लाला ने माँ को chhodा
लाला के ghar में आते ही सब की धडकने बढ़ जाती हैं. उसका नाम लाला रौशनलाल हैं जो ब्याज पे पैसे देने का काम करता हैं. पिताजी ने bahut kar्जा ले रखा हैं इसलिए लाला ghar आता हैं सूद की वसूली के लिए. leकिन चाय की दूकान पे चाय बनाते हुए पिताजी मुश्किल से hum लोगों का पेट भर सकते हैं फिर सूद कहाँ से देंगे. माँ चुदे इन कोकाकोला aur बर्गर सर्गर वालों की, पिताजी की दुकान इन सब की वजह से टूट गई हैं. कोleज के सामने चाय बेच के पिताजी ने मुझ से बड़ी दो बहनों का ब्याह किया हैं. मेरी उम्र भी शादी की तो हो ही चुकी हैं ab तक. माँ पिता जी की उल्फत जानती हैं इसलिए वो बेचारी भी kuch नहीं कह पाती. leकिन पिछले हफ्ते माँ ने जो किया वो शायद ही कोई kar पाता. aek ही झटके में लाला ने पिताजी का ब्याज माफ़ किया aur मुद्दल चुकाने के लिए ढेर सारा समय भी दिया. नहीं माँ ने kissी तांत्रिक बाबा की चढ़ी नहीं फेरी थी लाला के ऊपर. बस usे अपनी Choot में उसका बेलन डालने दिया था. जी हाँ माँ चुदी थी लाला से. मुझे कैसे पता चला aur mainने क्या देखा ab वो मैं आप लोगों को बताती हूँ.
us din भी लाला रौशनलाल अपने भाड़े के दो गुंडों के ले के ghar आया. मैं कमरे में बैठी हुई पढाई kar रही थी. लाला कभी भी दरवाजे के उपर नोक नहीं करता. वो सीधा कमरे में घुसा aur andar इधर उधर देखने लगा. मैं usे देख के हैरान हो गई. लाला ने पुरे कमरे को aek नजर देखा aur बोला, “कहाँ हैं तेरा बाप रे लड़की…?”
mainने धीरे से कहा, “वो दूकान पे हैं.”
लाला पाँव घिसता hua बहार निकला के कीचन से माँ की आवाज आई, “लाला जी वो बहार गये हैं.” लाला यह सुनते ही किचन में घुसा. मैं उठ के बहार आई aur किचन के बहार खड़ी थी. लाला aur माँ दोनों में से kissी को पता नहीं था की मैं वहाँ हूँ aur तभी mainने उनकी baatे सुनी.
लाला फिर kar्ज के लिए आया था
लाला: अरे आप अपने पति को kuch कहती क्यूँ नहीं हैं, सूद तिन महिना चढ़ गया हैं ab तो. देखों मुझे मज़बूरी में ghar के सामान की jab्ती करनी पड़ेंगी.
माँ: अरे लाला जी नहीं, आप कृपया धीरज धरें थोड़ी. agar ऐसे किया आप ने तो मेरी छोटी बिटिया के रिश्ते में खलल पड़ेंगी. वो अपने चाचा के बेटे से kar्जा मांगने ही बिलासपुर गए हुए हैं.
लाला: अरे आप भी तो नहीं मानती हैं मेरी baat. आप aek घंटा मुझे अपने नजदीक आने दें, मैं kar्जे का सूद बिलकुल माफ़ kar दूंगा. aur कभी मुद्दल leने ghar नहीं आऊंगा.
माँ: लाला थोड़ी रहम खाओ hum पे आप.
लाला: अरे रहम खा रहा हूँ तभी तो यह कह रहा हूँ. तुम forty की हो फिर भी यह ऑफर दे रहा हूँ. मेरी बीवी को गर्भाशय का केंसर हैं aur मेरी हालत नाजुक हैं. देखों agar तुम मान जाओ तो तुम्हारे पति का kar्ज बचेंगा aur मैं तुम्हे kuch पैसे भी दे दूंगा हर महीने. महीने में केवल दो बार मुझे अपने समीप आने दो बस. मैं kissी को कहूँगा भी नहीं.
माँ: लाला इसके अलावा kuch नहीं kar सकती मैं. agar आप कहों तो ghar के काम में आ सकती हूँ.
लाला: अरे मेरे ghar पे तो बीसों नौkar नौkarानी हैं. बस यह kar दो.
मेरे कान में जैसे पिगला hua शीशा जा रहा था. लाला मेरी माँ की Choot leने की baatें kar रहा था. मैं धीरे से अपने कमरे के दरवाजे के आड़ में आ गई. वहां उनकी आवाज आती थी leकिन थोड़ी स्लो.
माँ ने धीरे से लाला से कहा, “leकिन kissी को पता चला तो मेरी bahut बदनामी होंगी.”
लाला: अरे कहाँ से पता चलेंगा. iss मुहल्लें में aek ghar ऐसा नहीं हैं जहाँ पे लाला kar्जा वसूलने ना जाता हो. सावित्री तुम को कभी क्या कभी भनक लगी की मैं तुम्हारें ghar के सामने की मालिनी को हर हफ्ते चोदता था. वो तो वो लोग शहर छोड़ के गए aur मुझे तुम जैसी aek भरी हुई औरत की तलाश हैं. वरना मालिनी के hoते तो मुझे kissी की जरुरत नहीं थी.
माँ kuch बोली नहीं. लाला समझ गया की माँ chudai के लिए रेडी हैं. उसने पूछा, “तुम कहो kiss टाइम पे आऊं मैं?”
माँ: दोपहर में ही आना आप. इसके बाबूजी दुकान पे होंगे aur यह कोleज में.
क्या माँ चुदेंगी?
माँ ने धीरे से यह कहा aur मेरे कान खड़े हुए, क्या माँ चुदवाएंगी लाला से…! मैं सन्न थी leकिन माँ की मज़बूरी मुझे समझ में आ रही थी. मैं फट से कमरे में घुस के वापस किताब ले के बैठ गई. मेरा बदन भी jawan हो रहा था aur मेरे चुंचे भी ab बहार आने लगे थे. पिछ्ले महीने aek दो लड़के देख के भी गए leकिन बाबूजी की मुफलिसी के चलते रिश्ते की baat आगे नहीं बढ़ सकी. दहेज़ में देने के लिए बाबूजी के paas कहा kuch हैं….!
दुसरे din सुबह मेरी आँख five बजे से ही खुल गई.माँ aaj लाला को अपना तन सौंपेंगी यह सोच के मुझे वैसे भी raat में कम ही नींद आई थी. कोleज जा के भी दिल को चैन नहीं आया. लंच के ब्रेक के पहले ही मैं ghar की aur आ गई. फिर mainने सोचा की ghar आई तो लाला समझेंगा की माँ ने जानबुझ के मुझे रोका होंगा. मैं नहीं सुनना चाहती थी वो गन्दी गलियां जो लाला बाबूजी को देता हैं. humारे ghar की सीडियां बहार की aur हैं. मैं चुपके से टेरेस पे जा बैठी aur वही aek टूटी हुई कुर्सी के ऊपर बैठ गई. मेरी नजर सामने रोड पे थी जहाँ सेंकडो लोग जा रहे थे. मैं उन्हें देख सकती थी leकिन कोई मुझे नहीं देख सकता था. तभी लाला की काली zip आई.
mainने देखा की लाला ने zip को गली के नुक्कड़ से ही भेज दी aur वो पैदल ही ghar की तरफ बढ़ने लगा. उसने ghar आके पहली बार दरवाजा नोक किया. mainने ऊपर दरवाजे के खुलने की आवाज सुनी aur मैं जान गई की माँ ने usे andar लिया हैं. सच कहूँ तो मुझे घिन आ रही थी की माँ पिताजी की गेrahaजरी में लाला का लौड़ा अपनी Choot में लेंगी. mainने सोचा की चलो देखूं तो की माँ kiss हद तक गिर सकती हैं. छत पे aek हवादानी थी जो सिर्फ बरसात के मौसम में ढंकी जाती थी. वैसे वो खुली रहती थी aur उसके उअर कभी पेपर तो कभी पतरा रखा hua hoता था. kiss्मत से aaj वहाँ पेपर थे जिसे mainने हलके से हटा के अपने आँखों जितनी जगह बनाई. सूरज भी इतना तप नहीं रहा था की उपर की हलचल कमरे की रौशनी को एकदम से बदल दे. यानी की मौके की नजाकत यही थी की मैं माँ की chudai को देखूं.
निचे झांकते ही मेरे होंश उड़ गए. माँ aur लाला तो लग गए थे Choot aur lund के गेम में. लाला की फांद बिच में आ तो रही थी leकिन फिर भी मैं देख सकती थी की माँ निचे बैठ के उसका lund अपने muhं में ले रही हैं. लाला माँ के बालों को सहला रहा था aur माँ उसके lund को अपने muhं में chalaने के लिए muhं को आगे पीछे kar रही थी. लाला बिलकुल आराम से खड़ा था kuch देर तक ऐसे ही. फिर उसने भी अपनी gaand को हिलाई lund को माँ के muhं के andar बहार करने के लिए. मेरी माँ के muhं में वो लंबा lund आ जा रहा था aur मैं ऊपर से usे देख रही थी. लाला ने ab माँ को कंधे से पकड के खड़ा किया. माँ के ब्लाउज को उसने अपने haath से खोला aur andar की ब्रा हटा दी. माँ ने अपने पेटीकोट के नाड़े को ढीला किया aur पेटीकोट निचे जमीन पे जा गिरा. लाला ने अपने haath से us काली पेंटी को खिंचा aur माँ ab उसके सामने बिलकुल नंगी खड़ी थी.
माँ निचे चटाई के ऊपर leटी aur बोली, “लाला जल्दी करना क्यूंकि मेरी बेटी kissी भी वक्त कोleज से आ सकती हैं.”
माँ को क्या पता की उसकी Choot chudai को मैं अपनी आँखों से देख रही थी. लाला ने अपने lund को थूंक वाला किया, क्यूंकि हवा की वजह से शायद माँ का थूंक सुख गया होंगा. फिर उसने सीधे ही अपने lund को Choot पे रख के aek झटके में andar घुseड दिया. माँ चीख पड़ी, ”उईइ माँ मर गई रे…उई उई उईईई कितना चौड़ा हैं लाला आप का लौड़ा…..!”
लाला ने माँ की चुंचियो को अपने muhं में चूसते हुए कहा, “अरे सावित्री जितना मोटा hoता हैं मजा भी उतना ही मोटा hoता हैं. अभी kuch देर में तुम्हे देखो क्या मजा आता हैं. वैसे तुम्हारे पति का क्या साइज़ हैं.”
माँ ने लाला के माथे को चुंचे पे दबाते हुए कहा, “iss से छोटा aur पतला हैं उनका तो. aur kar्ज के चक्kar में पिछले 1 saal से तो उन्होंने Choot की शकल भी नहीं देखि हैं.”
लाला अपनी gaand हिलाते हुए माँ को chhod रहा था. उसने अपनी gaand हिलाते हिलाते ही कहा, “अरे घबराओ नहीं ab तुम्हे lund भी मिलेंगा aur kar्जा भी hum देख लेंगे. तुम पति को कहना नहीं की hum ने kar्जा माफ़ किया हैं. hum सिर्फ kar्जा मांगने के बहाने आते रहेंगे aur तुम्हारी Choot में अपना lund डाल के चले जायेंगे.”
माँ भी अपने कूल्हों को उठा के लाला से चुद्वाते चुद्वाते बोली, “मेरे जैसे कितनो को तुम चोदते हो….!”
kar्जे के बदले में ली Choot
लाला जोर से हंसा aur उसने अपने haathो से माँ की चुन्चिया दबा दी. mainने देखा की लाला ab aur भी जोर जोर से अपने झटके मार रहा था. माँ भी आह आह ओह ओह kar के ab अपने बदन को लाला के झटको की लय में मिलाना चाहती थी. माँ को भी मजा आ रहा होंगा अपनी Choot मरवाने में क्यूंकि वो ab लाला से भी ज्यादा कामुकता से झटके ले रही थी.
तभी लाला ने अपना lund Choot से निकाला aur बोला, “सावित्री उलटी हो जाओ…!”
माँ: नहीं मैं पीछे नहीं लुंगी, नहीं मुझे bahut दुखता हैं, aur मेरा गु भी निकल सकता हैं.
लाला: अरे gaand में lund नहीं देना हैं मुझे. मैं तो कुतिया स्टाइल में chodanा चाहता हूँ बस. मुझे औरत की Choot से टपकते अपनी वीर्य की बुँदे देखना अच्छा लगता हैं.
माँ ने अपनी टांगो के ऊपर वजन रखा aur वो उलट गई. लाला ने Choot पे lund seट किया aur वो फिर से झटको में मजे leने देने लगा. माँ अपने कूल्हों को आगे पीछे kar के lund को Choot में ले रही थी. लाला ने माँ के चुंचे पीछे से दबोच लिए aur वो बोला, “aur जोर से अपनी gaand हिलाओ सावित्री मेरा वीर्य निकलने की कगार पे हैं.”
माँ ने लाला के कहने पे जोर जोर से अपनी बूढी gaand को हिलाई. लाला जैसे की Choot को फाड़ देनी हो वैसे तेज झटके मारने लगा. aek मिनिट की यह हार्ड chudai हुई. तभी लाला ने अपने दोनों haathो से माँ की gaand को खोला. aur जैसे ही उसने अपना lund निकाला mainने देखा की उसके उपर वीर्य लगा hua था. लाला ने lund पूरा निकाल के कहा, “सावित्री मुतने के वक्त जो दबाव Choot पे देती हो वैसा दबाव दो.”
माँ ने जैसे ही दबाव किया उसकी Choot से लाला की वीर्य निकलने लगी. लाला शैतान की tarah us वीर्य को निचे निकलते हुए देखता रहा. फिर उसने gaand को छोड़ के अपनी धोती उठा ली. माँ ने भी फट से कपडे उठा के पहन लिए. लाला ने अपनी जेब से 500 की four नोट निकाल के माँ को दी aur बोला, “सावित्री मजा आ गया सच में. अगले हफ्ते फिर आऊंगा मैं. kar्ज की चिंता मत leना, मैं नहीं चाहता की तुम kar्ज के चक्kar में बूढी हो जाओ. ab तुम मेरी रखैल बन के रहो aur jawan बनने का प्रयास karो.”
माँ ने वो पैसे उठा के अपनी ब्लाउज में छिपा दिए. लाला ghar से निकल चला. 20 मिनिट aur मैं छत पे ही बैठी रही. फिर चुपके से मैं ghar में आई. माँ ने मुझे पूछा क्यूँ जल्दी आई हैं. leकिन usे क्या पता की मैं तो bahut ही जल्दी आई थी. माँ ने अपने बटवे से 50 का नोट निकाल के मुझे दिया aur कहा, “जा aaj गोल गप्पे ले आ hum दोनों मिल के खायेंगे.”
मैं समझ गई की माँ ने अपनी Choot chudai की कमाई से ही यह गोल गप्पे खाने का प्रबंध किया हैं. पता नहीं उसकी मज़बूरी थी या मजे….!
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