पड़ोस की नसरीन भाभी की चिकनी चूत की चुदाई
गाँव में मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थीं.. उनका नाम नसरीन था, वो मुझसे बहुत मस्त बात करती थीं, नसरीन भाभी जब बात करती थीं तो मुझे बहुत हॉट लगती थीं पर कभी मैंने उनको गलत नजर से नहीं देखा था।
भाभी मुझे छोटू बुलाती थीं, कुछ भी काम होता तो मुझसे ही बोलती थीं, मुझे भी उनका काम करना बहुत अच्छा लगता था।
उनके पति गाँव में खेती करते हैं। भाभी के दो बेटे हैं.. दोनों मुझे बहुत प्यार करते हैं।
एक दफा भाई को किसी रिश्तेदार के यहाँ जाना था, उनके जाने से भाभी घर में अकेली रह जातीं.. तो भाई ने मेरे घर पर मेरे पिताजी को बोला- छोटू को मेरे यहाँ सोने को बोल दो।
मैं भी बहुत खुश हुआ।
पड़ोस के भाई मेरे घर पर बोल कर रिश्तेदार के यहाँ चले गए।
मेरे पिताजी ने मुझसे बोला- अनिल तुम नसरीन के यहाँ सोने चले जाना.. नसरीन के घर में कोई बड़ा नहीं है। उसके शौहर किसी रिश्तेदार के यहाँ गए हैं, वे तुमको घर पर सोने के लिए बोल गए हैं.. तो तुम रात को सोने चले जाना।
मैंने बोला- ठीक है.. चला जाऊँगा।
गर्म भाभी के बिस्तर पर
मैंने खाना खाया और साढ़े नौ बजे रात को भाभी के यहाँ सोने चला गया।
भाभी मेरा इंतजार कर रही थीं, बोलीं- आ जाओ छोटू.. सोने के लिए एक ही बिस्तर लगाया है.. इसी पर हम सभी सो जाते हैं।
मैंने बोला- ठीक है भाभी।
गर्मी का मौसम था तो भाभी एक पतली सी साड़ी पहने थीं। भाभी के दोनों बच्चे दाईं तरफ थे.. उनके बगल में भाभी थीं और भाभी के बगल में मैं लेट गया।
भाभी बच्चे की तरफ मुँह करके लेट गईं। भाभी की गांड मेरी तरफ थी। भाभी की गांड देख कर मेरा मूड बन गया। मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया, मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा है।
भाभी की गांड की साइज़ 38 इंच लग रही थी। मुझे भाभी का साइज़ तो मुझे पूरा नहीं पता.. अंदाज़ से यही लग रहा था।
दो घंटे हो गए थे पर मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं भाभी की तरफ करवट लेकर सोने की कोशिश करने लगा। भाभी की गांड की दरार मेरे लंड में छुल रही थी, मैं धीरे-धीरे उनसे पूरा चिपक गया, अब मेरा लंड भाभी की गांड में घुस रहा था।
भाभी थोड़ा सा हिलीं और मुझसे चिपक गईं, वे पीछे की तरफ और खिसक गई थीं, अब मेरा पूरा लंड भाभी की गांड की दरार में घुस रहा था।
मुझे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था, मैं धीरे-धीरे भाभी के पैर को सहलाने लगा। भाभी चुपचाप लेटी थीं.. कुछ नहीं बोल रही थीं।
धीरे धीरे करके मैं भाभी की साड़ी ऊपर करने लगा, कुछ ही पलों में मैंने साड़ी को पेट के ऊपर खींच नीचे का इलाका पूरा नंगा दिया था।
भाभी की चूत
अब धीरे धीरे मेरा हाथ भाभी की चूत की तरफ था.. कुछ ही पलों में मैं चूत में उंगली करने लगा। उनकी चूत पर बाल नहीं थे.. ऐसा लगता था जैसे आज ही बाल साफ़ किए हों।
मैंने चूत के दाने को छुआ.. तो भाभी थोड़ा हिलीं.. और कुछ नहीं बोलीं।
मेरा तो बुरा हाल हो गया था, अब मैं बिना चूत में लंड डाले रह नहीं सकता था। धीरे धीरे मैंने एक उंगली भाभी की चूत में डाल दी.. तो भाभी की चूत से पानी निकलने लगा।
जब उनकी तरफ से कोई विरोध नहीं दिखा तो मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया, भाभी कुछ बोल नहीं रही थीं।
जैसे मैंने अपना लंड भाभी की चूत में लगाया.. भाभी की ‘आह..’ निकल गई, मुझे पता चल गया कि भाभी सोने का नाटक कर रही हैं।
मैंने अपना लंड भाभी की चूत में एक बार में पूरा डाल दिया.. भाभी जोर से चीख पड़ीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ भाभी की चूत इतनी कसी हुई थी.. कि मेरा लंड दर्द करने लगा।
मैंने चूमते हुए आँख के इशारे से पूछा तो भाभी दर्द से कराहते हुए बोलीं- आपके भैया मुझे बहुत कम चोदते हैं.. उनका लंड भी तुमसे बहुत छोटा है। तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. अपने लंड को निकाल लो।
मैंने सोचा एक बार निकाल लिया तो भाभी मेरा लंड अपनी चूत में नहीं लेंगी। मैंने बोला- रुको भाभी.. फिर आपको बहुत मज़ा आएगा।
बोलीं- ठीक है.. पर तुम आराम से करो।
भाभी की चुदाई
फिर मैं भाभी को किस करने लगा। भाभी के होंठों को मस्त होकर चूसने लगा। कुछ ही देर में भाभी की चूत में मजा आने लगा तो वो बोलीं- अब चुदाई करो..
मैं धीरे-धीरे चुदाई करने लगा, भाभी की चूत से बहुत पानी निकल रहा था, पूरे कमरे में आहें, कराहें, सीत्कारें गूंज रही थी।
भाभी बोलीं- अब जोर से मेरी चूत की चुदाई करो।
मैंने फुल स्पीड में भाभी की चुदाई चालू कर दी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, उनकी चूत इतनी कसी हुई थी कि मेरा लंड भाभी की चूत का भोसड़ा बना रहा था।
भाभी बहुत मस्त चुदा रही थीं।
भाभी को मैं लगातार चोदता रहा, भाभी की चूत इतनी गर्म थी कि मैं बता नहीं सकता.. मेरे पास बयान करने के लिए शब्द नहीं हैं।
चूत चुदाते-चुदाते भाभी की हालत ख़राब हो गई, भाभी की चूत तीन बार झड़ चुकी थी.. उनकी चूत में जलन होने लगी थी, वे बोलीं- अहह.. छोटू बस करो.. और मुझसे नहीं होगा.. अब फिर कभी कर लेना।
मैंने बोला- मेरी जान थोड़ा रुक जाओ मेरा तो पानी निकलने दो।
वे बोलीं- जल्दी करो.. तुम आदमी हो या जानवर.. तुम्हारा पानी कब निकलेगा?
मैंने बोला- भाभी.. बस थोड़ा रुक जाओ.. मैं क्या करूँ आपकी चूत बहुत मस्त है। मेरा दिल तो कर रहा है कि पूरी रात आपकी चूत चोदता रहूँ.. आह.. मेरी जान।
भाभी बोलीं- बस और नहीं.. मुझसे नहीं होगा.. जल्दी से पानी गिराओ.. अब मुझसे बिल्कुल भी सहा नहीं जा रहा है।
फिर मैंने भाभी के दोनों पैर कंधे पर ले लिए और जोर से चुदाई करने लगा।
मैंने करीब 50 झटके मारे और मेरा पानी छूट गया, मैंने पूरा पानी भाभी की चूत में डाल दिया।
भाभी मुझसे पूरी चिपक गईं और भाभी और मैं चिपक कर सो गए।
दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी थी, यह हिंदी सेक्स कहानी मैंने भाभी से पूछ कर लिखी है।
मैंने पहली बार लिखा है.. कुछ गलत लिखा हो तो माफ़ कर देना।
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