सौतेली बहन की चूत का चोदकर उदघाटन किया
आज आपको अपनी निजी स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ। मेरी माँ अक्सर बीमार रहती थी। उनको कैंसर हो गया था। कुछ ही दिनों में वो चल बसी। पर मेरे पापा को उनके मरने का जादा दुःख नही हुआ। मेरे पापा वकील थे और हाई में प्रैकटिस करते थे। उनकी वकालत धुआंधार चलती थी और महीने के लाखों रूपए वो आराम से कमा लेते थे। माँ के मरने के बाद पापा शाम को सिगरेट शराब में डूबे रहते और कई बार बाहर जाकर गैर औरतों को चोद लेते थे। पापा को सेक्स करना बहुत पसंद था। मेरी माँ को मरे 4 महीने भी नही हुए की पापा ने शादी कर ली। मेरी नई माँ का नाम नीलिमा था। वो एक विधवा थी और साथ की उनके 18 साल की एक जवान लड़की भी थी। उसका नाम रज्जो था। वो मेरी सौतेली बहन लगती थी। जब पापा ने उस नई औरत से शादी की तो मैंने खूब बवाल काटा। खूब हंगामा किया पर पापा को चूत की बहुत तेज तलब थी। इसलिए उन्होंने मेरी कोई बात नही सुनी और शादी कर ली। ३ – ४ महीने मैं अपनी नई माँ से बिलकुल नही बोला और अपनी सौतेली बहन रज्जो से मैंने कोई बात नही की। पर धीरे धीरे बातचीत शुरू हो गयी। एक दिन मैंने रात को अपने बाप को नई वाली माँ को चोदते देखा। मेरा तो दिमाग खराब हो गया। नई माँ बहुत खूबसूरत थी। उसका बदन बहुत गोरा, भरा हुआ और सुडौल था। फिगर कमाल का था। वो बहुत सेक्सी और हॉट माल लगती थी। 36, 30, 34 का फिगर था उसका। छरहरा और बिलकुल फिट। पापा उसको जल्दी जल्दी चोद रहे थे।
ये सब देखकर मेरा दिमाग हिल गया था। मैंने कमरे में जाकर मुठ मार ली। धीरे धीरे मेरी दोस्ती अपनी सौतेली बहन रज्जो से हो गयी। एक दिन जब पापा और नई मम्मी घर पर नही थे, कहीं बाहर घूमने गये थे रज्जो रसोई में खाना बना रही थी। अचानक से उसके चिल्लाने की आवाज आई। मैंने दौडकर उसे देखने गया। दूध उफन पर उसके हाथ की एक ऊँगली पर गिर गया था। मैंने जल्दी से उसे बाइक पर बिठाया और डॉक्टर के पास ले गया। रास्ते में जब जब मैं ब्रेक लगाता था रज्जो की 34” की दूध वाली चूचियां मेरे पीठ से दब जाती थी। मुझे बड़ा आनंद मिल रहा था। जब घर पंहुचा तो रज्जो चल नही पा रही थी। उसके पैर के अंगूठे पर भी दूध गिर गया था। मैंने उसे गोद में उठा लिया और अंदर कमरे में ले गया। अचानक रज्जो ने मुझे पकड़ लिया और ओठों पर किस करने लगी। मैं भी शुरू हो गया। मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके खूबसूरत होठ चूसने लगा। मेरी सौतेली बहन रज्जो अपनी माँ की तरह हॉट और सेक्सी माल थी। मैं उसके बगल लेट गया। हम दोनों शुरू हो गये। मैं उसे किस करने लगा। डॉक्टर ने उसके हाथ और पैर की ऊँगली में मलहम लगाकर पट्टी बाँध दी थी। मैंने रज्जो को बाहों में भर लिया और उसके ताजे गुलाब जैसे होठ चूसने लगा। वो मस्त माल थी। चोदने खाने के लिए बिलकुल परफेक्ट। धीरे धीरे हम प्यार करने लगे।
“भाई मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। जिस दिन से तुमको देखा है रोज ही तुम्हारा नाम लेकर चूत में ऊँगली कर लेती हूँ” रज्जो बोली
उसकी बात सुनकर मुझे बड़ा रोमांच हो रहा था। उसके बाद हम गरमा गर्म चुम्बन करने लगे। मैंने काफी देर उसके होठ पिये। रज्जो ने गुलाबी रंग का सूट और काली रंग की सलवार पहन रखी थी। वो हॉट और सेक्सी मॉल लग रही थी। उसके चूचे 34” के थे बड़े और रसेदार। मेरे हाथ अपने आप रज्जो के बूब्स पर चले गये। मैंने उसका दुपट्टा हटा दिया और बूब्स का हाथ पता करने लगा। ये कहानी
“बहन तेरे मम्मे का कितना साइज है??” मैंने पूछा
“34 इंच है भैया” रज्जो प्यार से धीरे से फुसफुसाकर बोली
“बहन अपनी रसीली चूत चोदने को देगी??? मैंने पूछा
“दूंगी भैया। आप मेरी बुर को कसके चोद लो। बिलकुल फाड़ देना। मैं आपसे सच्चा प्यार करती हूँ भैया” रज्जो किसी चुदासी लौंडिया की तरह बोली
मैं खुस हो गया था। मैंने जल्दी जल्दी उनके मम्मे दबाना शुरू कर दिए। दोस्तों अपनी मरी माँ की कसम खाकर कहता हूँ की इतनी नर्म छातियाँ मैंने आजतक नही दबाई थी। मैंने 5 – 6 लौंडिया चोदी थी अभी तक पर इतनी नर्म मलाई जैसी चूची आज तक दबाने को नही मिली थी। मैंने अपने सारे अरमान पूरे कर लिए। रज्जो की चूची को अच्छे से दबा लिया।
“चल बहन नंगी हो जा। तेरी रसीली चूत में लौड़ा डालूँगा और तुझे रंडियों की तरह चोदूंगा” मैंने कहा
उसके बाद रज्जो अपने कपड़े निकालने लगी। मैंने अपनी टी शर्ट और जींस उतार दी। जब वो नंगी होकर बिस्तर पर आई की किसी हूर परी से कम नही लग रही थी। मै उसके बगल लेट गया था। मेरा लौड़ा तो 6” का था और पूरी तरह से खड़ा हो गया था। रज्जो के बगल मैं लेट गया। उसकी रसीली चूची को सहलाने लगा। रज्जो का पूरा जिस्म ही बहुत सेक्सी था। क्या चिकने चिकने हाथ पैर थे उसके। देख के ही मुझे नशा चढ़ रहा था। सच में कोई भी लड़की चाहे उपर से कितनी काली पिली लगे पर अंदर से बिलकुल मस्त माल होती है। अब मुझे उसकी चूत के दर्शन भी होने लगे थे। वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थी और बहुत मस्त लग रही थी। मैंने उसकी नंगी पीठ, कमर, और पुट्ठों पर हाथ फेर रहा था और उसके दूध चूस रहा था। आज रज्जो ने अपने हुस्न का खजाना मेरे लिए खोल दिया था। मेरे सामने आज उसके रूप और यौवन की दौलत पड़ी हुई थी। आज मुझे अपनी सौतेली बहन को चोद चोदकर उसके यौवन की दौलत को लूट लेना था। मैंने उसके नंगे खूबसूरत जिस्म का पूरा मुआयना किया, फिर सिर उठाकर उसके होठो की तरफ भी चला जाता था और किस करने लग जाता था। एक बार फिर से मैं अपनी सौतेली बहन रज्जो के बूब्स पीने लगा और मजा लेने लगा। उसकी छातियाँ बड़ी गोल गोल भरी भरी और बहुत चिकनी थी। मैं मजे से उसे मुंह में लेकर चूस रहा था। रज्जो के बूब्स इतने बड़े थे की मुश्किल से मेरे मुंह में समा पा रहे थे।
वो “आई…..आई….आई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” आवाज बार बार निकाल रही थी। मैं किसी खरगोश की तरह उसकी लाल लाल निपल्स को कुतर रहा था। रज्जो कराह रही थी। मैं मुंह चला चलाकर उसके बूब्स को पी रहा था। कितने नर्म, कितने मुलायम और कितने मस्त। मैं बड़ी देर तक अपनी बहन के अमृत समान मम्मो को पीता रहा फिर मैंने अपना मुंह ही रज्जो के चुच्चो के बीच में रख दिया और खेलने लगा। मेरे हाथ जोर जोर से उसके मम्मो को दबा रहे थे। वो सिसक रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। इतने मुलायम चुच्चे मैंने आजतक नही देखे थे। मैं आधे घंटे तक अपनी बहन रज्जो के बूब्स चूसता रहा किसी आम की तरह। ये कहानी आप इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है। फिर मैं उसकी चूत पर आ गया। मेरी बहन रज्जो से आज ही सायद अपनी झांटे बनाई थी। बिलकुल चिकनी और साफ चूत थी। चूत बहुत खूबसूरत थी दोस्तों। मैंने उसकी चूत को खोल दिया। मैंने अपने ओंठ रज्जो की चूत पर रख दिए और लपर लपर करके पीने लगा। क्या मस्त लाल लाल चूत थी। मैं उसके चूत के दाने को अपने अंगूठे से घिसने लगा। इससे रज्जो को बड़ी जोर की चुदास चढ़ने लगी। उसके पुरे बदन में मीठी मीठी तरंगे दौड़ने लगी। मैं जोर जोर से रज्जो के चूत के दाने को घिसने लगा।
“आह आह भाई…..मेरी चूत को आज अच्छे से पी लो लो लो लो” रज्जो बोली। उसकी बात सुनकर मैं और जादा आनंदित हो गया था। मैंने उसकी जांघो को और कायदे से खोल दिया और उसका भोसड़ा दिल लगाकर पीने लगा। फटी हुई चूत की फांको को देखकर एक ख़ुशी हो रही थी की चलो उसकी शादी से पहले मैंने उसको अच्छे से चोद लिया। इस बात की ख़ुशी थी। मैं अब उसकी चूत के होठो को पी रहा था और किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था। रज्जो को बड़ा अच्छा लग रहा था, वो सिसकरी ले रही थी। मेरी खुदरी जीभ उसकी मुलायम और संवेदनशील बुर को तड़पा रही थी। मेरे ऐसी काम क्रीडाये करने से मेरी बहन को अजीब सा जुनून और नशा चढ़ रहा था। मैं इस वक़्त उसके साथ मुख मैथुन का आनंद उठा रहा था। मैं उसकी रसीली योनी को आज खा जाने वाला था। मेरी नुकीली जीभ उसकी चूत में अंदर तक घुस रही थी। ऐसा करने से मेरी बहन रज्जो कापने लगी और उसने मेरे हाथो को अपने हाथ में ले लिया और कसकर पकड़ लिया।
“भाई…. आराम से मेरी बुर पियो वरना मैं मर जाऊँगी!!” रज्जो सेक्स और वासना के नशे में अपनी आँखे बंद करके ही बोली
मैंने रज्जो के भोसड़े में लंड डाल दिया और उसे चोदने लगा। लगा की मैंने किसी बिजली वाले सोकेट में अपना प्लग जोड़ दिया हो। मैं उसकी बुर में तेज तेज लंड देने लगा। उसके दूध जल्दी जल्दी उपर नीचे भागने लगे। ये देखकर मुझे बहुत जादा जोश चढ़ गया था। मैं रज्जो के भोसड़े में तेज धक्के मारने लगा। “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह—अई…अई…अई…..” की आवाजे पूरे कमरे में गूंज रही थी। रानिया के चमकते बदन का मैं भोग लगा रहा था। उसकी जवानी का सारा रस मैं लूट रहा था। मेरा 6 इंच लम्बा और 3 इंच लौड़ा उसकी बुर को कायदे से बजा रहा था। कुछ देर बाद तो मुझे बहुत जादा जोश चढ़ गया था और मैं बहुत तेज तेज धक्के अपनी बहन की चूत में देने लगा। उसकी बुर से पट पट की आवाज आने लगी जैसे कोई ताली बजा रहा हो। मेरा लंड उसकी रसीली चूत में अंदर तक वार कर रहा था। रज्जो “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करके चीख रही थी। हमारी ठुकाई से बेड बुरी तरह से हिल रहा था जैसे कोई भूकंप आ गया हो। फिर मैं उसकी चूत में ढेर सारा वीर्य छोड़ दिया।
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