एक शर्मीली हसीन लड़की की अन्तर्वासना
मित्रो.. एक बार मैं अपना मेल अकाउंट चेक कर रहा था.. तो मुझे वहाँ एक लड़की का मेल मिला। उसने मुझसे मेरी एक कहानी के लिए बहुत तारीफ की जिससे मैं बहुत खुश हुआ और मैंने उसका धन्यवाद किया।
बातों-बातों में उसने बताया कि वो भी बंगलोर में रहती है और यहाँ किसी अच्छी कंपनी में जॉब करती है।
इधर मैं उस लड़की का नाम आपको बताना ही भूल गया.. उसका नाम रूचि था। रूचि एक खुले ख्यालों वाली लड़की थी।
दोस्तो, मैं ज़्यादा किसी से बात नहीं करता था.. जब तक कोई ज़रूरी काम ना हो।
मैंने उससे पूछा- इतनी बात करने का कोई विशेष कारण?
तो उसने बताया कि वो भी सेक्स करना चाहती है।
मैंने उससे पूछा- कोई बॉयफ्रेंड नहीं है आपका?
तो उसने बताया कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। साथ ही उसने मुझसे कहा कि वो एक अच्छी फैमिली से है। वो अपनी फैमिली की इज़्ज़त को अपनी खुशी से ऊपर रखती है।
तो मैंने उससे पूछा- आप मुझसे क्या चाहती हो?
उसने बोला- क्या आप मुझको सेक्स का सुख दे सकते हो?
मैंने बोला- आप मेरे लिए अनजान हो.. मैं कैसे आप पर भरोसा कर सकता हूँ?
उसने कहा- प्लीज़.. आप समझ नहीं रहे हैं.. मैं सच में आपसे सेक्स करना चाहती हूँ।
मैंने बात को टालने के लिए बोला- मैं सेक्स के लिए फीस भी लूँगा।
उसने मुझसे फीस पूछी.. तो मैंने उसको 5000 रुपए बताई। उसने मुझसे मेरा अकाउंट नंबर माँगा। मैंने उसको अपना नंबर दे दिया। थोड़ी देर में ही मेरे अकाउंट में 5000 रुपए ट्रान्स्फर हो गए। मुझको उस पर भरोसा हो गया।
इसी तरह बात करते हम लोगों को दो हफ्ते गुजर गए। हम लोगों ने काफ़ी बार सेक्स चैट ओर फ़ोन सेक्स भी किया। उसने मुझसे बोला- प्रखर.. अब बर्दाश्त नहीं होता.. प्लीज़ मेरे पास आ जाओ।
इसके बाद हम लोगों ने मिलने का प्लान बनाया।
दोस्तों.. एक बात मैं आप सबकी जानकारी के लिए बताना चाहूँगा कि जब उसने मुझको अपना फोटो भेजा किया था तो मेरा लंड उसकी फोटो को ही सलामी देने लगा था। मतलब वो एकदम पटाखा माल थी। जब तक उसकी फोटो नहीं देखी थी तब मैं सोच रहा था कि पता नहीं कि वास्तव में वो कैसी दिखती होगी।
अब मैं उससे मिलने के लिए बहुत आतुर था, मुझे उसको नंगी देखना था।
मुझको याद है कि वो शनिवार का दिन था। मैं उसका यहाँ के एक अच्छे मॉल में इंतजार कर रहा था। वो जैसे ही आई.. मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। वो मेरी सोच से कई गुना ज़्यादा सुंदर थी। मैं भगवान को अपनी किस्मत पर धन्यवाद दे रहा था। वो आई उसने मुझको ‘हैलो’ बोला.. मैंने भी हाथ बढ़ाकर ‘हैलो’ कहा।
वो उसका पहला स्पर्श.. मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा स्पर्श था। हम लोगों ने एक कॉफी ऑर्डर की। पूरे समय मैं बस उसको ही देखता रहा। हम दोनों ने काफ़ी बातें की.. और बात करते-करते मैंने उससे सेक्स के लिए टाइम पूछा।
तो उसने कहा- कल करते हैं।
कल यानि कि रविवार को मैं उसके बताए हुए पते पर पहुँचा।
उसने मुझको अपना फ्लैट दिखाया.. उसका बेडरूम भी उसकी ही तरह काफ़ी सुंदर था।
हम लोगों ने नाश्ता किया।
दोस्तो.. जब आपके सामने कोई हूर हो.. तो आप में संयम नहीं रहता। कुछ यही हाल मेरा भी था। मैंने उसको पकड़ा और धीरे से किस किया।
हाय.. बिल्कुल मक्खन की तरह उसके होंठ थे.. एकदम मुलायम! इतनी कोमल सी लड़की का मैं सिर्फ़ सपना ही देख सकता था।
हम दोनों एक-दूसरे में खोते ही जा रहे थे। कम से कम आधा घंटा चूमाचाटी हुई होगी, मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया और वो भी किसी बेल की तरह मुझसे लिपट गई।
मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और धीरे से बिस्तर में लिटाया।
वो शर्म से अपने चेहरे को छुपाए हुए थी। मैंने धीरे से उसके हाथों को चेहरे से हटाया और धीरे से उसकी आँखों को चूम लिया। उसकी आँखें बंद थीं.. ऐसी लग रही थीं कि जैसे कोई काला डोरा हो।
उसकी सुंदरता को मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। आप सिर्फ़ ऐसी सुंदरता की बस कल्पना ही कर सकते हैं।
मैंने धीरे से उसकी कुरती को उतारा। उसने गुलाबी ब्रा पहनी थी और उसके मुलायम दूध.. उस ब्रा के अन्दर छुपे हुए थे।
कुछ ही पलों में धीरे-धीरे.. हम दोनों के कपड़े अलग हो चुके थे।
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सेक्स से ज़्यादा मज़ा तब आता है.. जब आप अपने पार्ट्नर के शरीर को महसूस करें.. उसके हर अंग हो चूमें चाटें..
मैंने भी ऐसा ही किया.. उसके दोनों मम्मों को धीरे-धीरे मसलना शुरू किया और वो आनन्द के सागर में तैरने लगी।
उसके निप्पल का रंग हल्का भूरा और लाल का मिश्रण सा था, ऐसे निप्पल को देख कर किसके मुँह में पानी ना आ जाए।
जैसे ही मैंने अपनी गर्म जीभ को उसके निप्पल से लगाया.. उसकी साँसें तेज होने लगीं।
लगभग 15 मिनट की चुसाई के बाद मैंने धीरे से उसकी नाभि को चूमा। नाभि में जीभ लगाते ही वो झड़ने लगी और उसने कस कर मुझको पकड़ लिया।
दो मिनट के बाद जब वो सामान्य हुई तो मैं उसकी प्यारी सी चूत की तरफ बढ़ा और धीरे से अपनी जीभ को नुकीला किया और जीभ को उसके दाने से छुआया.. तो वो दोबारा झड़ने लगी।
यह लड़की बहुत ज़्यादा हॉट और सेक्स की भूखी थी। जब वो चुदाई से पहले इतना पानी निकाल रही थी.. तो सोचिए चुदाई के समय क्या हाल होगा।
अब मैं उसकी चूत को अन्दर तक चाट रहा था.. उसके पानी का स्वाद अच्छा था।
दोस्तो, उसका तो मुझे नहीं पता.. पर मुझको तो बहुत मज़ा आया।
मेरा लण्ड भी पूरी तरह तन गया था, अब बारी थी.. उसकी चूत को चोदने की..
मैंने उसके चूत के मुँह पर अपना लण्ड टिकाया और धीरे से उसके ऊपर लेट गया, मेरा लिंग उसकी योनी में प्रवेश कर गया, चूत की गर्माहट को अब मैं महसूस कर सकता था। मुझको अहसास हुआ कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा है।
अब मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा.. आँसू उसकी आँखों के किनारे से बह रहे थे। मैंने उन मोतियों को अपने होंठो से पी लिया। जब उसका दर्द कम हुआ तो वो थोड़ा सा उचकी.. मैं समझ गया कि अब वो तैयार है। फिर चुदाई का एक लंबा दौर चला.. जिस बीच मैं भी तीन बार स्खलित हुआ और वो भी..
हम लोगों ने अब अपने-अपने कपड़े पहने। रूचि के चेहरे पर खुशी के भाव थे। जब मैं वहाँ से चलने को हुआ तो मैंने उसके पैसे उसको वापिस कराणे चाहे तो उसने लेने से मना कर दिया।
मेरे कसम देने से उसने वो पैसे रख लिए और मुझसे लिपट कर रोने लगी और मुझको बोलने लगी- प्रखर आप मुझको कभी छोड़ कर मत जाना।
उससे दूर जाने का मन मेरा भी नहीं था। हम दोनों ने फिर मिलने का वादा करके एक-दूसरे से विदा ली।
दोस्तो, मैंने आज तक कई बार चुदाई की है.. पर ऐसा मज़ा और ऐसी लड़की मुझको पहली बार मिली है। घर पर पहुँचने के बाद मैं भी उससे दूर होने की वजह से उदास रहने लगा। शायद मुझको उस लड़की से प्यार हो गया था। पर हम दोनों ने कभी दोबारा मिलने की कोशिश नहीं की।
दोस्तो, आपको मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आपने मेरी जिंदगी की इस कहानी के लिए अपना समय दिया। आप अपनी राय मुझको ईमेल से भेज सकते हैं।
मेरी ईमेल आईडी [email protected] है।
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