मेरे पति बने चुदाई के टीचर
दोस्तो, काफी समय के बाद आपसे मुलाकात हो रही है. कुछ व्यस्त रही लेकिन आपके प्यार भरे मेल लगातार आते रहे उसके लिये आपको बहुत बहुत शुक्रिया.
पेश है मेरी नई कहानी… उम्मीद करती हूं कि आपको पसंद आएगी। मेरी इस कहानी पर अपनी राय ई मेल से भेजना नहीं भूलियेगा।
एक दिन मेरे पति रवि जब दफ्तर पहुंचे तो वहां एक किस्म का सन्नाटा छाया हुआ था। थोड़ा हैरान परेशान होकर उसने चपरासी को एक कोने में बुलाया और उससे इस सन्नाटे की वजह पूछी। चपरासी ने डॉली मैडम की तरफ इशारा करते हुए कहा- मैडम आज थोड़ी उदास हैं।
डॉली इस दफ्तर की जान थी, हर समय चहकती फड़कती रहती थी। उसकी जवानी हर किसी को छलकती दिखती थी लेकिन उसका रस किसी ने पिया नहीं था। वही डॉली आज उदास थी।
दोपहर लंच के समय रवि जानबूझ कर डॉली के पास गया और इधर उधर की बात करने लगा। बातों ही बातों में उसने कहा- क्या यार डॉली… तुम्हारा चेहरे पर उदासी क्या छाई है… पूरे दफ्तर की रौनक चली गई।
रवि की बात सुनकर डॉली बोली- हां यार, बात ही कुछ ऐसी है। मेहरा साहब अभी अमेरिका में एक साल और रुकेंगे।
मेहरा साहब यानी डॉली के पति।
डॉली बोली- अभी टाइम नहीं है, शाम को घर चलना, वहां फुरसत से बात हो जायेगी।
रवि को भी लगा कि एक शाम मसाला आइटम से बात करते हुए कट जाये तो मजा ही आ जायेगा। उसने मुझे फोन पर पूरी बात बताई और कहने लगा एक दुखियारी के आंसू पौंछने जा रहा हूं। मैंने कहा- ठीक है आंसू ही पौंछना… ऐसा वैसा कुछ मत करना कि तौलिया लेकर पौंछना पड़ जाये।
शाम को डॉली को कार से रवि उसके घर पहुंचा. क्या आलीशान घर था लेकिन घर में दो नौकरों के अलावा कोई नहीं था।
डॉली ने रवि को ड्राइंग रूम में बैठाया और बोली- अभी फ्रैश होकर आती हूं।
पांच मिनट के बाद डॉली फिर हाजिर थी सेक्सी गाउन में… उसकी जवानी उस गाउऩ से छलक रही थी लेकिन रवि ने अपने ऊपर कंट्रोल किया हुआ था।
डॉली ने जो बताया:
विक्रम मेहरा यानि उसके पति… पांच साल पहले दोनों की शादी हुई थी। एक साल मस्ती में गुजरा… दिन में कितनी बार विक्रम उसके ऊपर चढ़ाई कर देता था, उसे याद भी नहीं… पार्क हो या बाजार… जहां भी मूड बनता था वो जगह तलाश ही लेते थे। कई बार तो किसी दोस्त के घर पहुंच गये और उसे घर से बाहर भेज दिया। फिर लग गये दोनों चुदाई के खेल में… बहुते रंगीन है मेरा विक्रम.
एक साल बाद अचानक विक्रम की नौकरी छूट गई। नई नौकरी के लिये उसने कहां कहां नहीं ठोकरें खाईं… लेकिन नौकरी हाथ नहीं आई. पहले साल की मस्ती हवा हो गई थी, अब हफ्ते में एक दिन भी डॉली की चूत का पानी निकल जाये तो बड़ी बात थी।
विक्रम को अब पैसे कमाने की धुन थी… कहीं से भी मिले।
फिर अचानक एक विदेश कंपनी से उसे ऑफर आया… डॉली ने मना किया लेकिन विक्रम ने कहा- यार, अगर पैसा नहीं होगा तो जिंदगी ही बेकार हो जायेगी। बस तीन साल की ही तो बात है. उसके बाद मैं लौट आऊँगा।
तब से तीन साल हो गये, विक्रम हर महीने एक मोटी रकम भेजता है. उसी रकम से ये आलीशान मकान बना, बैंक में मोटी रकम जमा हो गई और इतना हो गया कि अब चैन से जिंदगी गुजर सकती है लेकिन विक्रम को अभी और चाहिये था। कल उसका फोन आया कि अभी एक साल और रुक कर ही वो वापस आयेगा। इसी फोन के बाद से डॉली का मूड खराब था।
डॉली की पूरी बात सुनकर मेरे रवि ने कहा- तो ये बात है आपकी परेशानी की… चलिये जहां तीन साल निकल गये, वहां एक साल और निकल जायेगा. लेकिन चेहरे से उदासी हटाइये, आपकी उदासी से पूरा दफ्तर उदास हो गया था। रही बात सेक्स की… तो ये काम आप खुद भी कर सकती हैं।
काफी शरीफ था मेरा रवि!
डॉली कहने लगी- अपने आप कैसे कर सकती हूं? मुझे तो कुछ भी नहीं पता?
रवि ने कहा- आप परेशान मत हो… मेरी बीवी रेनू आपको सब सिखा देगी।
डॉली चहकते हुए बोली- ठीक है, लेकिन जब रेनू सिखाएगी तो तुम भी रहना!
रवि और डॉली के बीच अगले रविवार को सेक्स क्लास की बात तय हो गई। घर लौट कर रवि ने मुझे पूरी बात समझाई। रात के समय रवि के झटके भी काफी तेज थे। मैं समझ गई। मैंने रवि को छेड़ते हुए कहा- किसे चोद रहे थे, मुझे या डॉली को?
रवि झेंपते हुए बोला- यार चूत जब तेरी थी तो चोद भी तुझे ही रहा था… इसमें डॉली कहां से आ गई… वो बेचारी तो परेशान है।
मैंने मुस्कराते हुए कहा- परेशान… हाय मेरा बच्चा… सबकी मदद करता है।
रवि के लिये इस बार रविवार जल्दी ही आ गया था, सुबह से ही जल्दी कर रहा था। हम दोनों डॉली के घर पहुंचे, हमारे पहुंचने के बाद ही डॉली सोकर उठी थी। अलसाई सी… नाइटी वाली डॉली मुझे भी काफी सेक्सी लगी.
उसने हमें बैड रूम में बैठा लिया।
मुझसे कहने लगी- आज दोनों नौकरों को छुट्टी कर दी है। पूरे घर में टीचर जी और हम दोनों ही हैं। दो मिनट बैठो, मैं अभी नहा कर आती हूं।
वो बैडरूम से जुड़े बाथरूम में नहाने चली गई थी।
करीब पांच मिनट के अंदर महकती हुई डॉली बाथरूम से निकली। मैं उसे देखती ही रह गई. मैंने डॉली से कहा- यार, तेरी जवानी को किसी को भी पागल कर दे. तीन साल तेरी चूत ने बिना पानी निकाले कैसे गुजारे?
मेरी बात सुन कर डॉली हंसती हुई बोली- यार, सोचा था विक्रम आयेगा तो तीन साल का पानी एक साथ निकालेगा… यार इतना पानी निकलेगा कि कमरे में हम दोनों तैरने लगेंगे. लेकिन अब एक और साल का इंतजार. कंट्रोल नहीं हुआ तो रवि को बोल दिया। अब टीचर जी जैसा सिखाएं।
रवि ने हम दोनों को बिस्तर पर लेटने को कहा। उसने डॉली से कहा कि वो सेक्स के बारे में सोचे.
डॉली बोली- यार रवि, इतने साल हो गये हैं अब तो सोच नहीं पाती।
रवि ने कहा- मेरे पास इसका इलाज है।
उसने अपनी जेब से एक पेन ड्राइव निकाली और डॉली के टीवी में लगी दी. टीवी पर अब सेक्स वीडियो चल रहा था; समुद्र किनारे दौड़ता एक जोड़ा… दोनों एक दूसरे के कपड़े फाड़ रहे थे.
इधर टीवी को देखकर मेरी सांस तेज होने लगी. रवि ने हम दोनों को एक दूसरे के कपड़े उतारने को कहा; हम दोनों ने उसकी बात को पूरा किया।
उफ क्या तनी हुई चूचियां थी डॉली की! मेरा मन कर रहा था एक बार जम कर पी लूं लेकिन सामने हमारे टीचर जी यानी रवि खड़े थे।
मैंने डॉली से कहा- यार, टीचर जी को भी तो हमारी जैसी हालत में होना चाहिये।
डॉली बोली- बिल्कुल ठीक… रवि तुम भी तो अपने कपड़े उतारो।
डॉली की बात सुन कर रवि ने अपने कपड़े उतार दिये। रवि का लंड फनफनाता हुआ खड़ा था।
मैंने रवि को छेड़ते हुए कहा- क्या बात है टीचर जी, अपनी छात्राओं पर नीयत खराब हो रही है?
अब रवि ने हम दोनों के चूचुकों पर हाथ फिराने को कहा.
हम दोनों अपने चूचुकों पर हाथ फिराने लगी।
दो मिनट के बाद रवि ने डॉली से पूछा- मजा आ रहा है?
इस पर डॉली ने कहा- हां, थोड़ा थोड़ा आ रहा है।
लेकिन मैंने कहा- मुझे तो बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। टीचर जी आप ऐसा करो मेरे चूचुक थोड़े चूस लो.
मेरी बात सुनकर रवि ने कहा- ठीक है!
और मेरी चूचियां चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद रवि मुझसे अलग हो गया, उसने मुझ से पूछा- अब कैसा लगा?
मैंने कहा- मस्त मजा आया।
रवि ने टीवी बंद कर दिया, कहने लगा- सेक्स क्लास को लंबा चलाना है इसलिये आप दोनों को पांच मिनट का ब्रेक मिलता है।
पांच मिनट के बाद मैं और डॉली फिर से रवि सर की क्लास में थी। इस बार भी हमें चूचुक पर हाथ फेरने को कहा गया।
दो मिनट के बाद रवि ने फिर डॉली से पूछा- मजा आया?
इस बार डॉली का जवाब बदल गया था- नहीं रवि सर… बिल्कुल मजा नहीं आया, मुझे भी रेनू जैसा इलाज चाहिये। इस बार आप मेरे चूचुक पी लो।
रवि ने कहा- ठीक है!
वो आगे बढ़ कर डॉली पर चढ़ गया और उसके चूचुक पीने लगा। डॉली का शरीर कसमसाने लगा था, रवि का लंड उसकी चूत को रगड़ रहा था; अब उसके मुंह से सिसकारी निकल रही थी। दो मिनट के बाद रवि उसके ऊपर से उतर गया।
उसने डॉली से पूछा- इस बार मजा आया?
डॉली हांफते हुए बोली- जी सर… विक्रम याद आ गया।
अब रवि सर ने मुझसे डॉली के चूचुक पीने को कहा। तने हुए चूचुक पीने का अलग ही मजा है। मैं घोड़ी बन कर डॉली के चूचुक हल्के हल्के पीने लगी। डॉली पर सेक्स का नशा चढ़ रहा था।
तभी रवि सर ने पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया, कहने लगे- तुम्हारा फीस देने का टाइम आ गया है।
अभी उन्होंने दो-तीन झटके ही मारे होंगे कि डॉली बोली- यार, मुझे भी अपनी चूचियां पीने दे रेनू!
इस बार मैं नीचे लेटी थी और डॉली ऊपर घोड़ी बन कर मेरी चूचियां पी रही थी, रवि सर थोड़ी दूरी पर खड़े थे।
मेरी चूचियां पीते पीते डॉली बोली- क्या रवि सर… मुझसे फीस नहीं लेंगे।
मैंने भी रवि से कहा- यार एकदम फ्रेश माल है… जम कर चोद लो।
रवि धीरे से आगे बढ़ा और अपने लंड को डॉली की चूत में डाल दिया। लंड के पूरा घुसते ही डॉली कराहने लगी। रवि के झटके तेज होते गये; दूसरी तरफ मैंने डॉली के कस कर दबोच रखा था और उसकी चूचियों को कस कर मसल रही थी। चार से पांच मिनट के भीतर डॉली का इतना माल निकला कि मैं नहा गई थी।
इसके बाद रवि ने मेरी भी चूत मारी और दिन भर हम लोग मस्ती करते रहे। रात को हम डॉली के घर ही सो गये थे। तीनों लोग एक साथ… बीच में रवि और अगल बगल हम दोनों चूत वालियां!
सुबह दरवाजे पर घंटी की आवाज सुनी तो मेरी नींद खुली। बिस्तर पर डॉली और रवि चिपक कर सो रहे थे.
मैंने जल्दी से डॉली का गाउन पहना और दरवाजा खोल दिया। दरवाजे पर एक खूबसूरत नौजवान खड़ा था।
मैंने पूछा- आप कौन?
उसने मुस्कराते हुए कहा- मैं डॉली का पति विक्रम!
मैं हैरान सी उसे देखते रह गई।
मैंने हकलाते हुए कहा- आप तो एक साल बात आने वाले थे?
विक्रम ने मेरी बात को अनसुना कर दिया।
उसने अंदर घुसते हुए उनसे कहा- उम्मीद करता हूं कि डॉली ने अपना मिशन चुदाई पूरा कर दिया होगा।
वो सीधा बैडरूम में घुसा जहां डॉली और रवि सो रहे थे।
उसने मुस्कराते हुए कहा- तो आप तीनों ने चुदाई का खेल जमकर खेल लिया.
मैंने मुस्कराते हुए कहा- जम कर खेला और अब आगे का आपका प्लान क्या है?
उसने कहा- दरअसल डॉली ने आपकी वीडियो भेजी थी और उसे देखने के बाद मैं आपको चोदना चाहता था. इसी लिये हमने ये प्लॉन बनाया. इसके लिये हमें कुछ झूठ बोलने पड़े; उसके लिये मैं माफी चाहता हूं. और अब आप मेरी बीबी का गाउन मुझे वापस कर दीजिये.
विक्रम ने आगे बढ़कर मेरा गाउन उतार दिया। उसने मुझे गोदी में उठाया और दूसरे कमरे में चल दिया… मेरी चुदाई करने के लिये… और बीवियों की अदला-बदली का गेम पूरा करने के लिये!
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