जवानी में चूत-लण्ड का खेल
दोस्तो.. मैं अन्तर्वासना का रेग्युलर पाठक हूँ, मैं अहमदाबाद से हूँ.. आज मैं आपको अपनी कहानी बता रहा हूँ।
घटना आज से 7 साल पुरानी है।
मेरा एक दोस्त 2 दिन घर में अकेला था इसलिए मैं उस दोस्त के घर गया था। हम दोनों बातें कर रहे थे.. तभी उसकी गर्ल-फ्रेण्ड पूनम का फोन आया।
पूनम ने पूछा- कहाँ हो..?
तो उसने बताया- मैं और मीत दोनों घर पर अकेले हैं।
तो पूनम ने कहा- मुझे भी बुला ले।
मेरे दोस्त ने कहा- आ जा.. पर अकेले मत आना..
तो पूनम ने बोला- ठीक है.. मैं थोड़ी देर बाद फ़ोन करती हूँ।
उसके 15 मिनट बाद पूनम का फ़ोन आया और उसने कहा- नंदिनी मेरे साथ आएगी.. पर तुम्हें लेने आना पड़ेगा।
अब हम दोनों दोस्त की कार में बैठ कर चल दिए।
करीब 7 बजे उन दोनों को लेकर हम लोग सीधे एक रेस्टोरेन्ट गए.. वहाँ 4 सीट वाली टेबल पर हम लोग आमने-सामने बैठ गए।
पूनम और मेरा दोस्त एक तरफ और मैं और नंदिनी साथ बैठे।
चूंकि टेबल थोड़ा छोटी थी.. तो मेरा और नंदिनी का पैर आपस में टच हो रहा था, उसने स्कर्ट और टी-शर्ट पहन रखी थी।
मैंने धीरे-धीरे उसके पैर को अपने पैर से सहलाना शुरू किया।
वो यह देख कर मुस्कुराई.. तो मैं समझ गया कि मामला फिट हो गया।
फिर खाना खाकर हम लोग निकले और कार में बैठ गए। मैं और नंदिनी पीछे वाली सीट पर बैठ गए।
पूनम ने नंदिनी को बताया था कि वो क्यों आ रही थी.. तो नंदिनी भी मानसिक रूप से तैयार थी। चूंकि वो बहुत प्यासी थी.. इसके पहले उसे सेक्स किए हुए काफ़ी टाइम हुआ था।
मैंने बात करते-करते नंदिनी का हाथ पकड़ा और सहलाने लगा.. उसने बुरा नहीं माना बल्कि वो भी मेरा साथ देने लगी थी। फिर मैंने उसके कंधे हाथ रखा.. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और गले में हार की तरह पहन लिया और अपने मम्मों को मेरी छाती पर घिसने लगी।
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और हम सुध-बुध खो कर एक-दूसरे को चूमने और चूसने लगे।
ऐसा थोड़ी देर चलता रहा.. तब तक घर आ गया।
घर मैं जाकर हम लोग बैठ गए। थोड़ी देर बातें की.. बाद में पूनम और नंदिनी रसोई में कोल्ड-ड्रिंक लाने गईं।
तब मैं अभी सोफे पर बैठा ही था कि तभी वो दोनों कोल्डड्रिंक लेकर आ गईं।
नंदिनी मेरे बगल मे बैठ गई.. हम लोगों ने हल्का-फुल्का हँसी-मजाक करते हुए कोल्ड ड्रिंक खत्म की।
बाद में पूनम और मेरा दोस्त बेडरूम में चले गए।
मैं और नंदिनी सोफे पर ही बैठे रहे।
मैंने नंदिनी से पूछा- तुम्हें पता है.. पूनम यहाँ क्यों आई है?
तो नंदिनी ने बोला- हाँ वो अपना जिस्म रगड़वाने आई है।
तो मैंने पूछा- और तुम?
बोली- मैं भी..
ऐसा कहते ही वो मुझसे लिपट गई। मैंने भी उसे बाँहों में भर लिया और कस कर दबा दिया।
वो मचल गई.. मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा।
वो बोली- हाय राजा.. क्या मजबूत पकड़ है..
मुझे बहुत अच्छा लगा.. उसके मम्मे भी मेरे सीने से दब रहे थे।
ओह्ह.. क्या मम्मे थे उसके..!
एक बात तो मैं कहना भूल ही गया था। उसका फिगर 38-30-36 का था.. तो दोस्तों आप लोग समझ ही गए होंगे कि उसके मम्मे कैसे दब रहे होंगे।
फिर हम लोग किस करने लगे.. मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, वो भी मस्त होकर उसे चूसने लगी।
करीब 15 मिनट तक हम चुम्बन करते रहे। बीच में मैंने उसके मम्मों को खूब दबाया था और वो मुझे कस कर दबा देती रही।
मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर कर दी.. तो उसने टी-शर्ट उतार ही दी और बोली- जानू.. मेरे को कबाब में हड्डी नहीं चाहिए।
यह कहते हुए उसने मेरी शर्ट को भी निकाल दिया।
मैं उसको उठा कर दूसरे कमरे में ले गया और एसी चला कर फुल ठंडक पर कर दिया।
कमरे का एसी पॉवरफ़ुल होने से कमरा 5 मिनट में ही एकदम ठंडा हो गया।
अब उसे और भी मज़ा आने लगा.. फिर मैंने उसकी ब्रा खोल दी और मम्मे चूसने लगा। उसकी चूची को जीभ से गोल-गोल चूसते ही वो मस्त हो गई।
मैंने नंदिनी की स्कर्ट को ऊपर करके जाँघें सहलाने लगा।
मैं बीच-बीच में उसकी चूची को दबा भी देता.. तो उसके मुँह से ‘अह..या..’ की आवाज़ निकल जाती।
उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया और पैन्ट के ऊपर से ही सहलाने लगी।
मैंने उसकी स्कर्ट उतार दी.. तो उसने भी मेरी पैन्ट निकाल दी। अब हम दोनों सिर्फ़ चड्डी में थे।
उसने मेरी निक्कर उतार दी.. खड़ा लौड़ा देखते ही दंग रह गई और बोली- बापरे.. क्या लण्ड है तेरा मीत.. मैं तो इसकी दीवानी हो गई हूँ।
मेरा लण्ड 6″ लंबा और 3″ मोटा है.. ऐसा कहते ही वो लौड़े पर टूट पड़ी और चूसने लगी।
मेरा सुपारा तो वो ऐसे चूस रही थी.. जैसे लॉलीपॉप चूस रही हो।
उस समय मुझे जन्नत महसूस हो रही थी। उसने करीब 15 मिनट मेरा लण्ड चूसा.. फिर मैंने उसकी पैन्टी निकाली और उसके दाने को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा.. और जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा।
‘आहह… हम्म्म.. ऐसे ही चाटो.. अहहा.. बहुत मज़ा आ रहा है मीत..’
उसके मुँह से निकलती इस तरह की मादक सिसकारियों ने मेरा मजा बढ़ा दिया तो मैं अपनी जीभ उसकी चूत में डाल कर उसे अन्दर-बाहर करने लगा।
अब हम लोग 69 की अवस्था में आ गए। सच में बहुत मज़ा आ रहा था.. तभी उसकी चूत से पानी निकल गया.. मैं उसकी मक्खन चूत को चूसता ही रहा..
वो बोली- अब तो रहा नहीं जाता.. मीत अपना लण्ड मेरी चूत के अन्दर पेल दो.. आह्ह..
तो मैंने अपना लण्ड निशाने पर लगाया और अन्दर पेल कर झटके मारने लगा।
वो इतनी अधिक चुदासी थी कि सिर्फ 5 मिनट में ही झड़ गई.. पर मुझ पर तो जैसे चुदाई का नशा छाया था।
मैं तो झटके पर झटके मार रहा था।
‘आह.. उम्म्म्म..’
वो बस ऐसे ही चिल्ला रही थी- मीत और ज़ोर से.. अपना पूरा लण्ड अन्दर तक जाने दो ना.. प्लीज़.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.. ओह्ह… माँ मर गई।
ऐसी आवाजें निकलने लगी थीं जिससे मैं और मस्त होकर उसे चोद रहा था। अब मैंने उसे अपने ऊपर ले लिया.. नंदिनी अब मुझे चोद रही थी।
मैंने उसके मम्मों को मुँह में ले लिए हुए थे। मुझे तो जैसे आज जन्नत नसीब हो गई थी।
फिर मैंने उसे घोड़ी बना लिया.. और पीछे से झटके लगाने लगा। करीब 5 मिनट बाद वो फिर झड़ गई।
फिर मैं बैठ गया और उसे अपनी गोदी में बैठा कर अपना लण्ड अन्दर डाल दिया।
वो तो एकदम मस्त होकर चुदवा रही थी। मेरी गोद में बैठे-बैठे वो झटके लगा रही थी और मुझे पागलों की तरह चुम्बन किए जा रही थी।
जब वो तीसरी बार झड़ी तो मैंने उसे फिर अपने नीचे ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा।
मैं जब झड़ने को आया तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ?
वो बोली- अन्दर ही निकाल दो.. मैं आईपिल ले लूँगी।
मैं 4-5 ज़ोर के झटकों के साथ झड़ गया और वो भी मेरे साथ ही झड़ गई।
मैं उसके ऊपर ही ढेर हो गया और हम किस करते रहे।
उस 25-30 मिनट की चुदाई में वो 4 बार झड़ चुकी थी।
उसने कहा- मीत.. आज तो मैंने जैसा चाहा था.. वैसा नहीं.. पर उससे कहीं ज़्यादा मज़ा आया।
दोस्तो, ये मेरी चूत चुदाई के रस से भरी हुई कहानी थी आपको कैसी लगी?
मुझे ईमेल कीजिएगा।
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