एक रात माँ के साथ

एक रात माँ के साथ

मेरा नाम अमन वर्मा है. मेरी उमर 19 है.  हमारे घर में हम सिर्फ़ 2 लोग रहते हैं. एक मैं और मेरी माँ. ऐसे तो पिताजी भि रहते थे लेकिन बिजनस कि वजह से वो दुबई रहते हैं. साल में सिर्फ़ 2 बार आते थे.

मेरी माँ का नाम सोनाली हैं. उसकी उमर 42 साल हैं. फ़िर भि आज वो किसि 19 साल कि लडकी कि तरह जवान और खूबसूरत दिखतीं हैं. और उनके बूब्स काफ़ी सुडोल और काफ़ी बडे से हैं. माँ जब कभी भि ट्रान्सपैरन्ट साडी पहनती हैं. और मैं माँ के साथ बाहर घूमने जाता हूँ तो सारे मर्दों कि नजर मेरी माँ पर हि रहती हैं. माँ को कुत्ते पालने का बहुत शोक हैं हमारे घर में भि एक सन्जू नाम का कुत्ता हैं. लेकिन दोस्तो एक अजीब बात यह थी कि जब से पिताजी ने यहाँ आना छोड दिया था तब से माँ कुत्ते के साथ काफ़ी वक्त बिताने लगी थी.

कुत्ते का रहना भि माँ के कमरे में हि था. हर रोज रात होती थी तब कुत्ता बडे जोर जोर से भोन्कता था. इस कुत्ते के भोन्कने से मेरी नीन्द हि खराब भो गयी थी, इस कारण मैं रात को करिब 3 बजे माँ के कमरे कि तरफ़ चला गया तो मुझे कुत्ते कि आवाज के साथ माँ कि भि कुच्छ अजीब सि आवाजें आने लगी थी. माँ का दरवाजा अन्दर से बन्द था इस लिये मैंने पास हि पडे टेबल को लेकर दरवाजे के खिडकियों से देखा तो क्या. मेरी माँ पूरी नन्गी थी और उस के उपर उन कि चूत पर कुत्ता चड के माँ को चोद रहा था और माँ जोर जोर से सिस्कियां ले रही थी.

यह देख कर तो मैं भि हैरान हो गया था. ऐसा मन कर रहा था कि अभी दरवाजा तोड कर अन्दर जा के कुत्ते को हटा के माँ कि प्यासी चूत कि सारी प्यास मिटा दूँ. पर माँ से डर भि लगता था कहीं वो मुझसे गुस्सा तो नहीं करेगीं. रात भर मेरी नजरों के सामने वही माँ का नन्गा बदन दिखायी दे रहा था.  उस दिन से मेरा माँ कि तरफ़ देखने का नजरिया बदल गया था. अब वो मुझे माँ कम एक प्यासी औरत ज्यादा दिखने लगी थी.

एक दिन मैं नहाने बाथरूम में गया और माँ किचन में नाशता बना रही थी फ़िर मेरे दिमाग में एक प्लान आया. मैं बाथरूम से नहा कर आते समय टावल लपेट कर बाहर आया. तो देखा माँ भि वहीं पास हि किचन में खडी थी, माँ कि नजर मुझ पर पडी तो मैंने जान भूजकर अपनी कमर का टावल छोड दिया. तो माँ का ध्यान मेरे 6.5 इन्च के पूरे शेव किए लण्ड पर गया, मैंने भि थोडे आराम से टावल उठा कर कमर से लपेट लिया और अपने रूम में ऐसे चला गया कि जैसे कुच्छ हुआ हि नहीं.

फ़िर माँ मेरे पीछे पीछे दबे पैर से आयी और मुझे पता था कि माँ दरवाजे में खडी हैं तो मैंने पंखा चला कर फ़िर से टावल छोडा और बैड पर इस तरह लेट कर हवा खा रहा था कि माँ को मेरा पूरी तरह खडा लण्ड फ़िर से दिखायी दे.

थोडी देर बाद मैं पैन्ट पहन कर नाशता करने बाहर आया तो माँ का आज मेरी तरफ़ देखने का अन्दाज बदल गया था नाशता कर के माँ अपने कमरे गयी और मैं अपने कमरे चला गया.

थोडी देर बाद माँ ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया और मैं माँ के कमरे कि तरफ़ चला गया तो क्या. माँ अपने कपडे बदल रही थी माँ टापलेस्स थी और सिर्फ़ पैन्टी पहनी थी. मैं अन्दर जाते हि वापिस जा रहा था तभी माँ ने मुझे रोका और बडे प्यार से बोली, “बैटा यह ब्रा का हुक लगा दो प्लीस?” यह सुन कर मैं माँ के पास चला गया और ब्रा का हुक लगाने कि कोशिश करने लगा. लेकिन मेरा पूरा ध्यान माँ के नन्गे बदन पर था. धीरे धीरे मेरा लण्ड जोर का खडा हो गया. तभी माँ ने पूछा, “एक हुक लगाने के लिये इतना वक्त बैटा.” और माँ मेरी तरफ़ मुड गयी. अब माँ कि आगे से देख कर तो मेरा लण्ड और हि ज्यादा तन गया था.

माँ बोली बैटे तेरा ध्यान कहाँ हैं. तभी मैं बोला कहीं तो नहीं माँ. फ़िर मैंने ब्रा का हुक लगा दिया. फ़िर माँ नाइट ड्रेस पहन कर सोने कि तैयारी करने लगी. और अचानक लाइट चली गयी. माँ ने डर के मारे मुझे गले लगाया. मैंने भि माँ को जोर से पकड के रखा. एक दो मिनट के लिये वैसे हि रह गये. वैसे तो माँ को अन्धेरे का काफ़ी डर लगता हैं. फ़िर मैं अपने कमरे में जाने के तैयारी में था तभी माँ ने मुझे रोका और कहा, “आज रात तुम मेरे पास सो सकोगे मुझे काफ़ी डर लग रहा हैं.

हम दोनो एक हि बैड पर सो रहे थे. फ़िर रात को करीब 3 बजे मेरी आन्ख खुली और देखा तो माँ कि नाइट ड्रेस से माँ के बूब्स बाहर आ गये थे मेरी नजर उस पर जाते हि मेरा लण्ड फ़िर से जाग उठा मैंने देखा के माँ पूरी नीन्द में हैं. तभी मेरे दोनो हाथ माँ के बूब्स दबाने को आगे बडे मैं अब बडे प्यार से माँ के दोनो बूब्स मसलने लगा था. मुन्ह से चूसने लगा तभी माँ कि आन्ख खुल गयी. मैं एकदम से डर गया कि माँ मुझे डांटेगी लेकिन माँ ने बडे प्यार से कहा क्यों बैटा तुझे मेरे बूब्स पसन्द हैं न?

मैं भि समझ गया और जोर से माँ के बूब्स सक्क करने लगा. माँ बडे जोर जोर से सिस्कियां ले रही थी.  फ़िर मैंने अपनी पैन्ट उतार कर अपना 6.5 इन्च का तना हुव गन्ना बाहर निकाला. वो देख कर माँ बोली अरे तेरा  काफ़ी बडा हैं. फ़िर माँ बडे प्यार से उसे अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी थी. धीरे धीरे उसे अपने मुन्ह में घुसा के जोर जोर से आगे पीछे हिलाने लगी. करिब 10 मिनट के बाद मैंने माँ के मुन्ह में पानी छोड हि दिया.

अब माँ काफ़ी जोश में आ गयी थी. बैड से उठ कर अपने बदन से नाइट ड्रेस निकाल कर पूरी तरह नन्गी हो गयी थी. फ़िर यह देख कर के तो फ़िर से मेरा सोया हुआ लण्ड फ़िर से हरा भरा हो के खडा हो गया था. मैंने माँ को बैड पर फ़िर से लाकर नीचे से लेकर उपर तक किस्स किया. माँ का बदन काफ़ी गरम हो चुका था. फ़िर मैंने माँ के दोनो बूब्स के निप्पल को बडे प्यार से चाटना शुरु किया. माँ तो एक दम रन्डी कि तरह पेश आ रही थी. अब माँ गालिय देकर बोलने लगी थी. अबे सिर्फ़ माँ का दूध हि पियोगे या मादर चोद कि तरह माँ कि चूत को भि चाटेगा.

यह सुन कर तो मैं हैरान हो गया था. क्यों कि माँ के मुन्ह से मैंने अभी तक कभी भि गाली नहीं सुनी थी. फ़िर मैंने धीरे धीरे माँ कि चूत कि तरफ़ उन्गली करने लगा. मैंने अपने दो उन्गली माँ कि चूत में घुसाने कि कोशिश कि लेकिन माँ कि चूत इतनी टाइट थी कि उसमे उन्गली जा हि नहीं पा रही थी. फ़िर माँ ने रसोइ घर से शु्द घी का डिब्बा लाकर खुद अपनी चूत पर लगाया और बोली अब चोद अपने माँ को फ़िर मैंने माँ कि चूत में दो उन्गली डाली तो झट से चली गयी, बाद में मैंने 3 उन्गली डालने कि कोशिश कि तो माँ बोली साले पूरी रात उन्गली हि करोगे तो तेरा गन्ना क्या सिर्फ़ दिखाने के लिये रखा है.

फ़िर मैंने मेरे लण्ड माँ कि चूत में घुसाने कि कोशिश कि फ़िर धीरे धीरे वो अन्दर बाहर होने लगा लेकिन सिर्फ़ 2 इन्च हि अन्दर जा रहा था माँ को भि मजा आ रहा था. फ़िर मैंने घी कि डिब्बे से घी निकाला और अपने तने हुए लौडे पर लगाया. मेरा तना हुआ लौडा इतना गरम हुआ था कि मेरे लौडे पर लगाया हुआ घी भि पिघल गया. फ़िर मैंने बडे जोर जोर से माँ के चूत में अपने लौडे से धक्का देना शुरु किया अब माँ भि बडे जोर से चिल्लाने लगी थी. और तो और आज माँ का बडा प्यारा कुत्ता भि हम दोनो का से देख कर एक्साइटेड हो रहा था लेकिन मैंने उसे पहले हि बेल्ट से दरवाजे से बान्ध दिया था.

क्योंकि मैं जानता था कि वो यह सब देख कर माँ पर चडने कि कोशिश करेगा. पर वो चाह कर भि आज माँ को चोद नहीं सकता था क्योंकि माँ अब कुत्ते से बड कर मेरे लण्ड कि दिवानी हो चुकी थी. अब मैं और जोर से माँ चोद रहा था माँ चिल्ला रही थी. ऊइ……. माँ….. जरा धीरे से डालो बैटा बहुत….. ड्.र्.अ.द्…. हो…….. रहा….. हैं. लेकिन मैं अब अपने आप को रोक नहीं पा रहा था. दोनो हाथों से माँ के बूब्स और चूत को लण्ड से दोनो साइड से मैं काफ़ी मजा ले रहा था. और करिबन 20 मिनट तक माँ को जम कर चोद रहा था. तभी माँ भि अब मेरे सुर में सुर मिला कर अपनी कमर हिला-हिला के साथ देने लगी थी और कहने लगी थी. और जोर से बैटा क्या मजा आ रहा है. ज़िन्दगी में इतना बडे से मेरे साथ तेरे पापा ने भि नहीं किया था बडा मजा आ रहा हे लगे रहो मेरे बैटे लगे रहो……. !!

अब ये सुन कर तो मैंने जोर जोर से शोट मारना शुरु कर दिया लेकिन मेरा पानी छूटने वाला था काफ़ी देर तक रोक लिया था पर अब कन्ट्रोल के बाहर हो गया था और झट्ट से मैंने मेरे गुन्ने से पूरा रस माँ कि चूत को पिला दिया था. अब हम दोनो एक दम एक दुसरे के शरिर से शरिर चिपका के एक दम शान्त बैड पर पडे रहे. सिर्फ़ सान्स कि आवाज और दिल धडकने कि आवाज सुनायी दे रही थी. दोनो के बदन से पूरी तरह पसीना हि पसीना छूट रहा था फ़िर भि दोनो को एक अलग सा एहसास हो रहा था. क्यों कि अब हम माँ और बैटे का रिश्ते से बड कर एक नर और महिला के रिश्ते में प्रवेश कर चुके थे. क्यों कि वो एक प्यासी औरत और मैं एक भुखा मर्द जो था..

#एक #रत #म #क #सथ

एक रात माँ के साथ