वीराने जंगल में प्रेमिका की सील तोड़ चुदाई

वीराने जंगल में प्रेमिका की सील तोड़ चुदाई

सभी चूत और लण्ड धारियों को मेरा लण्ड उठाकर नमस्कार। मेरा नाम प्रेमराज है.. मैं नेपाल से हूँ, मैं 5’10” का नौजवान हूँ। मेरा लण्ड का साइज़ 8 इन्च लम्बा और 3.5 इन्च गोलाई में मोटा है। मैं देखने में सामाऩ्य ही हूँ और अभी 29 वर्ष का हूँ।
मैं कई वर्षों से अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ रहा हूँ। मैंने अब तक कोई कहानी नहीं भेजी थी।

यह घटना आज से 11 वर्ष पहले की है.. जब मैं 12वीं में पढ़ता था, मैं अपने स्कूल में ही बहुत मस्ती किया करता था।

उन्हीं दिनों मेरे स्कूल में एक बहुत खूबसूरत लड़की ने मेरी क्लास में दाखिला लिया। मैं अपनी क्लास में सबसे होशियार बच्चों में गिना जाता था और हमेशा प्रथम स्थान पर आता था इसलिए क्लास के सभी लड़कियाँ मुझसे दोस्ती करना चाहती थीं.. पर मुझे कोई भी पसन्द नहीं था।

पर जब से मैंने उस नई लड़की को देखा.. तब से बस उसे ही अपने दिल की रानी बनाने को बेताब बैठा था। मैं अब उसे क्लास में चोरी-चोरी देखने लगा था।

एक दिन वो मुझसे विज्ञान के नोट मांगने मेरे पास आई, मेरा तब तक उससे कोई परिचय नहीं हुआ था.. तो मैंने उसे परिचय किया। उसने अपना नाम नीलिमा बताया। मैंने भी अपना ऩाम उसे बताया और फिर उससे दोस्ती के लिए कहा.. तो वो मान गई। वो इतनी जल्दी राजी हुई कि जैसे वो इसी के लिए बेताब हो।
अब हमारी दोस्ती पक्की हो चली थी।

मैं जब भी अपऩे घर पर अकेला होता.. तो अपने हाथ से काम चलाता था। ऐसे ही समय बीतता गया। फरवरी का महीना आया.. तो मैंने अवसर पा कर नीलिमा को प्रपोज करने का और उसे चोदने का प्लान बनाया।

उस माह में 14 फरवरी को वैलेन्टाइन डे Valentine’s Day का अवसर आया.. तो मैंने उसे फोन किया। उसे लव प्वाइन्ट पर मिलने बुलाया.. लवर्स प्वाइंट एक पहाड़ और जंगल के बीच से रास्ता जाता था.. वहाँ वीराने में था।

मैं सुबह फ्रेश होकर फूल की दुकान से लाल गुलाब.. किराना दुकान से कैडवरी डेयरी मिल्क और कपड़े की दुकान से उसके साईज के गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी खरीदे.. और सीधा लवर प्वाइन्ट पर पहुँचा।
कुछ देर के बाद वो अपऩी स्कूटी पर काले रंग का जीन्स पैन्ट और सफेद रंग का टॉप पहने हुई क़यामत ढहाते हुए आई।

सच में क्या फाडू माल लग रही थी वो.. जी तो चाहता था कि अभी उसकी जवानी का रस ऩिचोड़ डालूँ.. पर अपने आप पर नियंत्रण किया।
उसके समीप आते ही मैंने उसके हाथों में गुलाब थमाया और सीधा ‘आई लव यू’ बोला.. तो वो मुझसे लिपट कर मेरे होंठों पर किस करते हुए ‘आई लव यू टू..’ बोली।

मैं तो इसी मौके की तलाश में था.. सो मैंने उसे जोर का चूमा जड़ दिया। उसके चूचों का दबाब मेरे छाती पर पड़ते ही मेरा लंड तन कर सीधा खड़ा हो गया। मेरा हाथ उसके टॉप के ऊपर से ही अब उसके चूचों को दबाने लगा।
वो कुछ गरम होने लगी। धीरे-धीरे मेरा हाथ टॉप के भीतर गया.. जब हाथ का स्पर्श उस के पेट पर हुआ.. तो वो चिहुँक उठी.. पर मैं कहाँ उसे छोड़ने वाला था, मेरा लंड पैन्ट फाड़ने को उतावला हो रहा था।

मैंने जैसे ही उसके टॉप के अन्दर हाथ डाला.. उसकी साँसें तेज होती गईं।
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अब मेरा हाथ उसके संतरे के आकार की चूचियों को मसल रहा था। वो ‘आह.. आह..’ की आवाजों से मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी। मैंने उसके टॉप को निकाल फेंका।
अब वो भी मेरे लण्ड को पैन्ट के ऊपर से पकड़ कर मसल रही थी और मैं उसके कपड़े खोल कर मसलने के साथ ही उसकी एक चूची को मुँह में लेकर मस्ती से चूस रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी जीन्स के साथ पैन्टी को भी निकाल दिया और चूत को हाथ से सहलाने के साथ-साथ चूसने लगा। वो भी मेरे सारे कपड़े उतारऩे के साथ ही लण्ड को चूसने के लिए 69 की अवस्था में आने का इशारा करने लगी.. तो मैं भी उसी स्थिति में आ गया।

कुछ देर चूत लण्ड चूसने के बाद अब समय था चूत को फाड़ने का.. तो मैंने उसकी टांगों को फैलाया और चूत के मुँह पर लौड़े के सुपारे को रख कर एक जोर का धक्का लगा दिया।
तो उसके मुँह से जोर से चीख निकली.. और इसी के साथ खून भी बहने लगा, तब मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया।
उसके बाद फिर एक जोर का धक्का लगाया.. तब उसकी चूत में मेरा लन्ड पूरा का पूरा उतर गया। अब मेरा लन्ड उसके बच्चेदानी को छू रहा था।

कुछ देर बाद वो भी मुझे साथ देने लगी। काफ़ी देर चोदने के बाद अब मैं झड़ने वाला था.. मैंने उससे पूछा.. तो उसने कहा- मेरी चूत में ही झड़ जा..

तो मैं भी कुछ तेज झटकों के साथ झड़ गया। उसके बाद हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने और वहाँ से अपने घर जाते समय एक दूसरे को गिफ्ट दिए और चले गए।
इसके बाद तो जैसे नीलिमा मेरी पक्की चूत देने वाली बन गई थी, मैंने उसे जब भी मौका मिला खूब चोदा।

यह थी मेरी एक सच्ची घटना.. आप सभी के विचारों का मेरी ईमेल आईडी पर स्वागत है।
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