गन्दा पानी और चालू लड़की दोनों आग बुझाने के काम आ सकते हैं
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को पेनकिलर की नमस्ते।
यह मेरी पहली कहानी है जिसने मेरी जीवनशैली को बदल कर रख दिया क्योंकि किसी महापुरूष ने कहा है कि पानी चाहे कितना भी गंदा क्यूं ना हो, पर आग बुझाने के काम तो आ ही सकता है1
इसी बात से प्रभावित होकर मैं इस कहानी को लिख रहा हूँ जिससे मेरा जीवन बदल गया। आशा करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।
आपको ज्यादा बोर न करते हुए अपनी आपबीती पर आता हूँ।
मेरी उम्र 25 साल है 5’7″ हाईट और 7″2″ छोटे महाराज का साईज है जो किसी को भी संतुष्ट करने के लिए काफी है।
4 साल पहले मुझे एक लड़की से प्यार हुआ था जिसका नाम मोनू था। एकदम गोरी चिट्टी 5’4″ हाईट 34/28/32 नाप था उसका।
मैं उससे बहुत प्यार करता था मगर वो मुझे झूठ बोलती थी। इसके बारे में मुझे उसकी सहेली ने ही बताया कि वो मुझे कैसे यूज करती है।
उसके बहुत लड़कों से अफेयर थे पर मुझे छूने भी नहीं देती थी और लड़कों के साथ कई कई दिन घूमने जाती पर मुझे कोई ना कोई बहाना मार कर अटका देती थी।
इसी बीच उसकी सहेली को मुझसे प्यार हो गया था पर उसने मुझे बाद में बताया।
उसने मुझे उसकी असलियत दिखाने में मदद की।
हम तीनों ने घूमने जाने का प्लान बनाया, सब उसकी सहेली ने ही बंदोबस्त किया था।
अब वो दिन आ ही गया था जिसका मैं इन्तजार कर रहा था पर प्यार के लिए नहीं सिर्फ चोदने के लिए।
हम तीनों ने जयपुर पहुंच कर दो कमरे बुक किए, एक मेरा एक उन दोनों का… फिर हम साथ घूमने निकले, पर मैं अनमना सा ही घूम रहा था।
हम 8 बजे वापिस आ गए अपने रूम में चले गए। फ्रैश होने के बाद मैं उनके कमरे में गया तो उसकी सहेली को देख कर मेरे होश उड़ गए, उसने बहुत ही पतली ड्रैस पहनी थी। मेरे लंड महाराज ने सलामी देनी शुरू कर दी, वो भी समझ चुकी थी।
मैंने उसको मेरे प्लान के मुताबिक मेरे रूम में भेज दिया और अपनी जेब से अफीम निकाल कर खा ली ताकि मजा ज्यादा आए।
जैसे ही मोनू बाथरूम से नहा कर निकली, मेरी तो सीटी बज गई, वो सिर्फ तौलिया लपेटे हुए थी, उसके मासूम चेहरे को देख कर यकीन कर पाना मुश्किल था कि वो इतनी कमीनी होगी।
पास आकर बोली- हैलो… कहाँ खो गए?
मैंने जल्दबाजी में उसका तौलिया पकड़ कर खींच दिया, उसकी चुची किसी बडी़ औरत की तरह लटक गई। फिर मैंने उसको पकड़ कर बैड पर गिरा दिया और उसके ऊपर टूट पड़ा। होठों को चूसते हुए धीरे धीरे चुची को चुसने लगा।
अफीम भी अपना असर दिखा रही थी, लंड रॉड की तरह कड़क हो गया था। मैंने अपने कपड़े उतार कर उसको लंड चूसने को बोला तो वह पहली बार में ही फटाफट मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, वो पूरी गर्म हो चुकी थी।
मैंने उसको लेटाया और पूरा लंड एक बार में पूरा उसकी चूत में उतार दिया, वो भी मजे लेकर चुदवा रही थी।
करते करते उसका 3 बार काम हो चुका था, वो अब थकने लगी तो मैं आसन बदल कर उसको कुतिया बना कर पीछे से चोदने लगा, जबरदस्त शॉट पे शॉट लगाता रहा और उसकी गांड को देखता रहा। उसकी गांड मुझे कुंवारी लग रही थी।
उसकी चुत बिल्कुल पनिया गई थी और मेरा लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था। हमें काफ़ी ज्यादा समय हो गया था। मैं उसके चूतडो़ं पर चपत लगा रहा था और उसकी सिसकारियाँ सुन कर बडा़ मजा आ रहा था। कभी चूतडो़ं पर चपत… कभी चूचे भींचना… मुझे अपनी पहली चोदा चोदी पर नाज हो रहा था।
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तभी मैंने उसकी गांड में लंड घुसेड़ दिया। आधा लंड ही घुसा था कि उसने जोर से चीख मारी उम्म्ह… अहह… हय… याह… मगर उसकी आवाज सिरहाने में ही दब गई।
इसी बीच दूसरा करारा शॉट मारते ही पूरा 7″ उसकी गांड में उतर चुका था, वो दर्द के कारण रो रही थी और उसकी आवाज भी नहीं निकल रही थी पर मैं दनादन शॉट मारता रहा।
थोडी़ देर में वो भी नॉर्मल होकर आगे पीछे होने लगी और मजे लेकर अपनी गांड मरवाने लगी।
लेकिन वह थक चुकी थी और मैं भी… पूरा शरीर पसीने से लथपथ हो गया था।
मेरा अब होने वाला था तो मैंने उसको सीधा किया और उसके मुंह में लंड दे दिया। थोडी़ देर में मैं इतना झड़ा कि जैसे शरीर से आत्मा निकल जाएगी। हम दोनों थक कर चूर हो चुके थे, उठने की हिम्मत भी ना थी।
थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने कपड़े पहने और अपने कमरे में आ गया जहाँ उसकी सहेली थी।
कमरे में जाते ही मैं उसकी सहेली के ऊपर धड़ाम से गिरा, जिसके कारण वो डर कर उठ गई और मेरी हालत देख कर समझ गई कि क्या हुआ होगा…
अगले दिन प्लान के मुताबिक मैंने होटल चेंज कर दिया मोनू के उठने से पहले ही… उसकी सहेली ने उसको बताया कि मैं जा चुका हूँ तो उसने अपने दूसरे यार को बुला लिया।
इसी बात पर उसकी सहेली उससे झगडा़ करके रूम छोड़ कर मेरे पास आ गई।
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