नौकरी के लिए आईं दो लड़कियों ने चूत चुदवा ली
आप सभी को मेरा नमस्कार.. मेरा नाम राहुल है, पटना का रहने वाला हूँ.. बिजनेस करता हूँ। मेरा अपना एक अच्छा ऑफिस है, मेरा प्लेसमेंट का काम है।
मैं चुदाई के लिए चूत की खोज में बहुत लगा रहता हूँ। मैंने बहुतों को जवान भी किया और बहुतों की सेक्स की भूख को शांत भी किया है।
मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ तो सोचा कि अपनी सेक्स कहानी भी आप लोगों के सामने रखूँ।
मेरे क्लाइंट्स को अपने ऑफिस में स्टाफ की ज़रूरत होती है.. तो वे मुझको बोलते हैं.. और मैं उनकी मदद कर देता हूँ।
मेरे एक दोस्त रवि को भी फीमेल स्टाफ की ज़रूरत थी। उसने मुझसे बोला.. तो मैंने उससे दो दिन का टाइम लेकर इंटरव्यू लेना शुरू कर दिया।
अगले दिन दो लड़कियां आईं.. जिनका नाम श्वेता और सिमरन था। दोनों बहुत ही सुंदर थीं.. पर दिखने में बहुत ग़रीब लग रही थीं।
थोड़ी ही देर में समझ में आ गया कि ये दोनों ही बहुत ही चालू हैं। उन दोनों को देख कर लगा कि दोनों बहुत ही चुदासी टाइप की हैं। मैंने मन बना लिया था.. कि मौका लगा तो चोद ही लूँगा।
उनमें से एक श्वेता की मस्त चूचियां और बड़ी सी गांड मेरे दिल में बस गई थी।
उन लोगों ने ड्रेस भी कुछ सेक्सी टाइप की पहनी हुई थी। जिसमें उनकी चूचियों की दरार साफ़ दिख रही थी। दोनों मस्त माल थीं।
मैंने उनका इंटरव्यू लिया और अपना कमीशन उनको बता दिया। पहली सेलरी का हाफ मुझको देना होगा।
उनकी सेलरी पंद्रह हजार की थी.. पर श्वेता ने बोला- सर हम लोग पैसे नहीं दे सकते हैं।
मैं- कमीशन तो देना होता है.. बिना कमीशन के कैसे होगा.. तुम ही बताओ?
श्वेता- आप जो बोलो सर.. पर हमारे पास पैसे नहीं हैं।
मैंने भी सोचा कि सही मौका है.. चोद लेता हूँ।
तो मैंने दूसरी से बोला- सिमरन तुम नीचे ऑफिस में इंतज़ार करो.. तुमको अभी बुलाता हूँ।
वो चली गई।
फिर मैं श्वेता से बोला- तुम क्या कर सकती हो?
श्वेता- सर मेरे साथ कुछ कर लो.. और मेरी जॉब लगवा दो।
उसने मेरे पैन्ट पर बने लंड के उभार को देख लिया था और वो समझ गई थी कि मैं क्या चाहता हूँ।
मैंने उसकी चूचियों की तरफ देख कर कहा- तुमको कोई प्राब्लम तो नहीं है?
श्वेता ने अपनी चूचियों को और फुलाते हुए कहा- नहीं सर.. आप अगर मुझे चोद लोगे.. तो मेरा कुछ घट तो नहीं जाएगा।
उसकी खुली भाषा देख कर मैंने भी खुलते हुए कहा।
मैं- सिमरन भी चुदेगी क्या?
श्वेता- हाँ सर.. उसकी भी चूत में आग लगी है.. वो बहुत दिन से चुदी नहीं है.. सो जॉब करने के बहाने घर से बाहर तो निकलेगी ही.. और इसी बहाने वो अपनी बुर की आग को शांत करने की सोचेगी।
मैं- ठीक है.. उसको भी बुला लो.. और समझा देना।
वो गई और उसको भी बुला लाई।
अब मेरे सामने दोनों माल चुदने के लिए तैयार थीं, ऑफिस में आते ही दोनों मेरे सोफे पर आ गईं, दोनों मेरे दोनों तरफ बैठ गई थीं।
दोनों ने अपनी शर्ट को खोल लिया और मेरा पैन्ट भी खोल दिया, मेरे लंड को बाहर निकाल कर सिमरन ने मुँह में ले लिया।
मैं श्वेता के होंठों को चूसने लगा, सिमरन मज़े से लंड को चूस रही थी।
मैंने श्वेता के होंठों को चूसने के साथ-साथ उसकी पैन्ट को भी खोल दिया और चड्डी भी नीचे कर दी।
अब मैं उसकी बुर में अपनी उंगली करने लगा, मैंने देखा कि सिमरन भी अपनी पैन्ट खोल कर अपनी बुर में उंगली कर रही है। हम सब मस्ती में डूब गए।
फिर मैंने श्वेता को नीचे किया और उसकी बुर को चूसने लगा.. वो पागल सी हो रही थी और मादक आवाजें निकाल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
इधर सिमरन मेरे लंड को चूसे जा रही थी। कुछ देर बाद श्वेता का बदन अकड़ने लगा और उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया।
मैं भी सिमरन के मुँह में ही झड़ गया.. पर सिमरन का पानी अभी नहीं निकला था। सो मैंने उसको नीचे करके उसकी बुर को चूसना शुरू कर दिया। उधर श्वेता ने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया।
थोड़ी देर में सिमरन का पानी भी मैंने निकाल दिया। फिर मैंने अपने लंड श्वेता के मुँह से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और सिमरन की चूचियों को चूसने लगा।
मैं श्वेता को कुतिया की तरह चोद रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने लंड निकाल कर सिमरन की बुर में पेल दिया और उसको ज़ोर से चोदने लगा।
अब मैं श्वेता की चूचियों को चूस रहा था। मैं ज़ोर-ज़ोर से सिमरन को चोद रहा था.. उसका बदन फिर से अकड़ने लगा और वो दुबारा झड़ गई।
इधर श्वेता ने अपनी चूचियाँ मेरे मुँह से निकाल कर अपनी चूत को मेरे मुँह के सामने रख दिया। मैं सिमरन को चोदते हुए उसकी चूत को चाटने लगा।
साली सिमरन की चूत कुछ टाइट थी.. मुझको उसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर में श्वेता भी झड़ गई.. फिर मुझको लगा कि मेरा भी निकलने वाला है।
मैंने पूछा- मेरा निकलने वाला है.. कहाँ निकालूँ..
तो सिमरन ने कहा- मेरी चूत में ही निकाल दो।
और श्वेता ने कहा- थोड़ा सा मुझको टेस्ट करना है..
मेरा निकलने वाला था.. मैंने ज़ोर से शॉट मारना शुरू कर दिया। कुछ देर में सिमरन की चूत में मैंने अपना माल निकाल दिया और आधा माल श्वेता के मुँह में डाल दिया।
हम सभी बहुत थक गए थे.. कुछ देर आराम किया.. उस बीच सिमरन मेरा लंड चूसती रही थी.. और श्वेता मेरे अन्डकोषों को चूसती रही। मुझको बड़ा मज़ा मिल रहा था।
उस दिन मैंने उन दोनों को एक-एक बार फिर से चोदा और एक-एक बार उनकी गांड भी मारी।
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