बता दिया की कैसे मैंने उसकी चूत को चोदा था और कैसे हम दोनों ने देवी को चोदने का प्लान बनाया था.
और फिर मैं देवी के सामने नंगा हो गया. देवी ने मेरे लंड को मुहं में भर के खूब चूसा. मेरा पानी एक बार छुड़ा के उसने अपनी चूत खोली और बोली, देवर जी डाल दो अपना लोडा और निकाल दो उसका पानी. आप का लंड डेढ़ साल पहले देखा था तब से ही लेना चाहती थी.
मैंने देवी भाभी की चूत में लंड घुसा दिया और लता आंटी हम दोनों के सेक्स की क्लिप बना रही थी. मैंने देवी के बूब्स को चूसते हुए उसे अपनी गोदी में उठा लिया. वो मेरे से लिपटी हुई थी और गांड को हिला हिला के लंड ले रही थी मेरा. शाम के 9 बजे तक मैंने देवी और लता आंटी को खूब चोदा.
फिर हमने खाना खाया और देवी ने अपने बेडरूम को सुहागरात के जैसा सजा दिया. मैं मेडिकल से सेक्स पावर की गोली और जापानी तेल ले के आ गया. आज मेरी सुहागरात मेरी आंटी और उसकी बहु के साथ होनी थी!!!
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