मेरा पहला प्यार और सेक्स
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा सादर प्रणाम!
मैं दिव्यम शर्मा जयपुर से हूँ, मेरी उम्र 21 साल, कद 5 फुट 10 इंच दिखने में एकदम फिट हूँ। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ। यह मेरी पहली कहानी है।
बात उन दिनों की है.. जब मैं 12वीं क्लास में था, जवानी का नशा और सेक्स का खुमार पूरे शवाब पर था। उन्हीं दिनों मेरी बड़ी दीदी की शादी हुई, तब मैंने उसे पहली बार देखा था।
वो मेरी दीदी की ननद थी, उसका प्यारा सा चेहरा, काजल लगी हुई कातिल आँखें, जवानी की नई झलक को दर्शाते उसके उठते हुए उभार.. संतरे के आकार के एकदम सांचे में ढले हुए होंठ सुर्ख लाल, भरी जांघें, पूरा 5 फुट 6 इंच का कद देखते ही मन बेचैन हो गया।
बस इसी के साथ ही मैं उसके आसपास ही रहने की कोशिश करने लगा।
शायद.. उसे भी अच्छा लगा तो चोरी-चोरी हम दोनों की आँखें मिलने लगीं, बारात लौट गई और मेरा दिल वो साथ ले गई।
फिर कुछ दिन बाद फोन पर दीदी से बात हो रही थी, तो मैंने दीदी से उसके बारे में पूछ लिया।
दीदी ने डायरेक्ट उसे फोन ही दे दिया.. उसका ‘हेल्लो..’ सुनते ही दिल जोरों से धड़कने लगा और मेरा मन फिर से बेचैन हो उठा। फिर मैंने अपने आपको सम्हाला और बातें की।
इसके बाद उससे मेरी बातें अक्सर होने लगीं। एक दिन उसने बताया कि वो मुझे पसंद करती है.. तो मैंने भी अपने दिल की बात बता दी।
चुपके-चुपके प्यार की बातें होने लगीं।
बस हम दोनों एक-दूसरे के आगोश में आने का इन्तजार करते कि कब वो मौका मिले.. जब हम एक हो जाएं।
रोमान्स, सेक्स चैट, फ़ोन सेक्स होने लगा।
कुछ दिन बाद दीदी के ससुराल जाना हुआ, तो घर से हसीन मुलाकात के सपने लेकर चला। जाते ही आदर सत्कार हुआ और मेरी नजरें मेरी जान को ढूँढने लगीं..
थोड़ी देर बाद उसके दीदार हुए, वो चाय बनाकर लाई, नजरें नीची करके मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।
वो लाल टॉप और ब्लैक जीन्स में अप्सरा सी लग रही थी। उसके टॉप से उभार बाहर आ रहे थे जैसे मेरे हाथों में आने को बेताब हो।
किसी तरह रात हो गई, रात को एक बजे फ़ोन आया और आदेश हुआ- छत पर आओ।
मैं डरता हुआ छत पर पहुँचा कि किसी को पता न चल जाए, मैं गेस्ट रूम में से छत पर गया, वो वहाँ इंतजार कर रही थी।
उसने जैसे ही मुझे देखा.. दौड़ कर एक बेल की तरह मुझसे लिपट गई। उसके बदन की गर्मी पाकर मन बेहाल हो गया। हम दोनों वहीं छत पर लेट गए।
उसने पूछा- कितना चाहते हो मुझे?
मैंने कहा- कैसे बताऊँ कि कितना चाहता हूँ!
उसने कहा- मुझे नहीं पता.. बस बताओ!
मैंने अपने होंठ उसके होंठों से मिला दिए.. हम दोनों बस एक-दूसरे को चूसे जा रहे थे और बेल की तरह लिपटे हुए थे।
मुझे और उसे किस करना आता नहीं था.. वो हम दोनों का पहला किस था, पर वो मैं आज तक भूल नहीं पाया।
हम दोनों में काम-वासना जागने लगी। मेरे हाथ उसके बदन को सहलाने लगे, वो और भी ज्यादा चिपक गई, अब मेरे हाथ उसके टॉप में घुस गए और ब्रा के हुक तक पहुँच गए।
उसके बदन का गर्म एहसास मुझे भड़काए जा रहा था, उसकी ब्रा के हुक को मैंने खोल दिया।
अगले ही पल वो मेरे ऊपर आ गई, मैं उसका टॉप निकालने लगा.. तो खुद उसने अपने हाथ ऊपर कर दिए। टॉप के निकलते ही उसके चूचे आँखों के सामने झूल गए। उसकी सफ़ेद ब्रा को निकाल कर दोनों मम्मों को दोनों को हाथों से पकड़ा और दबाने लगा.. वो ‘आहें..’ भरने लगी ‘अहह.. स्स्सईई..’
फिर उसने मेरी बनियान को उतार दिया और मुझसे चिपक गई, मेरे हाथ उसके नितम्बों पर आ गए और मैंने बड़ी मुश्किल से हाथ उसकी चुस्त जीन्स में घुसा दिए, वो खुद को मेरे ऊपर दबाने लगी।
मैंने जोश में आकर उसे अपने नीचे ले लिया और चूमने लगा.. उसके होंठों को, उसके गले पर, फिर उसके मम्मों को चूसने लगा। फिर एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी जीन्स के बटन को खोलने लगा। उसने अपनी गांड ऊपर कर दी और मैंने उसकी पेंटी के साथ ही जीन्स उतार दी।
मैं उसके बदन को बस निहारने लगा, गोरा बदन, भरी जांघें उनके बीच दो गुलाबी होंठों के साथ चूत हल्के भूरे बालों के साथ खुद के रस से नहाकर चमक रही थी।
मेरे से रहा नहीं गया और उसे दोनों मम्मों को पकड़ कर हाथों में और मुँह चूत पर रख दिया.. वो मचलने लगी।
कुछ देर बाद वो मुझे ऊपर खींचने लगी.. मैं ऊपर आ गया। मैंने लंड को उसकी चूत पर लगा कर धक्का लगाया.. तो मेरा लंड फिसल गया।
फिर से लंड को निशाने पर लगा कर जोर लगाया तो हल्का सा अन्दर घुस गया।
हम दोनों के मुँह से दर्द भरी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकली.. और हम दोनों चिपक गए।
मैंने उसे वापस से किस करना शुरू किया। थोड़ी देर बाद मैंने फिर से धक्का लगाया और इसके बाद मैं दर्द की परवाह ना करते हुए लगा रहा।
फिर कुछ देर के दर्द के बाद वो भी ऊपर-नीचे होकर साथ देने लगी। बीच-बीच में मैं उसे लिपलॉक करता रहा और उसके मम्मों को चूसता रहा।
कुछ मिनट बाद वो जोर से लिपट गई और मुझे काटने लगी.. नाख़ून चुभोने लगी.. टांगों से कसके मुझे जकड़ लिया और इसी चरम के पल के साथ वो झड़ गई। मैं भी जोश में आकर तेज शॉट मारते हुए झड़ गया।
इसके बाद अलग होकर एक-दूसरे को कपड़े पहनाए और एक लम्बा सा किस करके.. अपने अपने कमरों में जाकर सो गए।
तो दोस्तो, यह था मेरा पहला प्यार और सेक्स!
कहानी में कोई कमी हो तो जरूर बताएं। आपके अमूल्य सुझावों का स्वागत है।
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