सब्जी वाले का फौलादी लंड

सब्जी वाले का फौलादी लंड

सब्जी वाले का फौलादी लंड

हाय फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे | मेरा नाम प्रतिमा है और मैं झारखण्ड की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 34 साल है और मैं शादीशुदा हूँ | मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरा बदन एक दम भरा हुआ है | मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है और मेरे दूध और चूतड़ बड़े हैं | मेरे दो बेटे हैं और दोनों स्कूल में पढाई करते हैं | मेरे पति प्राइवेट जॉब करते हैं | दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के लिए`कहानी लिखने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की एक दम सच्ची घटना है | मैं उम्मीद करती हूँ कि आप लोगो को मेरी कहने पसंद आयगी | मेरी ये पहली कहानी है तो हो सकता है कि मुझसे गलती हो सकती है | अगर आप लोगो को मेरी गलती नजर आये तो कृपया नजरंदाज करके कहानी का मजे लेना | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए सीधा अपनी कहानी शुरू करती हूँ |

दोस्तों मेरे घर में मैं और मेरे पति साथ में दो बेटे रहते हैं | हमारा परिवार एक दम अच्छे से और हँसते खेलते रहता था | लेकिन सिर्फ मेरा परिवार मैं नहीं | मैं इसलिए खुश नहीं रहती थी क्यूंकि मेरे पति अब नामर्द जैसे हो गए हैं | मेरा पति मुझे नहीं चोदता और मैं मेरी चूत को लंड चाहिए | मेरा पति रात को काफी लेट घर आता था और शराब पी कर आता था | मुझे उसके शराब पीने से कोई दिक्कत नहीं थी क्यूंकि वो मेरे साथ कभी बदतमीजी नहीं करता था | लेकिन वो मेरी चुदाई भी नहीं करता था ये बात मुझे बहुत खलती थी | मैं हर बार सोचती कि काश कोई अच्छा सा मोटा लंड मेरी चूत में घुसे और मेरा रोम रोम भड़का दे | यही सब सोच कर मेरी चूत गीली हो जाती | मेरी चूत को लंड ऐसा चाहिए कि बस मेरी चूत को भोसड़ा बना दे | एक दिन की बात है और मेरा पति काम पर गया हुआ था और मेरे दोनों बेटे भी स्कूल गए हुए थे | उस दिन मेरी चूत में ऐसी आग लगी हुई थी कि मैं बता नहीं सकती | मैं अपने आँगन में पीछे गई और वहां सीड़ी पर बैठ कर अपने ब्लाउज के दोनों हुक खोल कर और ब्रा को ऊपर खिसका कर अपने दूध बाहर निकाल कर बैठ गयी | फिर अपनी साड़ी को ऊपर खिसका कर पेंटी भी उतार दी | उसके बाद मैं जोर जोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी और एक हाँथ से अपने दोनों दूध को बारी बारी से मसल रही थी | जब मैं ऐसा कर रही थी तब मेरे मुँह से आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां निकल रही थी | मैं जोर जोर से अपनी चूत को आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां लेते हुए रगड़ रही थी | करीब 15 मिनट तक मैंने अपनी चूत को खूब रगड़ा और वहीँ रस्खलन हो गया मेरी चूत का | मुझे बहुत अच्छा लगा तो मैं 5 मिनट तक वहीँ नंगी ही लेटी रही | फिर मैं उठी और नहाने चले गई | जब मैं नहा कर आई तो बाहर सब्जी वाले की आवाज़ आई | मैंने सोचा कि चलो रात के लिए सब्जी ले लूं | उस समय मैंने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी और एक पतले से कपड़े का गाउन पहना हुआ था | मेरा बदन गीला था तो उसमे मेरा गाउन चिपक गया और मेरे निप्पलस साफ़ नजर आने लगे थे | ये बात मुझे मालुम थी लेकिन मुझे कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था | मैं सब्जी लेने बाहर गई और सब्जी लेने लगी | मैं देख रही थी कि सब्जी वाला मुझे और मेरे दूध को घूर घूर कर देख रहा था | मुझे उसका ऐसा देखना अच्छा लग रहा था पर मैं उससे चुदवा तो नहीं सकती थी क्यूंकि और भी लेडीज वहां पर सब्जियां ले रही थी | सब्जी लेने के बाद मैं घर आ गई | मुझे इतना अंदाजा हो गया था कि सब्जी वाले का तो पक्का लंड खड़ा हो ही गया होगा | वो सब्जी वाला हर हफ्ते आता था क्यूंकि वो हर एक एरिया में जाता था | हमारे कॉलोनी के काफी लोग उसे सब्जी लेते थे क्यूंकि वो एक दम ताजा सब्जियां बाजार से लाता था |

अगले हफ्ते वो फिर आया लेकिन उस समय मेरे घर में सब लोग थे तो मैं उससे नहीं चुदा सकी लेकिन हाँ मैंने उसे इशारो इशारो में समझा दिया था कि मेरी चूत प्यासी है और मुझे एक तगड़े लंड की जरुरत है | ऐसे ही करते करते मुझे काफी दिन हो गए पर मौका नहीं मिल पा रहा था कि कैसे मैं उसे अन्दर बुलाऊं और उससे अपनी चूत चुद्वाऊ ? मैं हर दिन बस उस सब्जी वाली याद में अपनी उँगलियाँ चूत में चलाती | वो सब्जी वाला लगभग 40 साल की उम्र का होगा और उसका बदन एक दम गठीला था और उसकी कदकाठी एक पहलवान के जैसी थी | मैं तो बस ये सोच कर चूत से पानी निकाल लेती कि कितनी बेरहमी से वो मुझे चोदेगा | फिर दिन वो मेरे घर के सामने से निकल रहा था और उस दिन उसने सब्जी का ठेला भी नहीं लिया था | मैंने उसे रोका और पूछा कि आज तुम सब्जी नहीं लाये क्या ? तो उसने कहा मेम साब गया था बाजार लेने सब्जी | पर बहुत महंगी पड़ रही थी क्यूंकि जहाँ से सब्जियां आती हैं वहां ट्रक फंसे हुए हैं | मैंने कहा अच्छा तो अभी कहाँ जा रहे हो ? तो उसने कहा कि मैडम कहीं नहीं बस पान की दुकान जा रहा हूँ गुटका लगवाने | मैंने सोचा कि ये अच्छा मौका है अगर आज मैं इसे अपनी चूत चुदवा भी लूं तो किसी को शक भी नहीं होगा | मैंने उससे कहा कि अन्दर आओ मुझे तुमसे एक काम है | उसने अन्दर आते हुए कहा हाँ बोलिए | मैंने कहा देख आज मेरे घर में कोई नहीं है और मुझे लंड की बहुत जरूरत है | मुझे तुझसे अपनी चूत चुदवाना है | तो उसने कहा अरे डार्लिंग इसके लिए तो मैं हमेशा तैयार हूँ | इतना कह कर उसने मुझे अपने गले से लगा लिया और वो कभी मेरे बदन को सहलाता तो कभी मेरी गांड को दबाता | मुझे भी अच्छा लग रहा था उसका ऐसा करना और मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी | फिर वो अपने होंठ मेरे होंठ के पास ले कर आया तो मैंने तुरंत उसके चेहरे को पकड़ कर अपने होंठ से उसके होंठ को दबा दिया और चूसने लगी | वो भी मेरे होंठ को चूस रहा था | हम दोनों ने 10 मिनट तक होंठ को चूसा | फिर मैंने अपना गाउन उतार दिया और बस ब्रा पेंटी में उसके सामने खड़ी हो गई | वो मेरे पास आया और मेरे ब्रा के ऊपर से ही मेरे दूध को मसलने लगा तो मेरे मुँह से आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | फिर उसने ब्रा को भी अलग कर दिया और मेरे दोनों दूध को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए उसके लंड को पेंट के ऊपर से ही मसलने लगी | उसके बाद मैंने उसके कपड़े उतार कर उसे भी पूरा नंगा कर दिया और उसके लंड को अपने हाँथ में ले कर जीभ से चाटने लगी तो वो आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए निप्पलस दबाने लगा | उसके लंड को चाटने के बाद मैं उसके लंड को अपने मुँह के अन्दर ले कर चूसने लगी तो वो भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए मेरे मुँह को चोदने लगा |

मुझे काफी मजा आ रहा था | फिर उसने मुझे लेटा दिया और पेंटी को उतार कर मेरी चूत को चाटने लगा तो मैं आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए आन्हे भरने लगी | मेरी चूत को उसने बहुत अच्छे से चाटा और मुझे मदहोश कर दिया | फिर उसने अपने फौलादी लंड को मेरी चूत में टिका कर अन्दर पेल दिया और चुदाई शुरू कर दी तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | वो काफी देर तक मुझे ऐसे ही चोद रहा था और फिर उसने एक दम से अपनी चुदाई तेज कर दी  और जोर जोर से शॉट लगाते हुए चोदने लगा तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां भरते हुए चुदाई में उसका साथ देने लगी | करीब आधे घंटे की चुदाई करने के बाद उसने अपना वीर्य मेरे मुँह में छोड़ दिया | उसके बाद उसको मैंने चुपके से घर से बाहर किया |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी |

सब्जी वाले का फौलादी लंड

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