पापा ने बिटिया को नंगी देख कर मुठ मारी
मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम राना है. मैं कई सालों से अन्तर्वासना पर कहानी पढ़कर अपने लंड की प्यास बुझाता हूँ.
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहला लेख है. दोस्तो, यह कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है.
कई लोग अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़कर इस सोच में रहते हैं कि क्या असल में ये कहानियाँ सत्य होती होंगी. बाकी का तो पता नहीं … पर मेरी ये कहानी बिलकुल सत्य है.
इस कहानी में मैं अकेला ही एक किरदार हूँ. मगर आप लोगों की मदद से अगली बार इस कहानी में दूसरा किरदार भी हो सकता है. मेरे लिए सिर्फ ये एक कहानी नहीं बल्कि एक सुझाव भी होगा. और आगे का रास्ता भी.
मेरी बीवी बहुत सुंदर है. मेरी एक ही औलाद है मेरी बेटी … वो अठारह साल की हो चुकी है, उसका नाम है आरज़ू. वो भी अपनी माँ पर गयी है, बहुत खूबसूरत है. छोटी छोटी चूचियां और मुलायम सी चूत है मेरी बिटिया की. उस मुलायम चूत पर हल्के से बाल उगने शुरू हो गये हैं.
बात कुछ दिन पहले की है. उस दिन मेरी पत्नी घर पर नहीं थी. रात को हम दोनों बाप बेटी ने खाना खाया और बिटिया सो गयी.
मैं लेपटोप पर गन्दी मूवी देखने लग गया. पता नहीं मुझे क्या हो गया और मैं बिटिया के कमरे में गया. वो कम्बल ओढ़ कर सोयी हुई थी. मैं अपनी बेटी का कम्बल हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करने लग गया. पर दिखी नहीं. फिर मैंने उसकी सलवार ब्लेड से फाड़ दी और हल्के हल्के हाथ से उसका सलवार हटा दी. फिर मैंने अपनी बेटी की अंदर से कच्छी भी ब्लेड से काट दी. उसके बाद मुझे जो दिखा मैं पागल हो गया. 18 साल की लड़की की इतनी सुन्दर चूत … क्या चूत थी. छोटी सी और मुलायम … हल्के हल्के बाल!
मेरा दिमाग जैसा पगला सा गया, मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था. और लंड मानो अभी बिटिया की चूत में घुस कर सील तोड़ दे. मगर खुद पर काबू रखा और हाथ लगा कर उसे धीरे धीरे सहलाने लगा. मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत की दरार में फिरायी तो मेरी बेटी के बदन में जैसे सिरहन सी हुयी. ऐसी चूत नसीब वालों को देखने को मिलती है.
मैं लगातार पर धीमे धीमे हल्के हाथ से अपनी बिटिया की चूत की दरार सहला रहा था. कुछ ही देर में मेरी उंगली गीली हो गयी. इतनी मस्त और रसीली चूत तेरी मेरी बिटिया की … क्या कहूँ! कोई भी ऐसी चूत के लिए तरस जाये.
उस रात मैंने अपनी बिटिया की चूत देख देख कर चार बार मुठ मारी. जब भी वो नहाने के लिए जाती तो मेरा मन करता कि मैं अपनी बेटी को नंगी नहाते हुए देखूं इसलिए मैंने बाथरूम में फोन का कैमरा छुपा कर लगा दिया. फिर 1 बजे के करीब वो नहाने के लिए गयी.
जब मेरी जवान बेटी नहा कर बाहर निकली तो मैंने अपना फोन चेक किया और देखा पहले मेरी बिटिया आरज़ू ने अपनी काली लेगी उतारी. उसकी गोरी और मुलायम टाँगें बहुत सेक्सी थी. मेरी बिटिया की टाँगें बहुत हॉट और सेक्सी थी. आरज़ू ने ब्लेक कलर की पारदर्शी पेंटी पहन रखी थी जिसे उसने अब उतार दिया था. अब वो नीचे से पूरी नंगी थी, उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल थे और उसे देखकर तो जैसे मेरे बदन मे बिजली सी मचल गयी थी.
फिर आरज़ू ने अपना कुर्ता उतारा और अब वो सिर्फ एक सफेद कलर की पारदर्शी बनियान में थी और फिर कुछ देर बाद वो भी नीचे उतर गयी. अब मेरी बिटिया आरज़ू पूरी नंगी थी और मैं विडियो देख कर अपना लंड पकड़कर बैठा सब देख रहा था.
अब आरज़ू की छोटे-छोटे और मासूम सी चूची देखकर तो मैं पागल ही हो गया था. अब आरज़ू को नंगा देखने के बाद मैं पागल हो चुका था. फिर कुछ देर सोचने के बाद मैं वापस बाथरूम में गया. और उसकी उतारी कच्छी और बनियान को चूमने और चाटने लग गया.
उसके बाद उसकी विडियो दुबारा देख मैंने अपनी बिटिया के नाम से मुठ मारी.
दोस्तो, इस कहानी में यहीं तक!
अब आपको लोगों से सवाल पूछना चाहता हूँ कि क्या मुझे अपनी बिटिया को चोदना चाहिए. मैं चाहता हूँ अपनी बिटिया को सेक्स के पूरे मजे दूँ. अगर आप लोगों को लगता है कि चोदना चाहिए तो प्लीज मुझे कमेंट्स करके बताएं.
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