कुंवारी स्टूडेंट की सील तोड़ी
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में 25 साल का हूँ. सभी तड़पती चूत वाली भाभियों और आंटियों को मेरे लंड का नमस्कार, दोस्तों मुझे कुंवारी लड़कियों और सेक्सी आंटियों की प्यासी चूत को अपने लंड से संतुष्ट करना बहुत अच्छा लगता है, मेरा लंड 6 इंच लंबा है. दोस्तों बहुत लंबे समय में इतनी सारी सेक्सी कहानियां पढ़कर एक दिन मेरा भी मन हुआ कि में भी अपनी एक सच्ची कहानी आप सभी लोगो को सुना दूँ जिसमे मैंने एक स्टूडेंट के साथ सेक्स किया और उसकी तड़पती हुई चूत को अपने लंड से चोदकर शांत किया, वो मेरी चुदाई से इतनी संतुष्ट हुई कि उसने मुझे उस पहली चुदाई के बाद भी अपनी चुदाई के बहुत मौके दिए और मैंने उस कुंवारी चूत को अपने लंड से चोद चोदकर भोसड़ा बना दिया और अब में आप सभी को अपनी स्टूडेंट के साथ मेरी वो चुदाई की कहानी पूरी विस्तार से सुनाता हूँ जिसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा.
दोस्तों यह कहानी करीब दो साल पहले की है जब में अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके में खुद भी एक अच्छे से कॉलेज में पार्ट टाईम नौकरी करने लगा. मुझे उस नौकरी से अपने खर्चो में थोड़ा सा सहारा मिल जाता था और में उस नौकरी को करके बहुत खुश था. दोस्तों वहां पर मुझे हर दिन तीन क्लास लेनी होती थी, लेकिन मेरी क्लास में बहुत कम स्टूडेंट थे जो मेरी क्लास में बैठने आते थे और ज़्यादातर लड़कियां ही मुझसे क्लास लेती थी, लड़को को मेरी क्लास में बैठना अच्छा नहीं लगता था.
फिर जब में पहले दिन उस कॉलेज में क्लास लाने गया तो वहां पर इतनी सुंदर सुंदर लड़कियों को देखकर में बहुत खुश हो गया, वो सभी लड़कियां अपनी 12th की पढ़ाई पूरी करके कॉलेज में आई थी और वो सब कच्ची कलियाँ थी, लेकिन वो सब लड़कियां दिखने में एक से बढ़कर एक थी और उसी क्लास में एक लड़की सबसे हटकर थी जिसका नाम नीतू था, वो दिखने में सबसे ज्यादा सुंदर, गोरी, उसकी बड़ी बड़ी गोल आखें, पतली सुराहीदार गर्दन, एकदम गुलाबी रस भरे होंठ, घने काले लंबे बाल जो उसकी गांड से भी नीचे तक लटके हुए थे, उसकी वो पतली कमर जिस पर थोड़ी सी उभरी हुई गांड और पूरे उस सेक्सी बदन पर छोटे आकार के कसे हुए बूब्स जिनको देखकर उसके अब तक कुंवारे होने का अंदाजा लगाया जा सकता था. दोस्तों उसने अभी अभी अपनी जवानी की पहली सीड़ी पर अपना पहला कमद रखा था, शायद उसकी चूत पर अभी ठीक तरह से बाल भी नहीं निकले होंगे और उसकी चूत अब तक वर्जिन थी.
यह सब मुझे उसकी पहली चुदाई करने के बाद पता चला. दोस्तों वो बहुत मासूम भोली भाली लड़की थी, लेकिन मैंने उसके ऊपर गौर किया कि वो हमेशा क्लास में बस चोरी छिपे मुझे ही घूरती रहती थी. उसका ध्यान अपनी किताब की पढ़ाई में कम और मेरे चेहरे पर कुछ ज्यादा रहता था इसलिए मुझे उसका इस तरह से लगातार घूरकर देखना बहुत अजीब लगता था, लेकिन यह मेरी पहली नौकरी थी इसलिए में उससे इस बारे में खुलकर बात भी नहीं कर सकता था और मुझे बहुत थोड़ा डर भी लगता था कि कहीं किसी को पता चलेगा तो मेरी बहुत बदनामी होगी और कॉलेज के मालिक भी मेरे पापा के एक बहुत अच्छे दोस्त थे, यह बात मेरे घर पर भी पहुंचने का मुझे बहुत डर था इसलिए में हमेशा बिल्कुल चुप रहा और मैंने उससे कभी भी कुछ नहीं कहा और ऐसे ही दिन बीतने लगे.
वो मेरी हर बात का मुस्कुराकर जवाब देती और क्लास में सबसे ज्यादा बार वो मुझसे हर कोई सवाल पूछती. उसका मेरी तरफ झुकाव अब धीरे धीरे कुछ ज्यादा बढ़ने लगा था और वो कॉलेज केंटिन में भी मेरे साथ बैठकर बातें करने के नए नए मौके देखने लगी और हर कभी मुझे देखकर हंसने लगी थी दोस्तों वैसे तो अब मुझे भी उसका यह सब करना बहुत अच्छा लगने लगा था और मुझे भी अब उसके साथ बैठना, बातें करना अच्छा लगने लगा था. फिर एक दिन की बात है नीतू ने किसी से मेरा मोबाईल नंबर लेकर मुझे फोन किया और वो मुझसे कहने लगी कि सर आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो, में आपको मन ही मन चाहने लगी हूँ और आपको देखे बिना मेरा दिन नहीं बीतता, में आपको बहुत प्यार करती हूँ.
फिर मैंने उसे उसकी पूरी बात सुनकर डांट दिया और मैंने उससे कहा कि तुम मेरी स्टूडेंट हो और तुम्हे मेरे बारे में यह सब गलत बातें नहीं सोचना चाहिए. तुम्हारा मेरे लिए यह बात सोचना बहुत गलत बात है और मैंने उसे बहुत देर तक समझाया, लेकिन फिर वो भी नहीं मानी. फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है हम बैठकर इस बारे में बात करेंगे और वैसे तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो, लेकिन में तुमसे यह बात कहने में बहुत समय से डरता था. में यह बात सोचता था कि इससे मेरी बहुत बदनामी होगी.
तभी उसने तुरंत कहा कि सर आप इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो. में आपके साथ हूँ और आपसे कोई भी कुछ नहीं कहेगा और उससे कुछ देर बात करने के बाद मैंने फोन कट कर दिया. फिर उसके दूसरे दिन हम दोनों कॉलेज केंटिन में मिले और हमने बैठकर बहुत देर तक बातें की उसने मुझे अपने मन की पूरी बात बताई और में भी सही मौका देखकर उसे अपने मन की सभी बातें बताने लगा और उस दिन के बाद से अब हम दोनों धीरे धीरे फोन सेक्स करने लगे. दोस्तों जितनी वो खुबसूरत थी उतनी ही उसकी आवाज़ मीठी थी.
दोस्तों उसके बाद हमारे बीच अब बातचीत और मिलना बहुत हद तक बढ़ चुका था. अब हम दोनों घंटो तक फोन पर बातें चेटिंग करने लगे थे, इस बीच में उसे ब्लूफिल्म की डीवीडी दे देता था और वो उसे देखकर बहुत गरम हो जाती थी. फिर एक दिन की बात है उस दिन हमारी किस्मत से कॉलेज प्रॅक्टिकल क्लास में बस हम दोनों ही अकेले थे और मैंने सही मौका देखकर उसे किस किया, उसके गाल और होंठो को चूसा. दोस्तों उसके वो गुलाबी गुलाबी होंठ बहुत ही रसीले थे और फिर मैंने उस मौके का पूरा पूरा फायदा उठाते हुए ज्यादा देर ना करते हुए बूब्स भी दबाए. उसने लाल कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी.
मैंने दबाते समय महसूस किया कि उसके बूब्स बहुत छोटे, लेकिन एकदम कसे हुए थे. मेरा ऐसा करने से हम दोनों बहुत जोश में आ चुके थे, लेकिन कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और हमने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया, क्योंकि हम उस समय कॉलेज में थे और वहां पर कोई भी किसी भी समय आ सकता था, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे को पाने के लिए बहुत बेकरार थे और बस हम एक दूसरे की प्यास बुझाना चाहते थे. हम कोई अच्छे मौके की तलाश में थे और हम इस बीच मौका देखकर किस करते और में कभी कभी बूब्स भी दबा देता था, लेकिन बहुत दिन तक अपने आप पर कंट्रोल करने के बाद भी हमें कोई भी अच्छा मौका नहीं मिल रहा था और हम ऐसे ही थोड़ा बहुत एक दूसरे को चूमना, बूब्स को दबाना और फोन सेक्स करके अपनी आग को थोड़ा थोड़ा ठंडा करने लगे थे.
फिर एक दिन भगवान ने हमारी मन की बात को सुनकर हमें वो सबसे अच्छा मौका दे दिया जिसमें हमने वो सब कुछ किया जो हमें इतने दिनों पहले ही करना था. दोस्तों उस दिन उसका मेरे पास फोन आया और वो मुझसे कहने लगी कि आज मेरे सभी घर वाले दोपहर के समय बाहर किसी शादी में जा रहे है तो में आपको उनके चले जाने पर फोन कर दूंगी और आप उनके चले जाने के बाद मेरे घर पर आ जाना.
अब में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और भगवान को मन ही मन धन्यवाद देने लगा, क्योंकि में तो बहुत पहले से ही उसकी चूत चुदाई करने के लिए तैयार था. मेरा लंड कब से उसकी चूत को अपना बनाना चाहता था और फिर मैंने बहुत खुश होकर उससे कहा कि ठीक है में तुम्हारे बताए हुए समय पर आ जाऊंगा, लेकिन तुम अपनी चूत को साफ करके रखना और अपना पूरा रूम हमारे मिलन के लिए सज़ाकर रखना. दोस्तों वो भी मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए एकदम तैयार थी. उसने मेरे कहने पर अपनी चूत को पूरी तरह से चमका दिया जिसकी वजह से उसकी छोटी सी चूत पर चार चाँद लग गए.
उसने अपने बालों में शेम्पू किया और बाल खुले ही रखे. में बिल्कुल ठीक समय पर उसके घर पर पहुंच गया और मेरे घंटी बजाते ही उसने तुरंत दरवाजा खोल दिया, जैसे वो मेरा ही इंतजार कर रही हो. फिर मैंने दरवाजा खुलते ही देखा कि वो एक लाल कलर की फ्रोक पहने हुई थी और उसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. में लगातार उसे बाहर खड़ा खड़ा घूरता रहा और उसके बुलाने पर अंदर आ गया. फिर हमने थोड़ी देर बैठकर पहले इधर उधर की बातें की और उसके बाद मैंने उसे किस किया.
वो भी बहुत गरम थी इसलिए उसने मुझे हर जगह किस किया और मेरा पूरा पूरा साथ दिया. कुछ देर बाद उसने मेरी शर्ट को उतार दिया और वो अब मेरी छाती पर किस करने लगी. फिर में उसके होंठो को चूसने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर तभी मैंने जोश में आकर उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और वो मेरी जीभ को बहुत प्यार से चूसने लगी. करीब दस मिनट बाद हम एक दूसरे से अलग हुए. अब मैंने जल्दी से उसकी फ्रोक को खोल दिया, क्योंकि में अब ज्यादा देर नहीं रुक सकता था. फ्रोक को खोलने की वजह से वो ब्रा और पेंटी में बहुत सेक्सी लग रही थी. अब में तुरंत उसकी ब्रा को खोलकर उसके कच्चे नींबू जैसे छोटे छोटे बूब्स चूसने, दबाने लगा. वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और अब मेरा लंड मेरी पेंट से बाहर निकलने के लिए बहुत तड़प रहा था. फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि तुम अब मेरा लंड चूसो तो उसने मेरे इतना कहते ही जल्दी से नीचे बैठकर मेरी पैंट के बटन खोलकर पेंट को नीचे खींच दिया और वो अब अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे खड़े लंड को किस करने लगी. मेरा लंड अब तक बहुत टाईट हो चुका था.
फिर उसने मेरे लंड को बाहर निकाला और उसके सुपाड़े पर और आंड पर किस करने लगी. फिर उसने मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो उसे बहुत देर तक धीरे धीरे चूसती रही, कभी किस करती तो कभी मेरा पूरा लंड अपने मुहं में ले लेती. मुझे उसका मेरे लंड के साथ खेलना बहुत अच्छा लग रहा था और अब हम कुछ देर बाद 69 की पोज़िशन में आ गए. दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत छोटी और अब तक बिल्कुल कुंवारी थी. मैंने अपनी एक अंगुली उसकी चूत में डाली तो वो थोड़ा सा उछली, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी और मेरे ऊँगली डालने से उसे थोड़ा दर्द सा हुआ. अब में उसके चूत के दाने को चूसने लगा तो वो बहुत आवाज़ कर रही थी. उसके मोन करने की आवाज धीरे धीरे अब बढ़ने लगी थी, लेकिन फिर भी में उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा रहा था, जिसकी वजह से उसे दर्द के साथ साथ मेरी गरम जीभ से चुदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
दोस्तों कुछ देर बाद में उसे जीभ के साथ साथ अपनी एक उंगली से भी चोद रहा था. उसकी चूत का रस अब बहने लगा था और उसे मैंने चखकर देखा और वो अब झड़ चुकी थी. दोस्तों मैंने आज पहली बार किसी लड़की को झड़ते हुए देखा था और बहुत देर तक उसकी चूत को चूसने के बाद अब हम दोनों चुदाई के लिए एकदम तैयार थे. उसकी चूत बहुत टाईट थी और में उसके ऊपर आ गया. फिर मैंने अपने लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और एक हल्का सा धक्का मार दिया, लेकिन मेरा लंड फिसल गया. दोस्तों में अब ज्यादा देर अपने लंड को बाहर नहीं रख सकता था, क्योंकि मेरा लंड अब ज्यादा जोश में आने की वजह से थोड़ा दर्द करने लगा था.
फिर मैंने दोबारा से लंड को चूत के मुहं पर उसके एक हाथ से सेट करवाकर डालने की कोशिश की तो मेरे बहुत ज़ोर लगाने पर मेरा सुपाड़ा अंदर चला गया, जिसकी वजह से उसे बहुत दर्द होने लगा और अब मैंने महसूस किया कि मेरे मोटे लंड के जबरदस्ती अंदर घुसने की वजह से उसकी चूत की सील अब टूट चुकी थी और उसकी चूत से खून निकलने लगा था. फिर में उसे लगातार किस करने लगा और उसके बूब्स को सहलाने लगा.
मैंने अपने लंड को एक ही जगह पर रहने दिया और जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक बार फिर से एक और ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अब उसकी छोटी कुंवारी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया, लेकिन वो उस दर्द से अब तड़पने लगी और उसने मुझसे लंड को बाहर निकालने को कहा और मेरी कमर पर अपने नाख़ून से उसने कई बार निशान किए, लेकिन मैंने उसकी बातों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया क्योंकि में उस समय बहुत जोश में था और अब में बहुत धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा और कुछ देर धीरे धीरे धक्कों से चूत में अपने लंड की जगह बनाने के बाद उसका दर्द कम होने लगा और हमने अपनी पोज़िशन को बदल लिया. मैंने अब नीतू को उठाकर अपने लंड पर बैठा दिया और में उसके नीचे लेट गया और उसे चोदने लगा. वो मेरे लंड पर उछलते हुए बहुत सेक्सी लग रही थी और उसके उछलने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत के आखरी हिस्से तक छू रहा था.
फिर मैंने कुछ देर बाद उसे मेरे ऊपर से उतरकर घोड़ी बनने को कहा और वो तुरंत मेरे सामने घोड़ी बन गई. मैंने अपने लंड को ज्यादा देर ना करते हुए पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और धक्के देने लगा. वो भी अब मेरे साथ अपनी चुदाई के पूरे पूरे मज़े ले रही थी, लेकिन अब कुछ देर की चुदाई के बाद अब हम दोनों एक साथ ही झड़ गए. मैंने पूरा वीर्य लंड को बाहर निकालकर उसकी कमर पर डाल दिया और हम दोनों एक दूसरे चिपक गए. दोस्तों कुछ देर बाद एक बार फिर से उसने मेरा लंड चूसना शुरू किया और जब मेरा लंड दोबारा चुदाई के लिए तैयार हो गया तो वो मुझसे बोली कि इस बार धक्के थोड़ा ज़ोर से मारना.
फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है और हम एक बार फिर से चुदाई करने लगे. इस बार में बहुत ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को धक्के मारकर चोदने लग और वो बहुत उछल उछलकर मज़े लेकर मुझसे चुदवा रही थी और बोल रही थी कि हाँ आज फाड़ दो मेरी चूत को, यह आपके लंड के लिए बहुत तरसी है, आज आप इसकी प्यास बुझा दो आह्ह्ह्हह आईईईई हाँ थोड़ा और ज़ोर से चोदो मुझे करने लगी.
फिर कुछ देर की चुदाई के बाद हम दोनों एक बार फिर से एक एक करके झड़ गये और में वहीं पर थककर उसके पास लेट गया. कुछ देर बाद हमने अपने कपड़े पहने और में वहां से अपने घर पर आ गया और घर पर आकर में उसकी चुदाई को कई घंटो तक सोचता रहा और फिर बहुत बार कोशिश करने के बाद भी हमें चुदाई करने के लिए कोई अच्छा मौका नहीं मिला, लेकिन हमारे बीच की दोस्ती ऐसे ही लगातार चलती रही और हम एक दूसरे को बहुत प्यार करने लगे. दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव और एक कुंवारी लड़की की चुदाई की कहानी.
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