शिखा का प्यार और उसी के घर पर चुदाई (Shikha Ka Pyar Aur Usi Ke Ghar Par Chudai)

शिखा का प्यार और उसी के घर पर चुदाई (Shikha Ka Pyar Aur Usi Ke Ghar Par Chudai)

प्रणाम दोस्तो.. आप सब लोगों के प्यार की ही मेहरबानी है.. जो मैं आज आप लोगों के सामने अपनी पहली कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी ज़रूर पसंद आएगी।

मेरा नाम मोहित है और मैं मौजूदा समय में लखनऊ स्थित विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. की पढ़ाई कर रहा हूँ।

वैसे तो मैं लड़कियों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देता था.. पर आप लोग तो जानते हो कि कॉलेज का माहौल कैसा होता है।
दोस्तो ये कहानी मेरी और मेरी क्लासमेट शिखा की है.. जो मेरे साथ पढ़ती थी।

तो आगे बात कुछ यूँ है कि एक दिन मैं फिज़िक्स प्रॅक्टिकल की क्लास में बैठा अपने दोस्तों के साथ बातें कर रहा था। कि तभी मेरे एक मित्र ने मुझे बताया- ओय.. शिखा को लगता है.. लड़कों की बातें सुनने का ज़्यादा शौक है.. देख तो कब से कान लगाए सुन रही है।
उसकी इस बात पर सब दोस्त हँस पड़े।

एक दिन मैं अकेला क्लासरूम में बैठा गणित के सवाल हल कर रहा था। तभी शिखा पता नहीं कहाँ से आकर मेरे पास बैठ गई।

आप लोग तो जानते हो कि अगर कोई लड़की आपके पास आकर बैठ जाए तो दिल में क्या-क्या होता है.. बिल्कुल वही मेरे साथ भी हो रहा था।

कुछ देर यूँ ही बैठे रहने के बाद मैंने उसे दोस्ती करने के लिए कहा.. तो उसने तुरंत ‘हाँ’ कर दी। इस तरह हम दोनों लगभग दो महीने तक दोस्त बनकर रहे।

फिर सभी लोगों की जिंदगी की तरह मेरी जिंदगी भी मस्त हुई जब एक दिन मैंने उसे सायबर कैफ़े में प्रपोज़ किया और उसने जैसे ही ‘हाँ’ कही.. तो मैंने तुरंत ही मौके का फ़ायदा उठाकर उसके होंठों और गले पर किस किया।

माँ कसम.. इतना अच्छा लगा कि उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

फिर तो यूँ ही आए-गए कभी-कभार चूम लेना.. गाहे-बगाहे चूचियाँ दबा देना आम बात हो गई।
लेकिन अब मेरा मूड उसे चोदने का था और साला पता नहीं क्यों मेरा नसीब भी कुछ जुगाड़ नहीं बनवा रहा था।

एक शाम जब मैं कॉलेज से घर जा रहा था कि तभी वो भी कॉलेज के गेट के बाहर मिल गई। बातों ही बातों में उसने बताया कि आज उसके पापा और मम्मी एक शादी समारोह में गए हुए हैं और आज तो उसे बोर ही होना पड़ेगा।

मैंने भी मौज लेते हुए कहा- मैं जब तक साथ हूँ तब तक तुम कभी बोर हो ही नहीं सकती हो.. अगर कहो तो घर चल सकता हूँ तुम्हारे.. लेकिन सिर्फ़ थोड़ी देर के लिए।

उसने हँस कर हामी भर दी।

फिर हम लोग ऑटो कर के उसके घर पहुँचे.. वो मुझसे बोली- आप थोड़ा वेट करो.. तब तक मैं चेंज कर के आती हूँ।

लगभग पाँच मिनट के बाद जब वो आई तो देख कर ही लण्ड खड़ा हो गया.. दिल तो कर रहा था कि उसे उम्र भर चूमता ही रहूँ।
मैंने मौका ना गंवाते हुए उसे पकड़ कर किस कर लिया और उसके बालों में अपना मुँह घुसाकर चूमने लगा।

मेरी इस हरकत से वो जोश में आ गई और मेरे होंठों पर चुंबन करने लगी, हम दोनों एक-दूसरे को कुछ मिनट तक यूँ ही मसलते रहे।

मैंने धीरे-धीरे उसके टॉप को उठाना शुरू किया और उसकी पतली सी कमर पर चुंबनों की शुरूआत कर दी।
उसकी आँखें पूरी तरह बंद थीं और वो बस मज़ा लिए जा रही थी।

फिर मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसकी चूचियों को चूमना चालू कर दिया।

शिखा का जोश इतना बढ़ गया था कि जब मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था.. तो वह भी अपनी चूत को मेरे लण्ड से लगातार रगड़े जा रही थी।
देर तक मैं उसकी दोनों चूचियों को बारी-बारी से चूसता रहा।

जब हम दोनों पर सेक्स की गर्मी पूरी तरह चढ़ गई। तब मैं उसके लोवर के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने और चूमने लगा। थोड़ी ही देर में मुझे उसके पज़ामे पर गीला-गीला महसूस हुआ।

मुझ पर तो पहले से ही चुदास की खुमारी चढ़ी हुई थी। अब तो बस शिखा की चुदाई की देरी थी।

मैंने हाथ नीचे ले जाकर उसके लोवर को आराम से उतार दिया, वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी आँखें बंद किए हुए लेटी थी।
मैंने धीरे से उसके कान में पूछा- फर्स्ट टाइम है ना जानू?

तो उसने भी ‘हाँ’ में सर हिलाया.. लेकिन मुँह से कुछ ना बोली।

मैंने एक हाथ बढ़ाकर धीरे से बिस्तर पर पड़ी चादर को खोल लिया और उसे हम दोनों के ऊपर डाल लिया ताकि शिखा को ज़्यादा परेशानी ना हो।

मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा करके अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और एक हल्का सा झटका लगाया.. तो उसके मुँह से एक हल्की सी ‘आह..’ निकल गई पर मेरा लण्ड अन्दर नहीं घुसा।

तब मैंने सोचा कि यह पक्का सील-पैक माल है.. तो थोड़ी मेहनत करनी ही पड़ेगी।
यही सोच कर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर एक तेज़ धक्का मारा.. तो वो बहुत तेज़ चीखी और अपना सर इधर-उधर हिलाने की कोशिश करने लगी।

मैंने मजबूती से उसके हाथों को पकड़कर एक जोरदार धक्का फिर से लगाया और पूरा लण्ड चूत के अन्दर घुसा दिया।
थोड़ी देर के बाद उसका दर्द जब कम हुआ.. तो मैंने धक्के तेज़ तेज़ लगाने शुरू कर दिए।

लगभग दो मिनट के बाद वो भी नीचे से धक्के लगाकर मेरा साथ देने लगी। मैं उसे किस किए जा रहा था और पूरे कमरे में ‘फच.. फच..’ की आवाज़ हो रही थी।

एक ही तरह से लगभग मैंने उसे काफी देर तक चोदा और उस दौरान वो एक बार झड़ भी चुकी थी।

फिर जब मेरा झड़ने को हुआ.. तो मैंने उससे बिना कुछ पूछे पूरा लण्ड चूत की जड़ तक डाल दिया और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में गिरा दिया।

हम दोनों लोगों का पहली बार सेक्स होने की वजह से कुछ ज़्यादा मालूम नहीं था.. परंतु धीरे-धीरे मैंने उसे कई बार चोदा। दो साल के बाद उसका इंजीनियरिंग में नाम आने की वजह से वो देहरादून चली गई।

कभी-कभी उससे फ़ोन पर बात हो जाती है।

दोस्तो, मुझे आप लोगों के जवाब का इंतजार रहेगा।
[email protected]

शिखा का प्यार और उसी के घर पर चुदाई (Shikha Ka Pyar Aur Usi Ke Ghar Par Chudai)

#शख #क #पयर #और #उस #क #घर #पर #चदई #Shikha #Pyar #Aur #Usi #Ghar #Par #Chudai

शिखा का प्यार और उसी के घर पर चुदाई (Shikha Ka Pyar Aur Usi Ke Ghar Par Chudai)