चुदक्कड़ मम्मी की चुदाई देखी मैंने पड़ोसी अंकल के साथ
मेरा नाम अमन है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है।
मेरी माँ का नाम सुनीता है.. उनकी उम्र 39 साल की है, पर वो अभी भी किसी सेक्सी भाभी से कम नहीं लगती हैं। उनकी चुची का साइज 34 है, उनकी मस्त मोटी कमर और गोरी-गोरी जांघों मेरी माँ साड़ी में किसी मल्लू आंटी से कम नहीं लगती हैं।
मेरी माँ स्कूल में टीचर हैं।
यह बात कुछ टाइम पहले की ही है, दिन का समय था, मैं अपने कॉलेज गया हुआ था, पिताजी ऑफिस गए थे।
उस दिन मैं कॉलेज से कुछ जल्दी घर आ गया.. मुझे मम्मी की बातें करने की आवाज आ रही थीं। मैं चुपचाप ऊपर गया और खिड़की में से छुप कर देखने लगा।
मैंने जो देखा वो देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। हमारे घर के पास में रहने वाले रमेश अंकल मम्मी के बोबों को दबा रहे थे। मम्मी उन्हें मना कर रही थीं कि अमन आने वाला है.. पर अंकल कहाँ मानने वाले थे।
वे कहने लगे- सुनीता आज आज तेरी चुत की चुदाई की प्यास मिटा कर ही जाऊँगा।
मम्मी हँसने लगीं और बोलीं- चलो जो करना है.. जल्दी करो!
फिर अंकल मम्मी के गालों पर चुंबन करने लगे और मम्मी को लेटा दिया। अंकल खूब देर तक मम्मी को चुंबन करते रहे.. कभी गर्दन पर, कभी नाभि पर वो लगातार मम्मी के मम्मों को भी मसले जा रहे थे, मम्मी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करते हुए कामुक सिसकारियां भरने लगीं।
फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी ऊपर की और मम्मी के गोरे-गोरे पैरों को चाटने लगे। इस तरह अंकल ने धीरे-धीरे करके मम्मी की पूरी साड़ी ऊपर कर दी। अब मम्मी की पेंटी दिखने लगी थी।
अंकल ने पेंटी को नीचे खींचा तो मम्मी की बालों वाली चुत सामने दिखी। मैंने आज तक मम्मी की चुत नहीं देखी थी.. मुझे भी देखने में आनन्द आने लगा।
अंकल कहने लगे- सुनीता डार्लिंग, कभी नीचे के बालों को भी साफ कर लिया करो।
मम्मी बोलीं- रमेश जी, टाइम नहीं मिल पाता है।
फिर अंकल मम्मी की चुत को अपनी जीभ से चाटने लगे तो मम्मी को मजे आने लगे और मम्मी बोलने लगी- अह.. बहुत मजा आ रहा है।
तभी अंकल बोले- आगे और भी मजा आएगा मेरी जान!
अब अंकल मम्मी की चुत चाटने लग गए और उन्होंने अपने कपड़े उतारना स्टार्ट किया और पूरे नंगे हो गए। अंकल का 6 इंच का लंड खड़ा हो गया था। मम्मी उनके लंड को देख कर बोलीं- मैंने कभी और किसी का इतना मोटा और लंबा लंड नहीं देखा।
फिर अंकल हँसने लगे और बोले- मेरा तो खूब देख लिया न.. अब इसको चूसो!
फिर अंकल ने मम्मी को खड़ा किया और लंड चूसने के लिए बोला, पहले तो मम्मी ने मना कर दिया। फिर अंकल के कहने पर लंड चूसने तो तैयार हो गईं। मम्मी ने पहले अंकल के लंड के सुपारे को चूमा और धीरे जीभ से चाटने लगीं और अचानक मम्मी ने एक ही झटके में पूरा लंड मुँह में डाल लिया।
अंकल बोले- आराम से सुनीता जल्दी किस बात की है।
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फिर मम्मी अंकल का लंड आइसक्रीम की तरह चूसने लगीं।
थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा.. फिर अंकल ने मम्मी की साड़ी उतार दी और ब्लाउज को भी उतार दिया। अब मम्मी केवल काले रंग की ब्रा में थीं, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थीं।
अंकल ने मम्मी की ब्रा भी निकाल दी और मम्मी अब पूरी नंगी हो चुकी थीं। मम्मी को पूरा नंगा देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया और मैं भी अपना लंड हिलाने लग गया।
अब अंकल ने मम्मी को बिस्तर पर लेटा दिया और फिर मम्मी के ऊपर चढ़ गए।
मम्मी ने कुछ चिकनाई लगाने के लिए कहा तो अंकल ने पास रखी शीशी से अपने लंड पर सरसों का तेल लगा कर लंड खूब मला। अब अंकल ने मम्मी की चुत के मुँह पर लंड टिकाया और धीरे-धीरे घुसाने लगे। सुप़ारे के फंसते ही अंकल ने एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड अन्दर पेल दिया।
तभी मम्मी जोर से चीख उठीं- ओह्ह आह.. दर्द हो रहा है।
अंकल ने मम्मी की एक ना सुनी और जोर-जोर से लंड को अन्दर-बाहर करने लगे। मम्मी को दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था। मम्मी कामुक सिसकारियां भरने लगीं- उफ्फ्फ आह्ह धीरे करो.. दर्द हो रहा है!
पर अंकल कहाँ रुकने वाले थे। दस मिनट तक धकापेल होती रही, ऐसा लग रहा था कि जैसे अंकल ने कोई दवाई खाई हुई हो।
फिर अंकल ने मम्मी को गांड में डलवाने के लिए कहा तो मम्मी बोलीं- नहीं दर्द होता है.. मैंने आज तक गांड में नहीं डलवाया है।
अंकल ने कहा- आज डलवा कर देखो कितना मजा आता है।
मम्मी भी तैयार हो गईं.. तो अंकल ने मम्मी को घोड़ी बनने को कहा। जैसे ही मम्मी घोड़ी बनी, अंकल ने मम्मी की गांड में तेल लगाया और लंड डालने लगे।
उनका लंड थोड़ा ही अन्दर गया था कि मम्मी की मानो जान निकल गई। वे जोर से चिल्ला उठीं- उई.. लगती है.. मत डालो.. बहुत दर्द हो रहा है!
अंकल ने कहा- एक बार ही होगा.. एक बार पूरा अन्दर जाने दो.. फिर नहीं होगा।
फिर अंकल ने एक ही बार में पूरा लंड मम्मी की गांड में डाल दिया और फिर अन्दर-बाहर करने लगे। मम्मी का दर्द से बुरा हाल हो गया था और मम्मी चिल्लाने लगीं ‘उफ़ उफ्फ्फ मर गई आआह ओह..’
अंकल ने गांड में से लंड बाहर निकाला और मम्मी को सीधा लेटा दिया और वापस मम्मी की चुत में अपना मोटा लंड डाल दिया।
कुछ देर बाद अंकल ने अपना वीर्य मम्मी की चुत में ही निकाल दिया। मम्मी कहने लगीं- आज तो तुमने मुझे पूरा मार ही दिया, पर संतुष्ट कर दिया.. आप जैसी चुदाई किसी और से नहीं करवाई मैंने कभी!
अंकल हँसने लगे और बोले- रोज बुला लिया करो मुझे तो ऐसी चुदाई रोज मिलती रहेगी।
यह कह कर अंकल मम्मी के बोबों को चूसने लगे और मम्मी की निप्पलों को अपने दांतों से काटने लगे। मम्मी को दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था।
वे दोनों चुंबन करने में लग गए.. काफी टाइम तक दोनों ने चुंबन किया।
मम्मी ने अंकल को लंड मुँह में देने को कहा और फिर मम्मी वापस अंकल के लंड को चूसने में लग गईं।
मम्मी अब पहले से ज्यादा मजा लेकर चूस रही थीं। मम्मी ने अंकल के लंड को पूरा खोल कर चूसा और कहने लगीं- अब तुम अपना पानी मेरे मुँह में निकालना..
अब मम्मी लंड को जोर-जोर से चूसने लगीं.. थोड़ी देर बाद अंकल का वीर्य निकल गया।
मम्मी वीर्य चाटते हुए कहने लगीं- आह.. आज चुदाई का असली मजा आया है.. मेरे पति ने भी मुझे ऐसे आज तक नहीं चोदा।
कुछ देर बाद दोनों ने कपड़े पहन लिए और अंकल अपने घर के लिए निकल गए।
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