पड़ोसी के भतीजे की गांड मारी

पड़ोसी के भतीजे की गांड मारी

सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. यह मेरी पहली कहानी है इसलिए कोई गलती या चूक हो जाए तो मुझे माफ करें.

यह कहानी मेरे जीवन के एक सत्य घटना पर आधारित है. बात तब की है जब मेरी 12वीं कक्षा की परीक्षा खत्म हो गई थीं और गर्मी की छुट्टियां शुरू हो चुकी थीं. मैं हर रोज की तरह अपना बैट उठाकर क्रिकेट खेलने निकल पड़ा.
तभी मैंने देखा कि पड़ोस के शर्मा जी के यहां एक नया लड़का आया है. वो दिखने में काफी सेक्सी था. मस्कुलर बदन, गोरा रंग, लंबा कद और लाल रसीले होंठ.. बड़ा ही मस्त माल था. मैं आपको बता दूं कि मैं भी दिखने में किसी से कम नहीं हूँ. क्रिकेट और फुटबॉल खेलने के कारण मेरी एथलीट बॉडी थी, गेहुंआ रंग, पूरे 6 फीट लंबा कद और शक्ल से कमीनापन साफ़ दिखता था. पहली ही नजर में उसने मेरे छोटे सैम के अरमान जगा दिए. मैं अपने लंड को छोटा सैम बुलाता हूँ क्योंकि मेरा नाम सम्राट उर्फ सैम है.

तो मैं उत्सुकता के मारे शर्मा जी के घर उनका हालचाल पूछने के बहाने, बैट को कंधे पर रखके पहुंचा.
मैं- और अंकल, तबियत ठीक है ना?
शर्मा जी- सच में पूछ रहा है या कुछ चाहिए?

आपको बता दूं कि शर्मा जी अकेले ही रहते थे, उनकी कोई संतान नहीं थी और बीवी भी बहुत समय पहले ही चल बसी थीं, इसलिए वे मुझे अपने बेटे समान ही मानते थे.
मैं- पकड़ लिया आपने मुझे, नई शक्ल दिख गई.. इसलिए सोचा पूछ लूँ कि कौन है?
शर्मा जी- अरे ये तो मेरा भतीजा है शौर्य, दिल्ली में रहता है, छुट्टियों के लिए मुंबई घूमने आया है. बेटा शौर्य इधर आओ, इस नालायक से मिलो, ये है सम्राट..
शौर्य- हैलो.. आई एम शौर्य.

फिर बात ही बात में पता चला कि वो मुझसे 2 साल बड़ा है. वो बी ए की परीक्षा देकर आया है.. और उसे जिम का शौक है. काफी खेलों में भी रुचि है और यहां करीब एक महीने के लिए आया है. उसकी बातों से मुझे लगा कि मेरी दाल नहीं गलेगी, क्योंकि वो काफी स्ट्रेट लग रहा था.

कुछ देर बात करने के बाद मैं खेलने निकल पड़ा और उसे भी साथ में चलने को कहा.. वो मान गया.

एक ही हफ्ते में हम काफी अच्छे दोस्त बन गए क्योंकि मैं अपने उम्र से बड़ा ही दिखता था और मेरे कांड भी वैसे ही थे. मैंने उसे काफी घुमाया और मुंबई की भाषा भी सिखाई.

फिर एक दिन शर्मा जी को आँफिस के किसी जरूरी काम से 2 दिन के लिए पुणे जाना पड़ा तो मुझे शौर्य के साथ रात को ठहरने के लिए कहा. मैंने भी हां कह दिया.

शर्मा जी सुबह ही चले गए. शौर्य और मैं दिन भर मेरे ही घर में थे. हमने साथ में खाना खाया, टीवी देखा और गेम्स भी खेले. फिर रात को मेरी मम्मी ने उसे हमारे यहां ही सोने को कहा, लेकिन उसने कहा कि घर पर कोई नहीं होगा इसलिए मैं और शौर्य उसके यहां सोने चले गए.

हमने सोचा कुछ देर टीवी देखते हैं. तभी वो बाथरूम चला गया और उसे किसी का फोन बजा तो उसने बाथरूम से आवाज लगाई कि मैं काल कट कर दूँ. मैंने काल कट किया और उसका फोन देखने लगा. देखते देखते मुझे शौर्य के कुछ सेक्सी पिक्स दिखे, जिसमें वो अपने गोल, सफेद और भरी हुए गांड को दिखा रहा था. मैं तो चौंक गया ये सब देखकर.. क्योंकि शौर्य ने कभी ऐसी कोई हरकत या इशारा नहीं किया कि जिससे ऐसा लगे कि उसे लड़कों में रुचि हो. तभी मुझे उसके आने की आवाज सुनाई दी.. तो मैंने उसका फोन साइड में रख दिया.

शौर्य आया और बोला- चलें सोने.. या जागरण का इरादा है?
मैंने ‘हां चलो..’ कहा और हम सोने चले गए.

हम एक ही बिस्तर पर लेट गए. कुछ देर में वो सो गया, लेकिन वो पिक्स देखने के बाद मुझे कहां नींद आने वाली थी. मेरी आँखों के सामने उसके गोल गोल गोरे चूतड़ों वाली मखमली गांड ही मंडरा रही थी.

तभी उसने अपनी गांड मेरे तरफ की, तो मुझे उसकी गांड का आकार साफ नजर आ रहा था. हम दोनों ने केवल शॉर्ट्स ही पहना हुआ था क्योंकि गर्मी के दिन थे. इधर मेरा लंड शॉर्ट्स के अन्दर तंबू बना रहा था. आपको बता दूँ कि मेरा लंड साढ़े सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा है. लंड गेहुंआ रंग का है और आगे से कटा हुआ है.

मैंने धीरे से अपना लंड उसकी गांड से टच किया. उसने कोई हरकत नहीं की तो मैं धीरे धीरे अपना लंड उसकी गांड से रगड़ने लगा.
तभी वो एक दम से पलटा और बोला- सम्राट, ये तुम क्या कर रहे हो?
मैं हड़बड़ाते हुए कहा- कुछ नहीं, अरे वो गलती से हो गया, क्यों तेरा उठता नहीं है क्या?
शौर्य- उठता तो है मगर मुझे दूसरों का लंड उठाना ज्यादा पसंद है. मैं जानता हूँ कि तुमने मेरे पिक्स देख लिए हैं. क्योंकि वो पिक्स तुम्हारे देखने के लिए ही मैंने अपना फोन वहां रखा था.

मैं- अच्छा जी, जब इतनी आग लगी थी गांड मरवाने की, तो इतने दिन क्यों बर्बाद किए?
शौर्य- डर था कि तुम स्ट्रेट हुए तो ताऊजी को मेरे बारे में बता दोगे और तुमने भी कभी कोई पैरवी नहीं की.
मैं- मुझे भी वही डर था क्योंकि अंकल मुझे अपना बेटा मानते हैं.
शौर्य- चल, कोई नहीं, देर आए दुरुस्त आए, अब तो मेरी 10 दिन की आग बुझा दे.

बस शौर्य की इतनी ही बोलने की देरी थी, मैंने उसे बेड पर पटका और उसके ऊपर चढ गया. फिर उसके लाल होंठों को जिन्हें मैं रोज चूमने और काट खाने के सपने देख रहा था, उन्हें धीरे धीरे चूमने लगा. कभी ऊपर के होंठ चूमता और चूसता तो कभी नीचे के.

हम पागलों की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे और बीच बीच में काट भी रहे थे. कुछ देर बाद मैं उसके गले को अपनी जीभ से चाट रहा था और लव बाईटस् भी दे रहा था.

तभी उसने कहा- धीरे करो सैम, निशान हो जाएंगे.
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- हो जाने दे, ये मेरे प्यार के निशान हैं.

फिर मैं उसकी सेक्सी, मस्कुलर और भरी हुई छाती पर पहुंचा और उसके गुलाबी निप्पलों को पहले अपने जीभ से चाटने लगा. उसे चूमने और चूसने लगा, बीच बीच में काटने भी लगा.

मेरी इन हरकतों से शौर्य पूरा पागल हो चुका था. उसने मुझे हटाया और बेड पर पटकते हुए कहा- अब मेरी बारी.

यह कहकर उसने मेरे गले और बदन को चूमना और चाटना शुरू किया. इससे पहले ऐसा किसी ने मेरे साथ नहीं किया था. मुझे उससे बहुत मजा आ रहा था, जो वो अपनी जीभ से कर रहा था.

फिर धीरे से वो मेरे पेट को चूमते हुए मेरी झांटों तक पहुंचा और उसने अपने दांतों से खींचते हुए मेरे शॉर्ट्स को उतार दिया. जिससे कि मेरा 7. 5 इंच का लंड आजाद होकर उसे सलामी देने लगा था.

मेरे लम्बे लंड को देखकर उसके मुँह में पानी आ गया. बिना कोई देरी किये वो मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाटने लगा. फिर टोपे को मुँह में लेकर चूसने लगा. ऐसा करते करते उसने मेरा पूरा लंड मुँह में भर लिया और किसी रंडी की तरह लंड चूसने लगा.

मेरे मुँह से आहहहह आहहहहह की आवाज निकलने लगीं. मैं तो मानो सातवें आसमान में था. इतने में उसका ध्यान मेरे आंडों पर गया. अब उसने मेरे आंडों को एक एक करके अपने मुँह में भरकर चूसना शुरू किया.. वो गर्म होता गया और अब तो वो कभी कभी मेरे दोनों आंडों को एक साथ लेकर चूस ले रहा था.

मुझसे अब और नहीं रहा गया. मैंने उसे हटाया, उसके शॉर्ट्स उतार कर फेंका और उसे पेट के बल लिटाकर उसके गोरे, मुलायम चूतड़ों और गांड को दबाने और चूमने लगा. कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों चूतड़ों को अलग करते हुए उसकी गांड के छेद को अपनी जीभ से सहलाने और चाटने लगा. जिसके कारण उसके गांड की छेद खुलने लगी. मैं उसकी गुलाबी गांड को अपनी जीभ से चोदने लगा.

शौर्य एकदम गर्म हो चुका था और बोलने लगा- सैम, और कितना तड़पाओगे? जल्दी से अपना लंड मेरी गांड में डालो और उसकी आग बुझाओ.
फिर उसकी गांड के छेद पर मैंने बहुत सारा थूक लगाया और लंड को रगड़ते हुए कहा- हां शौर्य, मेरी जान, इस गांड को चोदने में मेरे लंड को बहुत मजा वाला है. आज तेरे गांड का भोसड़ा बनाके ही दम लूँगा.

मैंने अपना लंड धीरे धीरे से शौर्य के गांड में घुसाना शुरू किया. सिर्फ टोपा ही अन्दर गया था कि उसने कहा- आह… सैम.. आराम से, मुझे गांड मरवाए बहुत दिन हो गए हैं.
उसकी बात को मैंने अनसुना कर दिया और एक जोर का झटका दिया. आधे से ज्यादा लंड उसके गांड में घुस चुका था.

शौर्य चीखते हुए बोला- बहनचोद, धीरे से कर.. वरना मेरा छेद फट जाएगा साले.
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- गांडू, मैं तो धीरे कर रहा हूँ, पर मेरे लंड को कौन समझाए.

इतना कहकर मैं धीरे धीरे उसकी गांड की चुदाई करने लगा. बस 5 मिनट में ही उसकी गांड ढीली हो गई और मेरा लंड पूरा अन्दर जाने लगा. अब शौर्य को भी मजा आने लगा.
शौर्य- आह.. सम्राट.. और जोर से करो. अपने लंड को मेरी गांड के अन्दर पूरा घुसा दो.
मैं- हां मेरी रांड, आज तो तेरे गांड को फाड़ कर ही दम लूँगा.

फिर मैंने उसे डॉगी पोज में आने को कहा और अपना लंड पूरा बाहर निकालता और पूरा अन्दर घुसाता. उसकी गांड पूरी तरह खुल चुकी थी. अन्दर का लाल भाग साफ दिख रहा था. ऐसा करने में मेरे लंड को बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड लोहे जैसा सख्त हो गया था.

फिर मैंने उसे पलटा और मेरे फेवरेट पोज मिशनरी में.. उसे चोदने लगा.

करीब 15 मिनट तक मैं उसे इसी पोज में चोदता रहा. शौर्य भी अपना लंड हिला रहा था. पूरा कमरा खचपच की आवाज से भर चुका था.
मैंने शौर्य को इशारा किया कि मेरा पानी निकलने वाला है. तो उसने मुझे रोका और मुझे लेटने को कहा और वो मेरे लंड के ऊपर बैठकर अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगा.
मैं- यार तू तो बड़ा पहुंचा हुआ गांडू है.
शौर्य- अब तो तूने देखा ही क्या है. अब तो तुझसे रोज नई चीजें करवाउंगा.

यह कहकर उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी, उसके चूतड़ों के मेरी जांघों से टकराने के कारण छपछप की आवाज आने लगी. हमारी चुदाई को करीब आधा घंटा हो चुका था.
मैंने उससे कहा- अब और नहीं रोक पाऊँगा भोसड़ी के.

तो वो उठकर चार पैरों पर किसी प्यासी रंडी की तरह जीभ बाहर निकालकर मेरे लौड़े को देखने लगा. मैं खड़ा हुआ और अपने लंड को हिलाने लगा. कुछ ही पलों में मेरा पानी निकला, तो मैंने अपना लंड सीधा उसके मुँह में दे दिया. उसने मेरा पूरा पानी किसी रंडी की तरह पी लिया और लंड को चूसचूस के साफ करने लगा.

मैंने एक बड़ी लम्बी सांस ली और अपने आधे खड़े लंड से उसका मुँह चोदने लगा. शौर्य ने फिर अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा और साथ ही जोर जोर से मेरा लंड भी चूसने लगा. कुछ ही देर में उसका पानी निकल गया और फिर हम एक दूसरे को चूमते हुए एक दूसरे को बांहों में भरकर सो गए.

अब तो मैं रोज ही शौर्य की गांड मारने लगा. एक दिन मैंने उसे अपने एक और गे दोस्त से मिलवाया और हमने थ्रीसम का प्लान बनाया.. जिसके बारे में मैं आपको फिर कभी बताऊँगा.

आपको मेरा ये अनुभव कैसा लगा, मुझे जरूर बताएं.
सम्राट सिन्हा
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