मैंने अपने देवर से चुदवा लिया-1
मेरा नाम रितु है. मैं 23 साल की हूँ और दिखने में खूबसूरत और सेक्सी हूँ.
दो साल पहले की बात है, मैं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करती थी. उसी मल्टीनेशनल कम्पनी में राज भी काम करने के लिए आए. मैं उनसे सीनियर थी. राज बहुत ही हैंडसम थे. जब से उन्होंने ऑफिस ज्वाइन किया था, तब से ही मैं मन ही मन उन पर मर मिटी थी. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई थी.
धीरे धीरे राज और मेरी गहरी दोस्ती हो गई और फिर हमारी दोस्ती प्यार में बदल गई. दो महीने के बाद ही हम दोनों ने शादी कर ली.
राज का एक छोटा भाई भी था, जय. वो राज से 2 साल छोटा था. उसकी उम्र भी मेरी तरह 21 साल की थी. जय एम. ए. फायनल में पढ़ रहा था. राज जय को बहुत ज्यादा चाहते थे. जय, राज से ज्यादा हैंडसम था और ताकतवर भी. वो बहुत शरारती भी था. हम दोनों एक दूसरे से खूब हंसी मजाक करते थे. मुझे उसका हंसी मजाक करना बहुत ही अच्छा लगता था. राज भी हम दोनों को देख कर बहुत खुश रहते थे.
शादी के बाद राज ने मुझसे नौकरी छोड़ देने को कहा तो मैंने नौकरी छोड़ दी. अब मैं घर पर ही रहने लगी.
राज से शादी हो जाने के बाद मैं उनके घर आ गई थी. सुहागरात के दिन जब मैंने राज का लंड देखा तो मेरे सारे सपने टूट गए. उनका लंड केवल 3″ लम्बा और बहुत ही पतला था. उन्होंने जब पहली पहली बार अपना लंड मेरी चुत में घुसाया तो मेरे मुँह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली और उनका पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में मेरी चुत के अन्दर समा गया. मुझे कुछ पता ही नहीं चला. उन्हें बड़ी मुश्किल से 2 मिनट ही मुझे चोदा और झड़ गए. मैं उदास रहने लगी.
राज ने शादी में 15 दिनों की छुट्टी ले ली थी. वो घर पर ही रहते थे. फिर 15 दिनों के बाद जब वो ऑफिस जाने लगे तो उन्होंने मुझसे कहा- जय की बहुत देर तक सोने की आदत है. उसको जगा देना और कॉलेज भेज देना.
मैंने कहा- ठीक है.
राज चले गए. उनके जाने के बाद मैं जय को जगाने उसके रूम में गई. मैंने जय को जगाया तो वो उठ गया. मैंने जय से कहा- जब तुम्हारे भैया की शादी नहीं हुई थी, तब तुम्हें कौन जगाता था?
वो हंस कर बोला- भैया जगाते थे.
जय फ्रेश होने चला गया और मैं उसके लिए नाश्ता बनाने चली गई. नाश्ता करने के बाद जय कॉलेज चला गया.
राज 9 बजे ऑफिस चले जाते थे और जय 10 बजे कॉलेज चला जाता था. फिर कॉलेज से वो 3 बजे वापस आ जाता था. जब कि राज रात के 7 बजे तक वापस आते थे.
अगले दिन राज के ऑफिस चले जाने के बाद मैं जय को जगाने गई. जैसे ही मैं जय के रूम में पहुँची तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं. जय गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था. उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी हुई थी और उसका लंड खड़ा था. उसका लंड 7″ लम्बा और बहुत ही मोटा था. मैं सोचने लगी कि बड़े भाई का लंड 3″ लम्बा है और छोटे भाई का 7″ लम्बा.. कुदरत भी क्या क्या करिश्मे करती है.
मेरी कामुकता बहुत ही ज्यादा बढ़ी हुई थी क्योंकि शादी के बाद राज मेरी प्यास जरा सी भी नहीं बुझा पाए थे इसलिए मैं जय के लंड को ध्यान से देखती रही. मुझे जय का लंड बहुत ही अच्छा लग रहा था. उसके लंड को देख कर मेरे मन में गुदगुदी सी होने लगी. मैंने सोचा काश राज का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मजा आता. मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही.
अचानक मेरे मन में ख्याल आया कि जय को कॉलेज भी भेजना है. मैं सोच में पड़ गई कि उसे कैसे जगाऊं. वो जगाने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा. बहुत देर तक मैं खड़ी खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही.
मैंने मन ही मन सोचा कि काश जय ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मजा तो मिल जाता.
मैं जय के नज़दीक गई और कहा- जय, साढ़े नौ बज रहे हैं.. उठना नहीं है क्या?
वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एकदम नंगा पाया. वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा.
मैंने कहा- तुम ऐसे ही सोते हो क्या? तुम्हें शर्म नहीं आती?
वो बोला- सॉरी भाभी गहरी नींद में सोने की वजह से अकसर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है. आज तुमने भी मेरा लंड देख ही लिया.. अब क्या होगा.
मैंने कहा- होगा क्या..
उसने अपने लंड की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- भाभी, ये मुझे बहुत ही परेशान करता है. अकसर सुबह के समय ये खड़ा हो जाता है.
इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरंत ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा- तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो.
वो बोला- केवल मैं ही अच्छा लग रहा हूँ. क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?
मैंने कहा- वो तो बहुत ही अच्छा है.
वो बोला- पसंद है तुम्हें?
मैंने कहा- हाँ.
वो बोला- फिर ठीक है.. चाहो तो हाथ लगा कर देख लो.
मैंने कहा- कॉलेज नहीं जाना है क्या?
वो बोला- जाना तो है.. पहले तुम इसे हाथ से पकड़ कर देख लो. उसके बाद मैं कॉलेज चला जाऊंगा.
मेरा मन तो जय से चुदवाने को कर रहा था लेकिन ये बात मैंने जाहिर नहीं होने दी. मैंने कहा- अगर तुम कहते हो तो मैं पकड़ लेती हूँ लेकिन तुम कुछ और तो नहीं करोगे ना?
वो बोला- बिल्कुल नहीं.
मैंने कहा- फिर ठीक है!
मैं जय के बगल में बेड पर बैठ गई. जोश के मारे मेरी चुत गीली हो रही थी.
उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया तो मैंने जय का लंड पकड़ लिया. थोड़ी देर तक मैं उसके लंड को पकड़े रही, तो वो बोला- सहलाओ इसे.
मैंने उसके लंड को धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया. मेरे सहलाने से उसका लंड और ज्यादा टाईट हो गया. थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अब जाओ, नहा लो.
वो बोला- नहीं और सहलाओ.
मैं उसका लंड सहलाने लगी.
वो बोला- चुदवाओगी?
मैंने कहा- नहीं.
उसने पूछा- क्यों? मेरा लंड तुम्हें पसंद नहीं आया?
मैंने कहा- मैंने कहा था ना कि मुझे तुम्हारा लंड पसंद है.
वो बोला- फिर चुदवा लो.
मैंने कहा- मैं तुम्हारी भाभी हूँ.. मैं तुमसे नहीं चुदवाऊंगी.
वो बोला- फिर तो तुम्हें सारी जिन्दगी जावानी का मजा नहीं मिल पाएगा.
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोला- भैया का लंड केवल 3″ का ही है. मैं जानता हूँ कि उनसे चुदवाने में किसी भी औरत को बिल्कुल भी मजा नहीं आएगा.
मैंने कहा- तुम कैसे जानते हो कि उनका लंड छोटा है?
वो बोला- हम दोनों बहुत दिनों तक साथ ही साथ एकदम नंगे ही नहाते थे. हम दोनों एक दूसरे के लंड के बारे में अच्छी तरह जानते हैं. तुम मुझसे चुदवा लो. मैं तुम्हें जवानी का पूरा मजा दूँगा.
मैंने कहा- तुम्हारे भैया को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे?
वो बोला- कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि वो जानते हैं कि उनका लंड छोटा है और वो किसी औरत को पूरा मजा नहीं दे सकते हैं.
मैंने कहा- अच्छा देखा जायेगा. अब तुम जाओ नहा लो. मैं नाश्ता बनाती हूँ.
जय नहाने चला गया और मैं किचन में नाश्ता बनाने चली गई. नहाने के बाद जय ने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया.
उस दिन जब मैं रात में सोने के लिए अपने रूम में गई तो राज जाग रहे थे. मैं जैसे ही बेड पर उनके पास बैठी तो उन्होंने पूछा- कैसा लगा जय का लंड?
मैंने कहा- क्या मतलब है तुम्हारा?
वो बोले- शादी के पहले मैं ही जय को जगाया करता था. अकसर उसकी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती थी और उसका लंड दिखाई देता था. अब तो तुम ही जय को जगाती हो. मैं समझता हूँ कि तुमने अब तक जय का लंड देख लिया होगा. इसीलिए मैं पूछ रहा हूँ कि जय का लंड तुम्हें पसंद आया या नहीं.
मैंने शर्माते हुए कहा- आज जब मैं जय को जगाने गई थी तो उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी थी, तभी मैंने उसका लंड देखा था. उसका लंड तो बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा है. उसकी बीवी को जवानी का भरपूर मजा मिलेगा. मेरी किस्मत में तो जवानी का मजा लिखा ही नहीं है.
वो बोले- मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हें पूरा मजा नहीं दे सकता क्योंकि मेरा लंड तो किसी छोटे लड़के की तरह है. अगर तुम चाहो तो जय से चुदवा कर जवानी का पूरा मजा ले लो. मुझे जरा सा भी एतराज नहीं है और ना ही मैं तुम्हें मना करूँगा. इस तरह घर कि बात घर में ही रह जाएगी. किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा.
मैंने कहा- तुम नशे में तो नहीं हो?
वो बोले- मैं पूरे होश में हूँ. मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम सारी जिन्दगी जवानी का मजा ना ले पाओ. तुम जय से चुदवा कर जवानी का पूरा उठाओ.
मेरा मन तो पहले से ही जय से चुदवाने को हो रहा था. अब तो मुझे अपने पति से इजाज़त भी मिल गई. मैं बहुत खुश हो गई. मैंने कहा- ठीक है, देखा जायेगा.
वो बोले- देखा नहीं जायेगा, तुम उससे कल ही चुदवा लो. कल उसे कॉलेज मत जाने देना और सारा दिन खूब जम कर चुदवाना और मजा लेना.
मैंने कहा- ठीक है.. मैं कल जय से चुदवाने की कोशिश करूँगी.
उसके बाद हम सो गए.
अगले दिन राज के ऑफिस चले जाने के बाद मैं नहाने चली गई. नहाने के बाद मैंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना. मैंने केवल तौलिया को अपने बदन पर लपेट लिया क्योंकि आज मुझे देवर से चुदाई करवानी थी
उसके बाद मैं बाथरूम से बाहर आ गई. जय अभी सो रहा था. मेरे मन में अभी भी उसके लंड का ख्याल बार बार आ रहा था. मैं उसके लंड को बार बार देखना चाहती थी. मैं उसके रूम में पहुँची तो जय सो रहा था. आज उसकी लुंगी खुल कर बेड के नीचे जमीन पर पड़ी थी. उसका लंड एकदम खड़ा था. मैंने उसकी लुंगी उठा कर ड्रेसिंग टेबल पर रख दी. उसके बाद मैं जय के बगल में बैठ गई और उसके लंड को देखने लगी. धीरे धीरे मुझे जोश आने लगा और मेरी आँखें गुलाबी सी होने लगीं.
मेरा मन कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे मन में ख्याल आया कि जय क्या सोचेगा. कहीं वो बुरा ना मान जाये. मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही. जोश के मारे मेरी चुत गीली होने लगी. मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया. जय फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी.
लंड छूने के दो मिनट में ही जय उठ गया. उसने मुझे अपना लंड सहलाते हुए देखा तो बोला- लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है.
मैंने कहा- कुछ ऐसा ही समझ लो.
वो बोला- फिर आ जाओ.
इतना कह कर कर जय ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया. मैं जोश में आ चुकी थी, इसलिए कुछ भी नहीं बोल पाई. उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी थी.
जय ने मेरे होंठों को चूमते हुए कहा- और तेजी से सहलाओ.
मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी. मैं उसका लंड सहलाती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा. थोड़ी ही देर में उसका लंड एकदम टाईट हो गया. उसके लंड का सुपारा बहुत ही मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था.
मैंने अपनी उंगली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरानी शुरू कर दी तो जय आहें भरते हुए बोला- ओह भाभी, बहुत मजा आ रहा है.
जय जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था. उसने मेरे बदन पर से तौलिया को खींच कर फेंक दिया तो मैं एकदम नंगी हो गई. मैंने शर्म से अपनी आँखें बंद कर लीं. उसने मेरे निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया. मैं जोश से पागल सी होने लगी. मेरी चुत और ज्यादा गीली हो गई.
जय ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारे सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है.
मैंने अपनी आँखें खोल दीं.
वो बोला- भाभी मेरे लंड को अपने मुँह में ले लो.
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया तो उसके लंड का सुपारा मेरे मुँह से सट गया.
उसने कहा- लंड चूसो ना भाभी..
मैंने उसके लंड के सुपारे को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैं बहुत देर तक उसके लंड को चूसती रही. वो एक हाथ से मेरा सिर सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे मम्मों को मसलता रहा. थोड़ी देर बाद उसके लंड का जूस मेरे मुँह में निकलने लगा. मैंने अभी तक राज के लंड के जूस का स्वाद नहीं लिया था, इसलिए मुझे उसके लंड के जूस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था. मैं उसके लंड का सारा जूस निगल गई.
जय बहुत खुश हो गया और बोला- आज तो मजा आ गया. अब चुदवाओ..
मैंने कहा- नहीं.
वो बोला- क्यों.. अभी तो कह रही थीं कि चुदवाओगी… अब कह रही हो.. नहीं?
मैंने कहा- तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है.. मुझे दर्द बहुत होगा.
वो बोला- तो क्या हुआ, मजा भी तो आएगा.
इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चुत को सहलाने लगा. मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी. उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जय ने एक उंगली मेरी चुत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा.
अब मुझे खूब मजा आने लगा. मैंने भी जोश के मारे अपने चूतड़ उठाना शुरू कर दिए. थोड़ी ही देर बाद मुझे लगा कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
मैंने शर्माते हुए जय से कहा- अपनी उंगली बाहर निकाल लो.
वो बोला- क्यों, अच्छा नहीं लग रहा है?
मैंने कहा- बहुत अच्छा लग रहा है. लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.
वो बोला- ये तो बहुत अच्छी बात है. जैसे मेरे लंड से जूस निकला था, उसी तरह तुम्हारी चुत से भी जूस निकलेगा.
मैं सच में नहीं जानती थी कि औरत की चुत से भी जूस निकलता है क्योंकि आज तक मेरी चुत का जूस कभी निकला ही नहीं था.
इतना कह कर जय उठा और मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में हो गया. उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चुत को चाटना शुरू कर दिया. मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी.
मैंने जय का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी. मैं एक हाथ से जय का सिर अपनी चुत पर दबाने लगी तो वो मेरी चुत को और ज्यादा तेजी के साथ चाटने लगा. मैं और ज्यादा जोश में आ गई. मैंने जय का लंड तेजी के साथ चूसना शुरू कर दिया.
अब तक मैं एकदम बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जय मुझे चोद दे.
तभी मेरी चुत से कुछ गर्म गर्म सा निकलने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. जय ने मेरी चुत का सारा का सारा जूस चाट लिया.
जय का लंड भी फिर से खड़ा हो चुका था. मेरी चुत का सारा जूस चाट लेने के बाद जय मेरे पैरों के बीच आ गया. उसने मेरे दोनों पैरों को फैला कर अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के बीच रख दिया. उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मों को मसलते हुए अपने लंड के सुपारे को मेरी चुत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियां भरने लगी.
थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. तभी उसने एक धक्का लगा दिया. दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गई. उसके लंड का सुपारा मेरी चुत में घुस गया था. मुझे लग रहा था कि किसी ने गरम लोहे को भाला मेरी चुत में घुसेड़ दिया हो. लेकिन मैंने जय को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और जय का पूरा लंड अपनी चुत के अन्दर लेना चाहती थी.
तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया. दर्द के मारे मेरे मुँह जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आंसू आ गए. मुझे लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चुत को चीरते हुए अन्दर घुस गया हो.
मैंने दर्द से तड़फते हुए कहा- बाहर निकाल लो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है.
उसने कहा- थोड़ा बर्दाश्त करो, फिर खूब मजा आएगा.
उसका लंड मेरी चुत में 3″ तक घुस चुका था. तभी उसने एक धक्का और लगाया. मैं दर्द से तड़फ उठी. ऐसा लग रहा था कि कोई मेरी चुत को बुरी तरह से फैला रहा हो. मेरी चुत उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल चुकी थी. उसका लंड 4″ तक मेरी चुत में घुस चुका था.
मैंने कहा- जय, अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है. तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो. बाक़ी का लंड बाद में घुसा देना.
वो बोला- बाद में क्यों, क्या तुम मेरा पूरा लंड अपनी चुत में नहीं लेना चाहती हो?
मैंने कहा- लेना चाहती हूँ.
वो बोला- तो फिर पूरा अन्दर लो.
इतना कहने के बाद उसने पूरे ताकत से एक जोर का धक्का और दे मारा. दर्द के मारे मैं तड़फ उठी और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा. उसका लंड मेरी चुत में 5″ तक घुस गया था. मैं रोने लगी.
वो बोला- रो क्यों रही हो?
मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है. मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मेरी चुत फट जाएगी.
तभी कॉलबेल बजी.. हम दोनों घबड़ा गए. जय बोला- इस समय पता नहीं कौन आ गया?
मैंने कहा- अब तो रहने दो और जा कर देखो कि कौन आया है.
वो बोला- जाता हूँ, पहले मैं पूरा लंड तो घुसा दूँ.
मैंने कहा- बाद में घुसा देना.
वो बोला- नहीं, मैं अभी ही घुसाऊंगा.. तुम अपने होंठों को जोर से जकड़ लो, जिससे तुम्हारे मुँह से चीख ना निकले.
मैंने अपने होंठों को जोर से जकड़ लिया. उसने मेरी कमर को पकड़ कर बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. मैं मछली की तरह तड़फने लगी. मुझे लग रहा था कि मेरी चुत फट जाएगी. मेरे मुँह से चीख निकलने ही वाली थी कि जय ने अपने हाथ से मेरा मुँह दबा दिया. उसके बाद उसने पूरी ताकत के साथ 2 धक्के और लगा दिए. मेरे मुँह से केवल गूं गूं की आवाज ही निकल पाई और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में समा गया.
मैं दर्द के मारे तड़फ रही थी और मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था. मेरे पैर थर थर कांप रहे थे. मेरा दिल बहुत तेजी के साथ धड़कने लगा था और मेरी साँसें भी बहुत तेज चलने लगी थीं. मुझे लग रहा था कि मेरा दिल अभी मेरे मुँह के रास्ते बाहर आ जायेगा.
जरा सा रुकने के बाद जय ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया. मुझे लगा कि मेरी चुत भी उसके लंड के साथ ही बाहर आ जाएगी. पक्क की आवाज के साथ उसका लंड मेरी चुत से बाहर आ गया. उसने मुझे अपना लंड दिखाते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारे कुंवारी चुत की निशानी मेरे लंड पर लगी हुई है.
मैंने देखा कि उसके लंड पर ढेर सारा खून लगा हुआ था. तभी उसने अपने लंड के सुपारे को फिर से मेरी चुत के मुँह पर रखा और पूरे ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चुत में घुसाने की कोशिश की. लेकिन एक धक्के में वो अपना पूरा लंड मेरी चुत में नहीं घुसा पाया. उसने 2 धक्के और लगाए तब कहीं जा कर उसका लंड मेरी चुत में पूरा घुस पाया.
मैं दर्द से तड़फते हुए चीखने लगी लेकिन जय कुछ सुन ही नहीं रहा था. पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया.
तभी फिर से कॉलबेल बजी.
मैंने कहा- पहले जा कर देखो तो सही कि कौन है?
वो बोला- अभी जाता हूँ. उसने फिर से 2 धक्के लगाए और अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में घुसा दिया. पूरा लंड मेरी चुत में घुसाने के बाद उसने एक ही झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया. ऐसा उसने 3-4 बार किया. उसके बाद वो हट गया.
मैं उठना चाहती थी लेकिन दर्द के मारे मैं उठा नहीं पा रही थी. मेरी चुत में बहुत दर्द हो रहा था. मैं सोचने लगी कि अभी तो उसने केवल अपना पूरा लंड ही मेरी चुत में घुसाया है. जब वो अपना पूरा लंड घुसाते हुए मेरी चुदाई करेगा तब मेरा क्या हाल होगा. मैं तो मर ही जाऊंगी.
जय ने लुंगी पहन ली और कहा- तुम बाथरूम में चली जाओ.. मैं देखता हूँ कौन आया है?
मैंने कहा- दर्द के मारे मेरा तो बुरा हाल है. मैं उठ ही नहीं पा रही हूँ और तुम कह रहे हो कि बाथरूम में चली जाओ.
वो बोला- फिर तुम चादर ओढ़ कर लेटी रहो.. मैं जा कर देखता हूँ कि कौन आया है.
मैंने चादर ओढ़ ली. जय दरवाज़ा खोलने चला गया.
थोड़ी ही देर में जय एक औरत के साथ मेरे पास आया. वो औरत बहुत ही खूबसूरत थी.
मैंने पूछा- कौन है ये?
वो बोला- ये निशा है.
निशा ने जय से पूछा- ये तो तुम्हारी भाभी हैं ना?
जय ने कहा- हाँ.
वो बोली- ये चादर ओढ़ कर क्यों लेटी हुई हैं.. तबियत तो ठीक है इनकी?
जय बोला- मैं इनकी तबियत ही ठीक कर रहा था कि तुम आ गईं. मैंने भाभी से बाथरूम में चले जाने को कहा लेकिन ये खड़ी ही नहीं हो पा रही थीं. इसलिए इन्होंने चादर ओढ़ ली है.
इतना कह कर जय ने मेरे ऊपर से चादर हटा दी.
निशा मेरी हालत देख कर हंसने लगी.
जय ने कहा- हंस क्यों रही हो. तुम्हारी हालत तो इससे भी ज्यादा खराब हो गई थी.
वो बोली- क्या तुमने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है?
जय ने कहा- अभी चोदा कहाँ है. अभी तो मैंने केवल अपना पूरा लंड ही इनकी चुत में घुसाया था कि तुम आ गईं.
मेरी चूत चुदाई की कहानी कैसी लगी?
कहानी जारी है.
कहानी का दूसरा भाग : मैंने अपने देवर से चुदवा लिया-2
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