मैडम की चाहत
मेरा नाम रोहित है। बात उस समय की है जब मैं 18 साल का था, स्कूल में नया दाखिला लिया था, मैं बहुत खुश था।
मेरे स्कूल में एक मैडम थी जिसका नाम लीना था, उसकी अभी अभी नई शादी हुई थी, वो देखने में बहुत सुन्दर थी और उसका फिगर 34-28-36 था।
जब वो चलती थी तो सबके लौड़े उसके चूतड़ों को देख कर सलामी देने लगते थे।
उसका पति एक डॉक्टर था, जो घर से दूर जॉब करता था। मैं तो उस पर मिटा था। मैं जब उसे देखता तो मेरा मन उसे चोदने को करता था। पर मैं क्या करता। जब वो हमें केमिस्ट्री पढ़ाने आती तो मैं उसे देखता रहता, वो मेरे अन्तर्मन की भावनाओं को समझने लगी थी।
एक दिन वो हमारी लैब ले रही थी। उस दौरान जब वो पढ़ाते हुए पीछे आ रही थी तो मैं जानबूझ कर उसके साथ पीछे से चिपक गया जिसके कारण मेरा लौड़ा जो करीब 7 इंच का था उसकी गाण्ड में धंस गया, जिससे वो घबरा कर एकदम हट गई और मुझे घूर कर देखने लगी। मैं डर गया कि अब यह मुझे डांटगी। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं और वो वहाँ से चली गई।
मुझे पता लग गया कि इससे उसे भी थोड़ा मज़ा आया है क्यूंकि उसका पति काफी दिनों बाद उससे मिलने आता जिसके कारण उस में भी सेक्स की भूख जगती होगी। मैंने फैसला कर लिया कि मैं इसे चोद कर ही रहूँगा।
तो मैंने एक योजना बनाई जिससे मैं उसे आसानी से चोद सकूँ। मैंने उससे टयूशन पढ़ने का बहाना लगाया और वो मान गई।
मैं बड़ा खुश हुआ कि मैंने एक किला तो फतह कर लिया है, बाकी की बाद में देखी जायेगी।
मैं उसके घर पढ़ने पहुँचा। वो बहुत ही सुन्दर नजर आ रही थी, मन तो कर रहा था कि उसे वहीं पकड़ कर चोद डालूं लेकिन हिम्मत नहीं पड़ रही थी, इसलिए मैंने जल्दबाजी ना करने की सोची।
मुझे देख कर वो बहुत खुश हुई और मुझे बैठने के लिए बोला। मैं उसे सब्जेक्ट की प्रोब्लम बताने लगा।
जब वो पढ़ा रही थी तो मैं बस उसे ही देख रहा था जिसका उसे पता लग गया था।
वो मुझे पूछने लगी- क्या रोहित, ऐसे क्यूँ देख रहे हो?
तो मैंने कहा- मैडम, मैं देख रहा था कि आप बहुत सुन्दर हो ! मन करता है कि आपको देखता ही रहूँ।
ना जाने मुझमें इतनी हिम्मत कहाँ से आ गई थी।
मैं डर गया कि कहीं मैडम बुरा ना मान जाए लेकिन हुआ इसका उल्टा ! वो मुस्कुराने लगी और चाय बनाने के लिए कह कर वहाँ से चली गई।
मैंने ज़िन्दगी में इससे पहले कभी सेक्स नहीं किया था। लेकिन ना जाने उस दिन इतनी इच्छा कहाँ से जाग गई थी।
जब वो जा रही थी तो मैं उसके चूतड़ों को हिलते हुए देख रहा था और मेरा लौड़ा एकदम तयार हो गया था उसकी चूत चोदने के लिए लेकिन मैंने जैसे तैसे खुद पर काबू किया।
मैडम चाय बना कर लाई और हम चाय पीने लगे।
चाय पीते पीते मैं उसके शरीर को देख रहा और सोच रहा कि काश ऐसी चूत मुझे चोदने को मिल जाती तो मौजाँ ही मौजाँ हो जाती।
शाम के सात बज गए थे और हमें पढ़ते पढ़ते दो घंटे हो गए थे, मैं मन ही मन सोच रहा था कि पता नहीं इसे चोदने का मौका मिलेगा या नहीं लेकिन शायद भगवान् भी यही चाहता था।
मैं जैसे ही अपने घर के लिए जा रहा था, तभी उस समय बारिश शुरु हो गई। बारिश बहुत जोर से लगी थी जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया था।
मेरा घर मैडम के घर से काफी दूर था इसलिए मुझे बस पकड़ कर जाना था लेकिन बारिश की वजह से मैं लेट हो रहा था।
मैडम ने कहा- अगर बारिश नहीं रूकती तो तुम आज यहीं रुक जाओ, कल चले जाना।
मैंने उनका प्रस्ताव एकदम मान लिया और वहीं उनके घर रूक गया। मैं बहुत खुश था कि आज मौका है आज मैडम को चोदने का।
मुझे सर दर्द होने लगा था तो मैंने मैडम सर दर्द की दवाई मांगी, मैडम ने मुझे दवाई दी और मैं दवाई खाकर लेट गया।
मैडम थोड़ी देर में खाना लेकर आई और खाना खाकर हम दोनों टीवी देखने लगे। मैडम घर मे अकेली थी और हम मैडम के कमरे में ही बैठे थे।
9 बजे टीवी देखते देखते मुझे नींद आ रही थी, मैं सोच रहा था कि सरदर्द भी आज ही होना था जब इतना अच्छा मौका हाथ से चला जा रहा था।
रात के करीब 11 बजे थे जब मेरी नींद खुली। मैंने देखा कि मैडम बिस्तर पर मेरे ही बगल में सोई हैं। मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ने लगी और मैंने सोचा कि अब नहीं तो कभी नहीं।
और मैंने धीरे-धीरे अपना काम करना चालू कर दिया, मुझे डर बहुत लग रहा था लेकिन मैंने फिर भी ठान ली कि मैं आज यह मौका नहीं गवाऊँगा।
मैं धीरे से मैडम की रजाई में घुस गया। मैंने अपना लौड़ा निकाला जो एकदम लोहे की तरह सख्त हो गया था। मेरा लौड़ा ढाई इंच मोटा है।
मैंने लौड़ा निकल कर मैडम के चूतड़ों की दरार में घुसेड़ दिया और देखने लगा कि मैडम की इस पर प्रतिक्रिया क्या होती है। लेकिन शायद मैडम गहरी नींद में थी या फिर नाटक कर रही थी।
पर क्या गाण्ड थी, एकदम मुलायम ! मैं तो सातवें आसमान पर पहुँच गया था। फिर मैंने मैडम की चूचियाँ पकड़ ली और उन्हें मसलने लगा और थोड़ी देर बाद चूचियाँ एकदम सख्त हो गई।
मैडम थोड़ा पीछे होकर मेरे लौड़े को और अंदर अपनी गाण्ड में धंसवाने लगी। मैं समझ गया कि मैडम जागी हुई हैं।
और कुछ ही देर में मैडम ने मेरा लौड़ा पकड़ लिया। इशारा मिलते ही, क्यूंकि मैं एकदम गर्म था, मैंने फटाफट काम निपटाने की सोची और मैडम की सलवार खोल कर उनकी चूत में अपना लौड़ा डालने के लिए उन पर सवार होने लगा लेकिन मैं इस खेल में अनाड़ी था, मेरा लौड़ा चूत का रास्ता ढूंढ नहीं पाया।
फिर मैडम ने अपने हाथ में मेरा लौड़ा लेकर अपनी चूत के मुँह पर रखा और मैंने बिना कुछ सोचे लौड़ा चूत में धकेल दिया और लौड़ा चूत को चीरता हुआ जड़ तक जा पहुँचा। मैडम के मुँह से चीख निकल गई, चूत काफी तंग थी, लगता था मैडम के पति ने उसे बहुत कम चोदा था।
फिर मैं जोर जोर के झटके देने शुरू हो गया, मैडम ने मेरे कान में कहा- धीरे करो ! दर्द हो रहा है।
लेकिन मैं नहीं रूका और पाँच मिनट में अपना वीर्य उनकी चूत में छोड़ कर उन पर गिर गया। वो अभी झड़ी नहीं थी।
फिर उन्होंने कहा- तुम अभी इस खेल में अनाड़ी हो, मैं तुम्हें सिखाती हूँ कि किसी औरत को कैसे संतुष्ट किया जाता है।
फिर उन्होंने मुझे उनकी चूचियाँ चूसने को कहा और उनकी चूत चाटने को कहा।
मैंने वो सब कुछ किया जो उन्होंने मुझे कहा लेकिन मैंने शर्त रखी कि मैं यह सब रोशनी में ही करूंगा, जो उन्होंने मान ली।
मैंने जैसे ही बत्ती जलाई, तो मैं उस अप्सरा का जिस्म देख कर पागल सा हो गया।
एकदम गोरा जिस्म और चूत पर एक भी बाल नहीं। मैं उनकी चूचियों पर टूट पड़ा और 15 मिनट उनकी चूचियाँ चूसने के बाद उनकी चूत चाटने लगा। वो भी मेरे लौड़े को चूस कर खड़ा करने में लग गई और आधे घंटे में हम दोनों फिर अगले दौर के लिए तैयार हो गए थे।
फिर मैडम ने कहा कि अब उनसे सहन नहीं होता और मैं उन्हें चोदना शुरू करूँ।
और उन्होंने मुझे अच्छा और लम्बे समय तक सेक्स करने का तरीका भी बताया।
उन्होंने कहा कि मेरा लौड़ा बहुत लम्बा और मोटा है मेरी उम्र के हिसाब से ! जिसे सुन मैं बहुत खुश हुआ।
हमारा अगला दौर 15 मिनट तक चला और मैडम उस बीच दो बार झड़ चुकी थी। मैडम की चूत इतनी कसी थी कि मेरे लौड़े को अन्दर कस कर जकड़ ले रही थी जिससे मेरा लौड़ा और भी फूल गया था और मैं जोरदार झटके दे रहा था जिससे मैडम तकलीफ हो रही थी लेकिन बाद में मैडम गाण्ड उछाल कर जोर से चोदने के लिए कह रही थी।मैडम के कहने पर उस रात हमने कई बार सेक्स किया।
मैडम से सुबह उठ कर ढंग से चला भी नहीं जा रहा था। मैंने मैडम को घर में नंगा ही घूमने को कहा और मैडम ने वैसा ही किया। सुबह जब मैडम नहा धोकर चाय बनाने लगी तो मैं उनकी मटकती गाण्ड देख कर खुद संभल नहीं पाया और किचन में उन्हें घोड़ी बनाकर पीछे से चोद डाला।
मैडम ने बताया कि उनके पति के जाने के बाद वो सेक्स के लिए बहुत प्यासी थी और उस दिन लैब मैं मेरी हरकत ने उन्हें और भी उतावला कर दिया था।
इसके बाद रोज ही हम ट्यूशन के बहाने चुदाई करने लगे। सारे स्कूल के दोस्तों को मुझ पर और मैडम पर शक हो गया क्यूंकि मैडम ने मेरे अलावा किसी और को ट्यूशन पढ़ाने से मना कर दिया।
हम दोनों में सम्बन्ध को अभी तीन ही महीने हुए थे कि मैडम ने मुझे बताया कि वो मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है जिसे सुन कर मैं बहुत खुश हुआ, परेशान भी हुआ कि कहीं किसी को शक ना हो जाए। लेकिन मेरी परेशानी देख मैडम ने मुझसे कहा कि वो किसी तरह अपनी पति से चुदवा लेंगी और किसी शक भी नहीं होगा।
ठीक 9 महीने बाद मैडम ने एक सुन्दर लड़के को पैदा किया और वो बिल्कुल मेरी तरह था।हम दोनों बहुत खुश हुए।
अगले एक साल तक हम चुदाई करते रहे। फिर मैडम का तबादला हो गया और वो मुझे छोड़ कर चली गई।
लेकिन उनके जाने के 20 दिन बाद मुझे मैडम का फ़ोन का फ़ोन आया कि वो फिर से माँ बनने वाली हैं। और उन्हें दूसरी बार लड़की हुई।
मैडम से सीखे तजुर्बे से मैंने बहुत सी भाभियों और कॉलेज की लड़कियों को चोदा। लेकिन किसी ने मुझे मैडम जैसा मजा नहीं दिया।
वो मैं अगली कहानी में बताऊँगा।
आपका प्यारा रोहित
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