चूचियों और चूत की नपाई चुदाई

चूचियों और चूत की नपाई चुदाई

हैलो दोस्तो, आपका सिड एक बार फिर आपके सामने है।
यह मेरी दूसरी कहानी है…

मेरी एक दुकान है.. जिसमें लेडीज सूट और साड़ियाँ बिकती हैं। बात तब की है.. जब मेरी दुकान में एक लड़की सूट खरीदने के लिए आई थी। उसका नाम अंजलि है.. उसकी उम्र 22 साल की है।
जब उसकी शादी तय हो गई.. तो वो अपनी शादी की शॉपिंग करने अपने घर वालों के साथ.. मेरी दुकान पर आई।
वो बहुत ही सेक्सी दिखती है.. उसका फिगर 34-30-34 का रहा होगा। उसने उस दिन एक बहुत ही टाइट सलवार कमीज़ पहना हुआ था.. जिसमें उसके चूचे पूरे कसे हुए थे।

वो सब शॉपिंग करने के लिए बैठ गए और उन्होंने काफ़ी शॉपिंग की.. बहुत सारी साड़ियाँ और सूट्स लिए। काफ़ी देर तक शॉपिंग का सिलसिला चलता रहा और इस बीच बहुत सारी बातें भी हुईं।

इसी बीच जब वो बैठी थी.. तो उसका दुपट्टा बार-बार सरक रहा था.. जिससे मुझे उसकी तनी हुई चूचियों की झलक दिख रही थी.. हाय.. क्या कसी हुई थीं उस कमीज़ में उसकी चूचियाँ.. मन कर रहा था कि अभी हाथ बढ़ा कर पकड़ लूँ और जोर-जोर से दबाऊँ.. मेरी तो हालत खराब हुई जा रही थी।

उसने भी इस बात को कई बार नोटिस किया.. पर वो कुछ न बोली और अपनी शॉपिंग करती रही।
आख़िर में जब उसकी शॉपिंग पूरी हो गई.. तो बारी आई सूट्स और ब्लाउज की सिलाई करवाने की।

मैंने कहा- हमारा टेलर अच्छी फिटिंग के सूट्स सिलता है.. आप उससे सिलवा लीजिए।
तो उन्होंने कहा- ठीक है.. उसे बुला दो..

मैंने फोन करके टेलर को दुकान पर ही नाप आदि लेने के लिए बुला लिया।
हम लोग और टेलर दुकान के तीसरे फ्लोर पर चले गए.. वहाँ टेलर ने उसकी नाप लेनी शुरू की। मैं वहीं खड़ा था और उसे गाइड कर रहा था।

उसने ब्लाउज का नाप लेना शुरू किया तो उसने अंजलि से दुपट्टा उतारने को कहा और अंजलि ने दुपट्टा उतार दिया।

फिर उस टेलर ने नाप लेना शुरू किया.. मेरी हालत वैसे ही खराब हो रही थी.. तो मैंने सोचा यह हाथ साफ़ करने का अच्छा समय है।

तो मैंने टेलर से कहा- आप नोट करो.. मैं नाप लेता हूँ।

मैंने इंची टेप लिया और उसका नाप लेना शुरू कर दिया। पहले मैंने उसके पेट पर इंची टेप लगाकर उसकी कमर का साइज़ लिया।

हय.. क्या चिकनी और मुलायम कमर थी.. मेरा लौड़ा तो एकदम से तन गया फिर मैंने उसके गले का नाप लिया.. अब मैंने उससे पूछा- गले की गहराई कितनी रखना है।

वो जबाव सोचने लगी.. तब तक मैंने इंची टेप उसके मम्मों के ऊपर रख दिया और थोड़ा प्रेशर देने लगा।
उसने कुछ नहीं कहा।
उसके मम्मे सूट के ऊपर से बहुत ही मस्त लग रहे थे..
फिर मैंने उसकी छाती का नाप लिया और मम्मों को जोर से दबाया और इसी नपाई के बहाने मैंने उसके चूचुकों को भी रगड़ दिया।

मैंने उसके मम्मों के ऊपर इंची टेप रख कर मम्मों को दबाते हुए पूछा- इतनी टाइट फिटिंग सही रहेगी?

तो उसने कहा- हाँ.. इतनी ठीक है।
अब वो भी थोड़ा मचल उठी थी।

फिर बारी आई सलवार की तो मैंने पहले लम्बाई नोट की.. फिर उसकी मांसल जाँघों की गोलाई नोट करने के लिए इंची टेप उसकी टाँगों के बीच में हाथ डाल और जाँघों से अपने हाथ टकरा दिए.. तो वो एकदम से उछल पड़ी। ऐसा लग रहा था कि उसे और भी मजा आने लगा था।

मैंने थोड़ा था हाथ जाँघों पर रगड़ दिया.. वो कुछ नहीं बोली.. मेरा हाथ उसकी जांघों पर और कूल्हों पर घूमता रहा।

फिर नाप पूरी हो गई.. टेलर चला गया और जाते समय कहने लगा- एक हफ्ते में सारे कपड़े मिल जाएँगे।

उसने जबाव में कहा- ठीक है..
अब वो जाने लगी और जाते-जाते उसने मुझे एक कातिल मुस्कान दे दी।
मैं समझ गया कि ये लौंडिया सैट हो गई है।

फिर जब वो अगले हफ्ते अपने कपड़े लेने आई.. तो वो अकेली ही आई थी, टेलर कपड़े हमारी दुकान पर ही छोड़ गया था।

उसने मुझसे पूछा- मैं इनकी फिटिंग ट्राई कर सकती हूँ.. कहीं बाद में दिक्कत ना आए?

मैंने कहा- ठीक है, आप ऊपर चले जाइए और कोई दिक्कत हो तो आवाज़ दे देना।

वो कपड़े लेकर तीसरे फ्लोर पर चली गई। थोड़ी देर बाद उसकी आवाज़ आई.. तो मैं ऊपर गया।

मैं उसे देख कर होश खो बैठा.. उसने सिर्फ़ सलवार और एक ब्लाउज पहन रखा था।

वो कह रही थी- यह ब्लाउज थोड़ा टाइट है.. इसके हुक पीछे से बंद नहीं ही हो रहे हैं.. क्या आप कुछ मदद करेंगे?

मैं आगे बढ़ा और ब्लाउज के हुक्स बंद करने लगा।
क्या माल लग रही थी.. लौड़े का तो बुरा हाल था।

एकदम नागिन सी कमर थी उसकी.. और ब्लाउज का गला गहरा होने की वजह से मुझे पीछे से उसके चूचों की झलक दिख रही थी।
मेरी हालत खराब हो गई।

हुक बंद करवाने के बाद उसने कहा- फिटिंग तो ठीक है और अब वो मेरी तरफ घूम गई और मुझसे पूछने लगी- आप चैक कर लीजिए।

तो मैंने हाथ पहले कन्धों पर लगाया और कहा- यहाँ से तो ठीक है.. फिर नीचे की तरफ उसके ब्लाउज की फिटिंग चैक करने लगा और थोड़ा सा उसके मम्मों को उठा कर उसके पेट से चिपके ब्लाउज के हिस्से को देखने लगा।

जब मैंने उसके मम्मों को उठा कर ब्लाउज की फिटिंग देखी तो मम्मों को छूते ही मेरा लवड़ा गनगना गया.. साथ ही वो भी सिहर उठी थी।

फिर मैं बगलों की फिटिंग चैक करने के लिए दुबारा उसके मम्मों पर थोड़ा प्रेशर देने लगा.. वो मस्त होने लगी और कहने लगी- बहुत अच्छी फिटिंग लेते हो आप..

तो मैंने कहा- चैक तो अच्छी तरह ही करना पड़ता है.. तभी तो कस्टमर्स दुबारा आते हैं..
वो हँसने लगी- तुम बहुत मस्त नापते हो..

मैं समझ गया कि यह उसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल है।
फिर क्या था मैं उसके मम्मों को जोर-जोर से दबाने लगा और एक ही झटके मे उसके होंठों से अपने होंठों मिला दिए।

अब वो भी गरम हो गई थी और मेरा साथ देने लगी। थोड़ी देर चूमा-चाटी और मम्मों को दबाने के बाद मैं रुक गया।

वो कामातुर हो उठी और कहने लगी- क्या हुआ?
तो मैंने कहा- यहाँ नहीं.. तुम मुझे अपना फोन नम्बर दे दो.. फिर कहीं और चलेंगे।

उसने अपना फोन नम्बर दिया और एक जोरदार ‘फ्रेंच-किस’ दी और वहीं मेरे सामने खड़े होकर अपने कपड़े बदलने लगी।
अब उसने अपना ब्लाउज भी खोल दिया था और मेरे सामने बस ब्रा और सलवार में खड़ी थी।

मैंने एक बार फिर उसके मम्मों को जोर से दबाया और ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को चूसने लगा।
मैंने उससे कहा- आज तुम नहीं मानोगी..
उसने कहा- इतने साल की भूखी हूँ.. अब बर्दाश्त नहीं होता।
फिर मैंने कहा- थोड़ा इंतज़ार करो बस..

फिर वो तैयार हो गई और ज़ाने लगी।

मैंने अगले दिन उससे फोन किया और मिलने का प्रोग्राम बना लिया। वो भी ठीक वक्त पर आ गई। वो अपना नया सूट पहन कर आई थी.. क्या परी लग रही थी।

ऐसा लग रहा था.. जैसे बस मेरे लिए ही तैयार होकर आई है। लौड़े ने तो उसे देखते ही सलामी दे दी।
हम एक होटल में चले गए और एक कमरा ले लिया।

बस फिर क्या था.. कमरे में प्रवेश करते ही मैं उस पर टूट पड़ा। उसको चुम्बन करने लगा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
एक लंबी सी ‘फ्रेंच-किस’ करते हुए हम बिस्तर पर ढेर हो गए।

मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और वो मेरे लौड़े को पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगी। फिर मैंने उसकी कमीज़ उतार दी और सलवार भी निकाल कर फेंक दी। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में थी.. क्या गजब लग रही थी। वो काली ब्रा और पैन्टी में कोई हूर की परी सी दिख रही थी।

मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही जोर-जोर से दबाने लगा और फिर हाथ अन्दर डालकर उसके निपल्स को रगड़ने लगा। फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और चूचों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

वो भी सिसकारियाँ लेने लगी- आअहह.. ज़ोर से चूसो.. और दबाओ बुझा दो मेरी प्यास.. आअहह..

मैंने उसकी पैन्टी उतारी और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा और चूत में ऊँगली करने लगा। वो भी गनगना उठी और अब वो भी पूरा साथ दे रही थी।

‘आहह एम्म.. बस मेरे राजा.. अब और नहीं रुका जाता.. पेल दो.. आज इस चूत में अपना लंड.. ऊओह..’
फिर उसने एक ही झटके में मेरी पैन्ट और अंडरवियर उतार फेंकी। वो मेरा खड़ा लण्ड देख कर डर गई थी- हाय इतना बड़ा और मोटा लंड.. ये कैसे जाएगा मेरी चूत में?

मैंने कहा- मेरी रानी तुम डरो मत.. बहुत मजा आएगा.. एक बार लेकर तो देखो।
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उसने एक मदमस्त सी मुस्कान दी और वो मेरे खड़े लंड से खेलने लगी.. लंड को हिलाते हुए मुँह में भर लिया।
क्या मस्त मजा आने लगा..

उसके गरम-गरम होंठ जब मेरे लौड़े पर पड़े.. ऊऊओह.. मुझे अब पूरी मस्ती छा गई और मैं उसका सर पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से आगे-पीछे करने लगा।
थोड़ी देर के बाद उसने लौड़ा मुँह से निकाला और अपनी चूत मेरी तरफ करके चुदने के लिए तैयार हो गई।

मैंने भी देर ना करते हुए अपना लौड़ा उसकी रसीली चूत पर लगाया और जोर लगा कर उसकी नरम चूत में पेल दिया।
उसके मुँह से चीख निकल गई- उउईईईई.. एयेए.. बहुत दर्द हो रहा है..
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा मेरी रानी.. तुम बस मेरा साथ दो.. बहुत मजा आएगा..।

मैंने फिर धीरे-धीरे धक्के लगाते हुए अपना लौड़ा उसकी चूत में पूरा डाल दिया.. उसकी चूत से खून निकलने लगा और वो रोने लगी।

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा अंजलि डार्लिंग.. तुम बस मजे लो..
फिर मैंने एक बार लौड़ा बाहर निकाल कर उसकी चूत साफ़ की और फिर चुदाई शुरू कर दी।

थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा और वो भी अपनी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी। लगभग 10 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं झड़ गया और इसी बीच वो भी दो बार झड़ चुकी थी।

फिर हम लेट गए और एक-दूसरे को चूमने लगे। मैं उसके चूचे चूस रहा था.. वो भी मेरे लौड़े से खेल रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद हमने फिर जोरदार चुदाई की और बहुत मजे किए।

कुछ दिनों बाद तय समय पर उसकी शादी हो गई और जब भी वो अपने घर आती है.. मेरी दुकान पर जरूर आती है.. और मौका मिलता.. तो हम चुदाई भी करते हैं।

आप ईमेल कर के ज़रूर बताना कैसी लगी.. आपके मेल के इंतज़ार में..
आपका अपना सिड..
[email protected]

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