नई शादी शुदा सगी बहन की जवानी का मजा
प्रिये पाठको मेरा नाम अनुज है और मैं 24 वर्षीय एक पंजाबी हट्टा कट्टा अविवाहित युवक हूँ, ये कहानी मेरी सगी बहन प्रीती जिसकी उम्र २२ साल है और उसकी अभी ३ महीने पहले शादी हुई है के बीच की है |
मेरे पिताजी का चंडीगढ़ में ऑटो पार्ट्स का होलसेल का व्यापार है हम एक अच्छे पैसे वाले में आते है चंडीगढ़ में मेरी माता जी भी अपने शोक और टाइम पास के लिए एक बौटीक चलाती है |
मेरी पढ़ाई के चलते मैं दहल आना चाहता था तो मेरे पिता जी ने डेल्ही में ही २ बैडरूम फ्लैट खरीद लिया और मैं डेल्ही आगया और मैंने आई आई टी में दाख़िला ले लिया और कुछ समय बाद मेरी बहन प्रीती भी मेरे पास अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए आ गयी थी |
प्रीती ने कॉलेज ज्वाइन कर लिया ,मेरी बहन प्रीती और मेरे बीच अच्छी बातचीत थी हम एक दूसरे से सारी बातें शेयर करते थे | प्रीती एक मॉडर्न लड़की थी वो कॉलेज में अक्सर जीन्स और टॉप पहनती थी और घर में टीशर्ट और लॉन्ग स्कर्ट पहनती थी मैंने पहले कभी प्रीती को गलत नज़र से नहीं देखा था .एक दिन मैंने अपने लैपटॉप पर मस्ताराम.नेट की कुछ अश्लील कहानिया पढ़ी और उसमे आपसी रिश्तो में सेक्स कहानिया थी और ज्यादातर भाई बहन के बीच सेक्स सम्बन्ध की कहानिया ज्यादा थी | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | ये कहानिया पढ़कर मेरा दिमाग ख़राब होने लगा और कब मेरा हाथ अपने लंड पर पहुँच गया और में अपनी बहन प्रीती को ध्यान कर के मुठ मारने लगा ,मुझे बड़ा मजा आया और ये डेली का रूटीन बन गया ,एक दिन मैं एक स्पाई कैमरा जो कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का था बाजार से लाया और अपने मैले कपड़ो में इस तरह फिट कर दिया की नज़र न आय और कपड़ो को बाथरूम की खूंटी पर टाँगदिया .सुबह जब प्रीती कॉलेज जाने के लिए उठी और बाथरूम में नहाने घुसी तो मैंने अपना लैपटॉप विफई द्धारा बाथरूम में छिपे कैमरा से जोड़ लिया और देखने लगा ,प्रीती ने फ्रेश होने के बाद सबसे पहले अपनी टीशर्ट उतारी और उसके बाद उसने अपनी स्कर्ट भी उतारदी अब वो केवल ब्रा पैंटी में थी उसकी ब्रा पैंटी काले रंग कि थी जो कि उसके गरे गोरे बदन पर गजब ढारही थी |
फिर प्रीती ने शावर चालू कर दिया और नहाने लगी ,मेरे स्पाई कैमरे से साफ नज़र आ रहा था ये देख कर मैं तो पागल हुआ जा रहा था फिर उसने अपने ब्रा पैंटी भी उतार दी और पूरी नंगी हो गयी उसके गोल मटोल गोरे गौर बूब्स पर गुलाबी चुचिया कयामत ढा रही थी फिर मेरी नज़र उसकी चूत पर गयी उसकी चूत पर हलके हलके बालथे जैसे अभी कुछ दिन पहले ही उसने साफ किये हो उसकी हलके हलके काले बालो के बीच पावजैसी फूली चूत देख कर मेरा सब्र टूट गया और एक मन में आया कि बाथरूम का दरवाजे को तोड़ कर अंदर घुस कर अपनी बहन प्रीती को शावर के निचे लिटा कर चोद दू | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने किसी तरह अपने आप पर काबू किया और अपना लंड निकल कर फटाफट मुठ मारली |
और इस तरह मैं रोज इस तरह अपनी बहन प्रीती को देख कर अपनी वासना कि भूख शांत कर लेता पर कभी हिम्मत नहीं हुई कि कभी उसके साथ सेक्स सम्बन्ध बना सकू और इस तरह ही समय गुजरता गया और पापा ने प्रीती कि शादी करने का फैसला किया और डेल्ही में हमारे घर से थोड़ी दुरी पर ही एक रजत नाम का लड़का पसंद कर लिया रजत एक साफ्टवरव इंगीनर था कंपनी के द्धारा दिए गए फ्लैट पर रहता था और रजत कि फॅमिली बॉम्बे रहती थी |
प्रीती को भी रजत पसंद आया और सही महूरत देख कर प्रीती और रजत की शादी हो गयी और प्रीती के ससुराल वाले कुछ दिन रुक कर बॉम्बे वापस चले गए और रजत और प्रीती हनीमून के लिए इंडिया से बहार चले गए और हनीमून से वापस आने के बाद दोनों रजत के डेल्ही वाले फ्लैट पर सेटल हो गए .और में रोज अपनी बहन प्रीती को याद करके अपनी सेक्स वासना को पूरा करने लगा |
एक दिन प्रीती का मेरे पास फ़ोन आया की उसके हस्बैंड रजत को कंपनी की तरफ से १५ दिन के लिए अमेरिका जाना है और कंपनी प्रीती को उसके साथ जाने के लिए परमिशन नहीं दे रही है तो मैंने कहा की प्रीती कुछ दिन मेरे पास आकर रहा ले और प्रीती ने हाँ कर दी .अब मेरे मन में विचार आया की अबकी बार मैंअपनी बहन प्रीती को किसी भी हालात में चोद कर रहूँगा |
दो दिन बाद प्रीती रजत के अमेरिका जाने के बाद अपना सूटकेस लेकर मेरे पास रहने आ गयी .अब प्रीती पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगने लगी थी उसके चेहरे पर काफी चमक आगयी थी और मैंने सुना था की जब कोई भी लड़की किसी लड़के का लैंड जब अपनी चुद में लेलेलेती है तो उसका रूप ही अलग हो जाता है और ऐसा ही प्रीती की साथ था, आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अब प्रीती शादी के बाद नए लाल चूड़े में और ज्यादा सेक्सी नज़र आने लगी थी |
मैंने प्रीती के आने से पहले ही फिर स्पाई कैमरा बाथरूम में और उसके अलावा उसके बेडरूम में भी फिट कर दिया .मेरी बहन प्रीती मेरे पास आयी उस दिन रविवार था जिसके कारण में घर पर ही था ,हमने दिन भर आपस ने खूब बर्चित की और शाम को डिनर बाहर ही किया .रात को जब प्रीती सोने के लिए अपने कपड़े चेंज किये और एक पतली सी झीनी नाइटी पहन कर अपने रूम में सोने चली गयी और में अपने रूम में अपना लैपटॉप लेकर प्रीती के बैडरूम की स्पाई कैमरा के द्वारा देखने लगा मैंने देखा प्रीती ने कुछ देर टीवी देखा फिर सोने की कोशिश करने लगी परंतु शायद उसको नींद नहीं आ रही थी फिर मेरी बहन प्रीती ने अपने नाइटी अपनी गौरी गौरी जांगोसे ऊपर सरकाकर कमर तक ला आकर अपनी एक उंगिलि अपनी चिकनी बालरहित चूत में अंदर बहार करने लगी और एक हाथ से अपने बूब्स को दबाने लगी और बड़बड़ाने लगी हाय रजत हाय रजत चोदो मुझे ,प्रीती अपनी प्यास अपनी ऊँगली से बुझाने लगी ये देख कर मैं भी अपने बेड पर लेता हुआ पूरा नंगा हो कर प्रीती को याद करकर अपने लंड हाथ में लेकर मुठ मारने लगा और बड़बड़ाने लगा हाय मेरी बहन प्रीती चूस मेरा लोड चूस और इस तरह मुठ मारने लगा और जैसे ही मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ी मेरी नजर कमरे के दरवाजे पर गयी मैंने देखा मेरी बहन प्रीती दरवाजे पर परदे के पीछे खड़ी सब देख चुकी थी और चुपचाप वापस अपने कमरे में चली गयी ..
अगले दिन सुबह जब प्रीती और मेरी नज़र मिली प्रीती ने कुछ रिएक्ट नहीं किया परन्तु उसके चेहरे पर हलकी सी स्माइल थी.मैं समझ चूका था प्रीती ने रात को मुझे मुठ मरते वो भी खुद प्रीती को याद करकर देख चुकी है |
अनुज ने अपनी बहन प्रीती को चोदने का प्लान बनाया .अनुज ने प्रीती को कहा की उसने हाल ही में एक कांटेस्ट जीत था जिसमे उसे एक हफ्ते का किसी भी हिल स्टेशन पर 4 स्टार होटल में दो लोगो का पैकेज है और मैंने कहा की वो पैकेज वो प्रीती और रजत को देदेगा पर अब तो रजत जीजा जी अमेरिका चले गए है और पैकेज का लास्ट डेट नजदीक है तो प्रीती बोली कोई बात नहीं भैया हम दोनों चलते है और प्रीती राजी हो गेयी .और मैंने मनाली का एक बढ़िया होटल फ़ोन से बुक करा लिया और वॉल्वो से दो टिकेट भी बुक करा ली .
अगले दिन शाम की बस के द्वारा हम भाई बहन मनाई के लिए लिकल गए ,क्योंकि प्रीती की अभी हाल में शादी हुई थी और उसने लाल नै दुल्हन वाला छुड़ा भी पहना था तो लोग हमें न्यूली मैरिड कपल समझ रहे थे .बस जो की शाम को चल कर अगले दिन सुबह मनाली पहुचनी थी | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
और सर्दियों के दिन थे हमने अपने बेग में एक कम्बल भी ले लिया था जब बस चली तो मैंने देखा आधी बस ख़ाली थी खास कर मेरे आसपास की सीटे पर कोई नहीं था और ये मेरे लिए और भी बढ़िया था बस चलने से पहले मैंने एक बोतल वोदका की रख ली थी रात को जब बस खाने के लिए रुकी तो मैंने दो बोतल लिम्का में वोडका मिला लिया ये सब प्रीती ने देखा तो मैंने पूछ या थोड़ी बहुत लेगी तो उसने हाँ कर दी खाने के बस बस जब चली तो मैंने एल वोडका मिली बोटल प्रीती को देदी और एक खुद पिने लगा लगभग एक घंटे तक हम धीरे धीरे पिटे रहे और हमें नाशा आने लगा और ठण्ड भी बढ़ने लगी तो हमने अपना कम्बल निकाल कर प्रीती और मैंने ऑड लिया ,बस के अन्दर सारी लाइट बंद थी |
कुछ ज्यादा नाशा चढ़ गया
इसलिए बस में अँधेरा था और प्रीती को कुछ ज्यादा नाशा चढ़ चूका था और नशे के कारन प्रीती मेरी कंधे पर सर रख कर लेटी और कहीं बस के ब्रेक लगने से अब प्रीती मेरी गोद में गिर गयी उसका सर मेरी जांघो पर था इसका मैंने फायदा उठाना चाहता था मैंने धीरे धीरे एक हाथ कम्बल के अंदर से ही उसकी टीशर्ट पर ऊपर से उसके बूब्स पर रखा ,एक बार तो मेरे को एक झटका सा लगा क्याकि आज से पहले मैंने कभी किसी लड़की को छुआ नहीं था और ये तो मेरी अपनी सगी सेक्सी बहन जिसको चोदने का मेरा खवाब था ,मैंने हलके हलके उसके बूब्स दबाने लगा पर प्रीती की तरफ से कोई प्रतिकिर्या न देख मेरी हिम्मत बर गयी और मैंने अपना हाथ उसके टीशर्ट में अंदर डाला तो मेरा हाथ में प्रीती के नंगा बूब्स आगया तो मैंसमझ गया प्रीती ने अंदर ब्रा नागी पहनी है मैंने उसकी चूची को अपनी उंगली से मसलने लगा और एक हाथ मैंने उसके जीन्स में डाल दिया और मुझे अंदर प्रीती की जीन्स में डालते ही आभास हुक की प्रीती ने पैंटी भी नहीं पहने थी अब मैं समझ चूका था की मेरी बहन प्रीती भी मुझसे अपनी चूत की आग शांत करना चाहती है मैंने भी अब अपना हाथ पूरा उसकी जीन्स में घुसा दिया और पाया की उसकी चूत बिलकुल चकनी थी यानि प्रीती ने अपनी चूत के बाल साफ़ कर के आयी है और जैसे ही मैंने अपनी एक ऊँगली प्रीती की चूत में घुसाई उसके मुह से आह निकल गयी मैंने भी एक हाथ से उसके बूब्स को दबाना जारी रखा और दूसरे हाथ की उंगली से उसकी चूत के अंदर बहार करने लगा
कुछ ही पल में प्रीती की चूत से पानी रिसने लगा
..और कुछ ही पल में प्रीती की चूत से पानी रिसने लगा अब में समझ गया प्रीती जानभूझ कर सोने का नाटक कर रही है | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | तभी प्रीती ने अपना एक हाथ मेरे पेंट के ऊपर से मेरे लोडे पर रख दिया और धीरे धीरे मेरे लंड को दबाने लगी और इतने में हमारी नज़ारे मिली तो प्रीती मुस्करा रही थी फिर क्या था मैंने अपना लंड पेंट के अंदर से निकल लिया और प्रीती ने मेरे लंड को अपने मुह में लेकर चूसने लगी और मैं तेजी से अपनी ऊँगली उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा ,मुझे तो यकीननहीं हो रहा था मेरी अपनी सगी बहन मुझे ऐसा मजा देगी जैसे जन्नत की सैर करा रही हो और कुछ देर में प्रीती स्वखलित हो गयी और कुछ देर बाद मैंने भी अपना लंड को प्रीती के मुह में झाड़ दिया और इसके बाद कब हमारी आंख लगी पता नहीं चला और सुबह जब हम दोनों की आंख मिली तो हम एक दूसरे को देख कर मुस्करा रहे थे और हम जानते थे की अब अगले ३-४ दिन क्या होने वाला है
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